Youth power in Indian democracy भारतीय लोकतंत्र में युवा शक्ति: उभरता भविष्य…
भारत, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, अपने सबसे बड़े और पावन पर्व, आम चुनाव का आयोजन बड़े धूमधाम से कर रहा है। यह पर्व न केवल सरकार के चयन का महत्वपूर्ण अवसर होता है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की शक्ति और नागरिकों की संलग्नता को भी प्रदर्शित करता है। इस वर्ष के लोकसभा चुनाव सात चरणों में पूर्ण होने वाले हैं और इन्हें देश के इतिहास के सबसे बड़े चुनाव के रूप में देखा जा रहा है। पहले चरण का मतदान पूर्ण हो चुका है और शेष चरणों का उत्सुकता से इंतजार है।
जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा
भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा युवाओं का है, जिसे हम ‘यंगिस्तान’ के नाम से भी जानते हैं। 18 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार प्राप्त है, लेकिन आंकड़ों के अनुसार, लगभग 66 प्रतिशत युवा मतदाता हैं। यह अनुपात किसी भी राष्ट्र की दिशा और दशा बदलने में सक्षम है। आज का युवा पहले के मुकाबले अपने राष्ट्र के प्रति अधिक जागरूक और सक्रिय हो गया है। यह जागरूकता और सक्रियता हमारे लोकतंत्र के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
युवा वर्ग की यह जागरूकता विभिन्न घटनाओं और आयोजनों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उदाहरण के लिए, गतवर्ष महिला समन्वय की तरफ से ब्रज प्रांत में महिला सम्मेलन आयोजित किया गया था और इस वर्ष तरुणी एवं युवा सम्मेलनों का आयोजन विभिन्न स्थानों पर हुआ। इन सम्मेलनों में युवाओं, विशेषकर युवा तरुणियों की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि हमारा युवा मतदाता अपने राष्ट्र की उन्नति को लेकर संवेदनशील है।
आज का युवा केवल फैशन, कैरियर और टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं है, बल्कि वह अपनी संस्कृति और राष्ट्र के हितों के प्रति भी जागरूक है। इस बात की पुष्टि तब हुई जब चुनाव आयोग ने इस वर्ष के आंकड़े जारी किए। मतदाता सूची के पुनरीक्षण में यह स्पष्ट हुआ कि 18 से 29 वर्ष के आयु वर्ग में 2.63 करोड़ नए मतदाताओं ने पंजीकरण कराया है। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक रही। यह तथ्य अत्यंत हर्ष का विषय है, जो दर्शाता है कि युवाओं, विशेषकर महिलाओं में अपने राष्ट्र के प्रति एक जागरूक दृष्टिकोण विकसित हो रहा है।
भारत की युवा पीढ़ी
भारत की युवा पीढ़ी आज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और इन परिस्थितियों में भारत की भूमिका को गंभीरतापूर्वक देख रही है और विचार कर रही है। यह बदलाव सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। इंटरनेट और सोशल मीडिया की व्यापक पहुँच ने इस जागरूकता को बढ़ावा दिया है। युवा आज हर मुद्दे पर न केवल अपनी राय रखते हैं, बल्कि उसे साझा भी करते हैं और अपने विचारों को सामाजिक और राजनीतिक मंचों पर प्रकट करते हैं।
युवाओं की यह सक्रियता
युवाओं की यह सक्रियता न केवल वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भविष्य के लिए भी आवश्यक है। यह जागरूकता सुनिश्चित करती है कि हमारा लोकतंत्र मजबूत और स्थायी बना रहे। युवा मतदाताओं का बढ़ता प्रतिशत यह सुनिश्चित करता है कि हमारी सरकारें और नीतियाँ युवाओं के विचारों और आवश्यकताओं को प्रतिबिंबित करें।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत का युवा मतदाता अब केवल राजनीतिक दलों के चुनावी वादों से प्रभावित नहीं होता। वह उनके कार्यों और नीतियों का विश्लेषण करता है, उनके प्रभाव का मूल्यांकन करता है और फिर अपने मत का प्रयोग करता है। यह परिवर्तन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत है।
युवाओं की इस नई जागरूकता का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह भी है कि वे अब सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर भी गहरी रुचि दिखा रहे हैं। स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण, और पर्यावरण संरक्षण जैसे अभियानों में उनकी भागीदारी अत्यंत उत्साहवर्धक है।
भारतीय लोकतंत्र में युवाओं की इस बढ़ती भागीदारी को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि हमारा भविष्य उज्जवल है। हमारे युवा अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति सजग हैं और यह जागरूकता ही हमारे राष्ट्र की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी।
अंततः, भारतीय लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी न केवल वर्तमान चुनौतियों का सामना करने में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि यह हमारे देश को एक सशक्त और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस प्रकार, यह आवश्यक है कि हम सभी अपने युवाओं को समर्थन और प्रोत्साहन दें ताकि वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ सकें और उन्हें सही ढंग से निभा सकें।
युवा शक्ति के इस जागरण के साथ, हमें विश्वास है कि भारतीय लोकतंत्र और भी मजबूत और सशक्त बनेगा, जो हमारे राष्ट्र के लिए गौरव का विषय होगा।