महिला सशक्तिकरण किसी भी समाज की प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसी दिशा में उत्तराखंड की मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने UN Women India के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना था। इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा, लैंगिक समानता और परिवहन सुविधाओं को और प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया गया। UN Women India
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने आंगनबाड़ी भवनों का बहुउद्देशीय कार्यों में उपयोग करने, ड्रॉपआउट महिलाओं के लिए शिक्षा नियमों में संशोधन करने, और छात्राओं के लिए सुलभ व किफायती परिवहन व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
बैठक के मुख्य बिंदु
बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई, जिनमें प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- ड्रॉपआउट महिलाओं को फिर से शिक्षण संस्थानों में प्रवेश दिलाने के लिए नियमों में उदार संशोधन।
- आंगनबाड़ी भवनों का बहुउद्देशीय उपयोग, विशेष रूप से महिलाओं के कौशल विकास के लिए।
- महिला छात्रों को कम लागत में बेहतर परिवहन सुविधा प्रदान करने हेतु ठोस कार्ययोजना।
- महिला सशक्तिकरण योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए विभिन्न विभागों के समन्वय को मजबूत करना।
- राज्य में महिला सुरक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए UN Women India का सहयोग।
ड्रॉपआउट महिलाओं के लिए शिक्षा के द्वार खोलने की पहल UN Women India
शिक्षा किसी भी व्यक्ति के जीवन को संवारने का सबसे प्रभावी माध्यम है, लेकिन विभिन्न परिस्थितियों के कारण कई महिलाएँ उच्च शिक्षा पूरी नहीं कर पातीं। बैठक में मुख्य सचिव ने उच्च शिक्षा सचिव को निर्देश दिया कि ऐसी महिलाओं के लिए शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।
महिलाओं की अधूरी शिक्षा को पूरा करने के लिए प्रस्तावित कदम:
- विशेष प्रवेश प्रक्रिया: ड्रॉपआउट महिलाओं को दोबारा शिक्षण संस्थानों में प्रवेश देने के लिए लचीली प्रवेश प्रणाली विकसित की जाएगी।
- ऑनलाइन शिक्षा: महिलाओं को घर बैठे पढ़ाई करने के लिए डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
- शिक्षा योजनाओं से जोड़ना: सरकारी योजनाओं के माध्यम से शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
आंगनबाड़ी भवनों का बहुउद्देशीय उपयोग
गांवों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र अब केवल बच्चों के पोषण केंद्र तक सीमित नहीं रहेंगे। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिया कि इन भवनों का उपयोग महिलाओं के कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों के रूप में किया जाए।
आंगनबाड़ी भवनों में संचालित की जाने वाली योजनाएँ:
- महिलाओं के लिए सिलाई, बुनाई, कढ़ाई और अन्य हस्तशिल्प प्रशिक्षण।
- डिजिटल साक्षरता और कंप्यूटर शिक्षा के कोर्स।
- स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिससे महिलाएँ आत्मनिर्भर बन सकें।
- स्वास्थ्य एवं पोषण जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन।
इस पहल से गाँव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिलेगा।
छात्राओं के लिए सस्ती और सुलभ परिवहन सुविधा
महिलाओं की शिक्षा में परिवहन एक बड़ी बाधा बन सकता है। दूरदराज़ के क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को महंगे और असुरक्षित परिवहन के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। इस समस्या को हल करने के लिए मुख्य सचिव ने शिक्षा और परिवहन विभाग को एक प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
महिलाओं के लिए परिवहन सुविधा सुधारने के लिए सुझाव:
- छात्राओं के लिए विशेष बस सेवा शुरू करना।
- कम लागत में पास सुविधा उपलब्ध कराना।
- रूटों का विस्तार कर दूरदराज़ के क्षेत्रों को भी जोड़ना।
- परिवहन सेवा को सुरक्षित और महिलाओं के अनुकूल बनाना।
यह कदम न केवल महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करेगा बल्कि उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
महिला सशक्तिकरण के लिए विभागों का आपसी समन्वय
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने महिला सशक्तिकरण योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विभिन्न विभागों को समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए।
इसमें शामिल प्रमुख विभाग:
- नियोजन विभाग – महिलाओं के आर्थिक विकास के लिए योजनाएँ तैयार करेगा।
- श्रम विभाग – महिला श्रमिकों के लिए बेहतर कार्य नीति बनाएगा।
- शिक्षा विभाग – ड्रॉपआउट महिलाओं की शिक्षा और छात्राओं की सुविधाओं पर कार्य करेगा।
- कौशल विकास विभाग – महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित करेगा।
- परिवहन विभाग – छात्राओं के लिए बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध कराएगा। UN Women India
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि कौशल विकास विभाग को इस अभियान का नोडल विभाग बनाया जाए।
डीएसबी परिसर में प्रज्ञा प्रवाह कार्यक्रम के अंतर्गत सरस्वती पूजन संपन्न
UN Women India की भूमिका और सहयोग
बैठक में UN Women India के प्रतिनिधियों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महिला संगठन का मुख्य उद्देश्य राज्य में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, आय की सुरक्षा, लैंगिक हिंसा की समाप्ति और बजट एवं नियोजन में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है।
UN Women India द्वारा प्रस्तावित सहयोग:
- महिला रोजगार को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ।
- लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी बजट और नीतियों का विश्लेषण।
- महिलाओं के जीवन पर कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव का अध्ययन।
- राज्य सरकार के साथ मिलकर महिला सुरक्षा और शिक्षा को प्राथमिकता देना।
मुख्य सचिव ने UN Women India से आग्रह किया कि वे उत्तराखंड की महिलाओं पर इन योजनाओं के प्रभाव का विश्लेषण करें और सरकार को आवश्यक सुझाव दें।
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मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई यह बैठक महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। महिलाओं की शिक्षा, कौशल विकास, आर्थिक स्वतंत्रता, सुरक्षित परिवहन और लैंगिक समानता को सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। UN Women India
इस बैठक से होने वाले संभावित लाभ:
✅ ड्रॉपआउट महिलाओं को शिक्षा का दूसरा मौका मिलेगा।
✅ आंगनबाड़ी केंद्रों के बहुउद्देशीय उपयोग से महिलाओं का कौशल विकास होगा।
✅ छात्राओं को किफायती और सुरक्षित परिवहन सुविधा उपलब्ध होगी।
✅ महिला सशक्तिकरण योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
✅ UN Women India के सहयोग से महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलेगा।
इस बैठक में लिए गए निर्णय यदि सही ढंग से लागू किए जाते हैं, तो यह उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत होगी। महिलाओं को शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता प्रदान करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी पहल साबित हो सकती है।