वसंतोत्सव-2025 (Vasantotsav-2025) के प्रथम दिवस के अवसर पर राजभवन, देहरादून में एक भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस आयोजन का शुभारंभ उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने दीप प्रज्वलित कर किया। यह संध्या उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और लोक कलाओं को समर्पित थी, जिसमें पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुतियों का शानदार प्रदर्शन किया गया।
सांस्कृतिक संध्या की प्रमुख विशेषताएँ
इस संध्या का आयोजन संस्कृति विभाग, उत्तराखंड द्वारा किया गया, जिसमें उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कलाओं की मनोरम प्रस्तुतियाँ देखने को मिलीं।
- जौनसारी कलाकारों द्वारा हारूल और तांदी नृत्य
- उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति को दर्शाते हुए जौनसारी कलाकारों ने हारूल और तांदी नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति दी।
- इन नृत्यों में परंपरा, भावनात्मक अभिव्यक्ति और सामाजिक जीवन का उत्कृष्ट समन्वय देखने को मिला।
- गढ़वाली एवं कुमाऊँनी लोकनृत्यों की भव्य प्रस्तुति
- संस्कार सांस्कृतिक दल ने कुमाऊँनी लोकनृत्य के माध्यम से ‘शिव वंदना’ प्रस्तुत की।
- ब्रह्म कमल दल द्वारा गढ़वाली लोकनृत्य ‘नाथ शम्भू भोले नाथ’ की प्रस्तुति दी गई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
- संगीत एवं लोकगीतों की प्रस्तुतियाँ
- भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय के छात्रों ने ‘शंकर अति प्रचंड’ की प्रस्तुति दी।
- प्रसिद्ध लोकगायिका हेमा नेगी ने ‘शिव जागर’ और अन्य लोकगीतों से समां बांध दिया।
- लोककला एवं संस्कृति का प्रदर्शन
- विभिन्न लोक कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिससे उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति का अद्भुत नजारा प्रस्तुत हुआ।
- सांस्कृतिक संध्या में लोक धुनों, पारंपरिक वेशभूषा और नृत्य का मिश्रण देखने को मिला।
https://youtu.be/w8gpCXVkZDk?t=7
दर्शकों की उत्साही प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथियों और दर्शकों ने कलाकारों की प्रस्तुतियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। विशेष रूप से शिव जागर और पारंपरिक नृत्य दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहे। Vasantotsav-2025
उपस्थित गणमान्य अतिथि:
- प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर
- कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी
- सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन
- अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया
- निदेशक संस्कृति बीना भट्ट
वसंतोत्सव का महत्व और भविष्य की योजनाएँ Vasantotsav-2025
वसंतोत्सव उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित और प्रचारित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। राज्य सरकार भविष्य में इस उत्सव को और भी भव्य बनाने के लिए नए सांस्कृतिक कार्यक्रमों को शामिल करने की योजना बना रही है।
भविष्य की योजनाएँ:
- युवाओं को पारंपरिक लोक कला से जोड़ना
- आधुनिक और पारंपरिक कलाओं का समावेश
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की संस्कृति को बढ़ावा देना
Vasantotsav-2025
वसंतोत्सव-2025 (Vasantotsav-2025) के प्रथम दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या उत्तराखंड की लोकसंस्कृति का जीवंत प्रदर्शन थी। यह आयोजन लोककला, संगीत और नृत्य के माध्यम से राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल थी। ऐसे उत्सव संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने में सहायक होते हैं और भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजनों की निरंतरता आवश्यक है।