The Call of Truth (सत्य की पुकार): ईश्वर को पहचानो, आत्मा में उसके वास को समझो; हे मूर्तिपूजकों, आडंबरों से बाहर निकलो!
“सूरज, चाँद, तारे और सम्पूर्ण जगत के सृजनहार को पहचानो। वह किसी मूर्ति, मंदिर, मस्जिद या किसी अन्य भौतिक स्वरूप में नहीं, बल्कि मनुष्य की आत्मा में वास करना चाहता है।”The Call of Truth (सत्य की पुकार)
आज के समय में, जब लोग पूजा-पाठ, नियम, व्रत और बाहरी आडंबरों में उलझे हुए हैं, तब यह जानना आवश्यक है कि ईश्वर को किसी भवन या मूर्ति में कैद नहीं किया जा सकता। वह तो हृदय की पवित्रता और आत्मा की निर्मलता में बसता है।
मालिक (ईश्वर) ने मनुष्य में अपना घर क्यों बनाया? The Call of Truth (सत्य की पुकार)
ईश्वर ने मनुष्य को अपनी सर्वश्रेष्ठ कृति बनाया और उसमें अपनी आत्मा का वास किया। लेकिन आज, मनुष्य के कर्मों और विचारों ने उसे वायुमंडल (खालिक) में वास करने को मजबूर कर दिया। जब लोग ईश्वर को बाहर खोजते हैं, तब वे अपने ही भीतर बसे सत्य को अनदेखा कर देते हैं।
परमानंद में परमपिता का ज्ञान
जो लोग परमसत्य को जान लेते हैं, वे परमानंद की अवस्था को प्राप्त करते हैं। यह सत्य किसी विशेष धर्म, जाति, या संप्रदाय से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह सनातन सत्य है, जो सभी के लिए समान है। जब हम अपने भीतर बसे ईश्वर को पहचानते हैं, तभी हमारा जीवन सार्थक बनता है।
Bhagirath Mobile App: ‘भागीरथ मोबाइल एप’ का शुभारंभ, जल संरक्षण को मिलेगी नई दिशा
हे मूर्तिपूजकों, आडंबरों से बाहर निकलो! सत्य की पुकार
जो लोग मंदिरों, मस्जिदों, मूर्तियों और बाहरी धार्मिक प्रतीकों पर ध्यान लगाते हैं, वे असली धर्म से भटक गए हैं। ईश्वर ने कभी यह नहीं चाहा कि हम उसे पत्थर की मूर्तियों में खोजें। वह तो मनुष्य के हृदय में वास करना चाहता है।
अहंकार को चकनाचूर करने वाला सत्य The Call of Truth (सत्य की पुकार)
जो लोग अपने धर्म, संप्रदाय और आडंबरों को ही अंतिम सत्य मानते हैं, वे इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पाएंगे। लेकिन सत्य किसी से छुपता नहीं। यह सत्य अहंकार से भरे मन को चकनाचूर कर देगा और सच्चे ईश्वर की पहचान कराएगा।
“हे मानव! अपने हृदय में बसे ईश्वर को पहचानो, उसके सत्य को स्वीकार करो, और अपने जीवन को सफल बनाओ।”