अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि महिलाओं के अधिकारों, समानता और सशक्तिकरण का संकल्प दोहराने का अवसर भी है। इसी भावना के साथ उत्तराखंड सचिवालय संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने इस विशेष अवसर पर सचिवालय के सभी कार्मिकों को शुभकामनाएं दीं और महिलाओं की भागीदारी को मजबूत करने का आह्वान किया। Women Safety
महिलाओं के अधिकारों की रक्षा का संकल्प Women Safety
मुख्य सचिव ने कहा कि महिलाओं को समानता का अधिकार देने के लिए संकल्प लेना अनिवार्य है। यह केवल एक औपचारिकता नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। समाज में महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के लिए हमें संगठित होकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति अपने आसपास महिलाओं के साथ किसी प्रकार का अन्याय या असमानता देखता है, तो उसे उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष जोर
महिलाओं की प्रगति के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य दो सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि जब महिलाएं शिक्षित होंगी और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगी, तो वे न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे समाज की प्रगति में योगदान देंगी। शिक्षा से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलता है, जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो पाती हैं और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ खड़ी हो सकती हैं।
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आर्थिक सशक्तिकरण और वर्कफोर्स में भागीदारी Women Safety
महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और कार्यबल में उनकी सक्रिय भागीदारी, विकसित समाज की नींव रखती है। यदि उत्तराखंड को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, तो महिलाओं की भागीदारी को अनिवार्य बनाना होगा। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) को दोगुना करने का लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है जब महिलाओं को अधिक से अधिक वर्कफोर्स से जोड़ा जाए। Women Safety
मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार और समाज को मिलकर महिलाओं के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना होगा, जिससे वे निर्भीक होकर अपने करियर में आगे बढ़ सकें। कार्यस्थलों पर लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए नीतियों और योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना बेहद जरूरी है।
महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास
महिला सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता में शामिल होनी चाहिए। महिलाओं को बिना डर के आगे बढ़ने के लिए एक सुरक्षित और सकारात्मक माहौल चाहिए। उत्तराखंड सरकार महिलाओं के लिए सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।
मुख्य सचिव ने इस अवसर पर विभिन्न सरकारी योजनाओं और पहलुओं पर भी प्रकाश डाला, जिनका उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।
सशक्त उत्तराखंड के लिए महिला नेतृत्व की आवश्यकता
उत्तराखंड को विकसित और सशक्त बनाने के लिए महिलाओं की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हमें महिलाओं को नेतृत्व की जिम्मेदारियां देनी होंगी, ताकि वे समाज और प्रशासन में अपनी भागीदारी बढ़ा सकें।
मुख्य सचिव ने कहा कि “यदि हमें एक विकसित भारत और सशक्त उत्तराखंड का सपना पूरा करना है, तो महिलाओं को समाज के हर क्षेत्र में समान अवसर देने होंगे।”
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस केवल एक दिन के उत्सव तक सीमित नहीं होना चाहिए। यह एक ऐसा अवसर है, जब हम अपने भीतर झांक कर देखें कि हमने महिलाओं के उत्थान के लिए क्या किया है और आगे क्या कर सकते हैं। Women Safety
महिला सशक्तिकरण की दिशा में उत्तराखंड सरकार के प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन इसे और प्रभावी बनाने के लिए समाज के हर व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी होगी। जब हर घर, हर परिवार, हर संस्था महिलाओं को समान अवसर और सम्मान देने के लिए आगे आएगी, तब ही सशक्त भारत और सशक्त उत्तराखंड का सपना साकार होगा।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इस शुभ अवसर पर, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम महिलाओं को समानता और सम्मान देंगे, उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे और एक बेहतर समाज बनाने में योगदान देंगे।