देहरादून में भूतपूर्व सैनिकों और वीर नारियों के साथ एक विशेष समागम का आयोजन किया।
कई सैनिक और वीर नारियां दूरदराज के इलाकों में निवास करते हैं, जिन्हें सरकारी योजनाओं और अधिकारों की पूरी जानकारी नहीं होती। लेफ्टिनेंट जनरल लखेड़ा ने इस समस्या के समाधान के लिए एक ठोस योजना बनाई है।
भूतपूर्व सैनिकों और वीर नारियों की समस्याएं असम राइफल्स के भूतपूर्व सैनिकों और वीर नारियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता – पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं। – आयुष्मान भारत और ईसीएचएस योजनाओं का लाभ लेने में भूतपूर्व सैनिकों को दिक्कतें आती हैं। – कई सैनिकों और वीर नारियों को इन योजनाओं की पूरी जानकारी नहीं होती।
समाधान के लिए विशेष टीम का गठन भूतपूर्व सैनिकों और वीर नारियों की समस्याओं को दूर करने के लिए असम राइफल्स एक विशेष टीम का गठन करने जा रही है। A. टीम में स्थानीय सैनिक और अधिकारी होंगे – इस टीम में उन्हीं क्षेत्रों के जेसीओ, जवान और अधिकारी शामिल होंगे, जो पहले वहां तैनात थे और स्थानीय परिस्थितियों से परिचित हैं। – यह टीम दूरदराज के इलाकों का दौरा करेगी और सैनिकों एवं वीर नारियों की समस्याएं सुनेगी।
वीर नारियों के सम्मान और सहयोग के लिए पहल वीर नारियां वे महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने पति को देश की रक्षा में खो दिया। इनका सम्मान और सहयोग करना असम राइफल्स का नैतिक दायित्व है।
सैनिकों के लिए सामुदायिक भागीदारी बढ़ाना लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने कहा कि पूर्व सैनिक और वीर नारियां हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्हें केवल सरकारी मदद की जरूरत नहीं, बल्कि पूरे समाज को भी उनकी समस्याओं को समझना होगा।
असम राइफल्स ने भूतपूर्व सैनिकों और वीर नारियों की समस्याओं को दूर करने के लिए एक ठोस कदम उठाया है। मुख्य बिंदु: ✅ दूरदराज के क्षेत्रों में सैनिकों और वीर नारियों की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष टीम का गठन। ✅ वीर नारियों के कल्याण के लिए आर्थिक सहायता और स्वरोजगार योजनाएं। ✅ आयुष्मान भारत और ECHS स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार। ✅ पूर्व सैनिकों के लिए वार्षिक सम्मेलन और पुनर्वास योजनाएं। ✅ समाज और प्रशासन की भागीदारी से सैनिकों को सहायता प्रदान करना।