कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल की पहल पर विद्या सेतु 2025 (Vidya Setu 2025) कार्यक्रम का आयोजन चाणक्य लॉ कॉलेज, रुद्रपुर में किया गया। इस विशेष आयोजन में पोस्टर प्रतियोगिता, मैनेजमेंट गेम्स और “कार्यस्थल में लिंग कोटा: आवश्यकता या भेदभाव” विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल शिक्षा के नए आयामों को प्रदर्शित करने का माध्यम बना, बल्कि विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा और विचारों को प्रस्तुत करने का एक उत्कृष्ट मंच भी प्रदान किया।
कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर गीता तिवारी (अपर निदेशक, आई.क्यू.ए.सी.) उपस्थित रहीं। कॉलेज के चेयरमैन श्री एस. पी. सिंह ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई।
वाद-विवाद प्रतियोगिता: विचारों की टकराहट Vidya Setu
वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय “कार्यस्थल में लिंग कोटा: आवश्यकता या भेदभाव” रखा गया, जो आज के सामाजिक और व्यावसायिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण विषय है। प्रतियोगिता में छात्रों ने शानदार तर्क प्रस्तुत किए और निर्णायक मंडल को प्रभावित किया।
प्रतियोगिता के विजेता:
✅ पक्ष में:
- रितिका भट्ट – प्रथम स्थान
- मानसी गुप्ता – द्वितीय स्थान
✅ विपक्ष में:
- शांभवी सिंह – प्रथम स्थान
- हर्षवर्धन – द्वितीय स्थान
निर्णायक मंडल में प्राध्यापक सलीम अहमद, अनिल कुमार और आयशा अमीन शामिल थे, जिन्होंने प्रतिभागियों के प्रदर्शन को निष्पक्षता और सूझबूझ से आंका।
रचनात्मकता का मंच: पोस्टर प्रतियोगिता और मैनेजमेंट गेम्स Vidya Setu
प्रतियोगिता का एक अन्य आकर्षण पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता और मैनेजमेंट गेम्स थे, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी कल्पनाशीलता और प्रबंधन कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेता:
🥇 मानसी गुप्ता – प्रथम स्थान
🥈 शिवानी अग्रवाल – द्वितीय स्थान
मैनेजमेंट गेम्स के विजेता:
🥇 मानवी सक्सेना की टीम – विजेता
छात्रों के लिए प्रेरणादायक संदेश
मुख्य अतिथि प्रोफेसर गीता तिवारी ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को समय प्रबंधन, तनाव मुक्त रहने और लक्ष्य प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों, मूट कोर्ट आदि में भी भाग लेना चाहिए। इससे उनमें रिसर्च और लीडरशिप की प्रवृत्ति विकसित होगी, जो उनके संपूर्ण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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विद्या सेतु: शिक्षा और मार्गदर्शन का संगम
कार्यक्रम के अंत में कॉलेज की प्राचार्या डॉ. दीपाक्षी जोशी ने विद्या सेतु की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह केवल एक शैक्षणिक पहल नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय और कॉलेजों के बीच एक मजबूत संपर्क सेतु है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को अधिक सुविधाएं और मार्गदर्शन प्राप्त होगा, जिससे उनकी शिक्षा को नया आयाम मिलेगा।
कार्यक्रम की विशिष्ट उपस्थिति
इस आयोजन में कई गणमान्य शिक्षाविदों और प्राध्यापकों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रमुख रूप से प्राध्यापक प्रतिभा सिंह, डॉ. रूबीना, डॉ. हरकमल कौर, डॉ. निशा, उपासना तिवारी, दीपाली नाबियाल, आकांक्षा रघुवंशी, अनुज सिकदर, दीपक गोस्वामी आदि शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन जोहा अंसारी और वंश शाह द्वारा किया गया, जिन्होंने पूरे आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विद्या सेतु (Vidya Setu) 2025
विद्या सेतु (Vidya Setu) 2025 केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा और प्रबंधन कौशल में पारंगत किया, बल्कि उन्हें रचनात्मकता, तर्कशक्ति और नेतृत्व कौशल विकसित करने का भी अवसर प्रदान किया।
इस तरह की पहल न केवल विद्यार्थियों की शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करती हैं, बल्कि उन्हें एक उज्जवल भविष्य के लिए तैयार भी करती हैं। विद्या सेतु 2025 निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा।