उत्तराखंड राज्य के विकास को एक नई दिशा देने और पर्यावरण तथा अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए “नौ सूत्र प्रगति प्रकृति संतुलन मिशन” का शुभारंभ किया गया है। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में आयोजित सचिव समिति की बैठक में इस मिशन को प्रभावी रूप से लागू करने पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बैठक में सभी विभागीय सचिवों से सुझाव मांगे गए और विभिन्न क्षेत्रों में क्रियान्वयन की दिशा तय की गई।
नौ सूत्र मिशन का उद्देश्य नौ सूत्र प्रगति प्रकृति संतुलन मिशन
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य ईकोलॉजी और ईकोनॉमी के बीच संतुलन बनाते हुए राज्य को सतत विकास की ओर अग्रसर करना है। बदलते जलवायु परिवर्तनों के साथ राज्य के प्राकृतिक संसाधनों, कृषि, उद्योग, ऊर्जा, और पर्यटन को एकीकृत रूप से विकसित करना इस मिशन का प्राथमिक लक्ष्य है।
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सचिव समिति की बैठक में उठाए गए मुख्य बिंदु
1. पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रणाली
मुख्य सचिव ने सचिव कृषि को निर्देश दिया कि राज्य में जलवायु अनुकूल खेती के लिए जैविक कृषि, मृदा संरक्षण, और कुशल सिंचाई प्रबंधन की योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। यह कदम किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से बचाने और उनकी आय में वृद्धि करने में सहायक होगा।
2. पर्यावरणीय पर्यटन का विकास
पर्यटन को राज्य की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ मानते हुए सचिव पर्यटन को ईको-सर्टिफिकेशन, वेस्ट मैनेजमेंट, और ईको-टूरिज्म नीतियों को लागू करने के निर्देश दिए गए। यह नीतियां राज्य के पर्यटन स्थलों को स्वच्छ और पर्यावरणीय दृष्टि से सुरक्षित बनाएंगी।
3. ग्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग
सचिव उद्योग को उद्योग क्षेत्र में ग्रीन टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कहा गया। इससे उद्योगों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य भी पूरे होंगे।
4. नवीकरणीय ऊर्जा का प्रोत्साहन
सचिव ऊर्जा को निर्देश दिए गए कि छोटे जल विद्युत परियोजनाओं और सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाए। इससे ऊर्जा की मांग पूरी करने के साथ-साथ पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
5. जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचे का विकास
सचिव आवास एवं लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए गए कि सड़कों और आवासीय परियोजनाओं के निर्माण में जलवायु अनुकूल तकनीकों का उपयोग किया जाए। यह कदम राज्य में आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करेगा।
नौ सूत्र मिशन के क्रियान्वयन की रणनीति
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि “नौ सूत्र मिशन” के तहत अन्य राज्यों और देशों में अपनाई गई बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन किया जाए। इनका राज्य की भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों के अनुरूप क्रियान्वयन किया जाएगा।
अध्ययन के क्षेत्र:
- कृषि: उन्नत और जलवायु-संवेदनशील खेती के लिए अन्य राज्यों के मॉडल का अध्ययन।
- पर्यटन: पर्यटन स्थलों को स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की योजनाएं।
- मैन्युफैक्चरिंग: ग्रीन टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अपनाए गए नवाचार।
- ऊर्जा: सौर ऊर्जा और छोटे जल विद्युत परियोजनाओं के लिए अन्य देशों के सफल उदाहरण।
- बुनियादी ढांचा: जलवायु अनुकूल सड़कों और आवासीय परियोजनाओं के निर्माण के लिए नई तकनीकों का अध्ययन।
नौ सूत्र फ्रेमवर्क के प्रमुख पहल
- जैविक कृषि और मृदा संरक्षण
- कुशल सिंचाई और जल प्रबंधन
- ईको-टूरिज्म और वेस्ट मैनेजमेंट
- ग्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग
- सौर ऊर्जा और जल विद्युत परियोजनाओं का विस्तार
- जलवायु अनुकूल सड़कों और आवासों का निर्माण
- स्थानीय उत्पादों और उद्योगों को प्रोत्साहन
- पर्यावरणीय शिक्षा और जागरूकता अभियान
- बेस्ट प्रैक्टिसेज का क्रियान्वयन
बैठक में उपस्थित अधिकारी
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री एल. फैनई, और सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम सहित सभी विभागीय सचिव मौजूद रहे। बैठक में नौ सूत्र मिशन पर विस्तृत चर्चा की गई और इसे लागू करने के लिए एक्शन प्लान बनाने पर जोर दिया गया।
नौ सूत्र प्रगति प्रकृति संतुलन मिशन
“नौ सूत्र प्रगति प्रकृति संतुलन मिशन” उत्तराखंड के समग्र विकास का आधार है। यह मिशन राज्य की प्राकृतिक संपदाओं को संरक्षित रखते हुए विकास की नई संभावनाओं को जन्म देगा। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी का यह प्रयास राज्य के पर्यावरणीय और आर्थिक संतुलन को मजबूत करेगा और उत्तराखंड को सतत विकास की राह पर अग्रसर करेगा। नौ सूत्र प्रगति प्रकृति संतुलन मिशन
यह मिशन न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा कि कैसे ईकोलॉजी और ईकोनॉमी के बीच संतुलन बनाते हुए समृद्धि हासिल की जा सकती है।