Teacher Recruitment Process: प्रतीक्षा सूची में शामिल 143 प्रशिक्षुओं के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे
राजकीय प्राथमिक सहायक अध्यापक भर्ती: 143 प्रशिक्षुओं के साथ अन्याय की संभावना
डोईवाला महाविद्यालय के पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि अंकित तिवारी ने कहा कि यह मुद्दा न केवल इन 143 प्रशिक्षुओं के भविष्य से जुड़ा है
शिक्षा क्षेत्र में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया (Teacher Recruitment Process) हमेशा से ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय रहा है। इस बार डोईवाला और ऋषिकेश में राजकीय प्राथमिक सहायक अध्यापक के 2917 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिसमें सत्र 2019-20 के डायट डीएलएड प्रशिक्षुओं को भाग लेने का अवसर मिलेगा। हालांकि, प्रतीक्षा सूची में शामिल 143 प्रशिक्षुओं के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
भर्ती प्रक्रिया और प्रशिक्षुओं की स्थिति
राजकीय प्राथमिक सहायक अध्यापक भर्ती के लिए प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। लेकिन इसमें केवल 327 प्रशिक्षु ही अभी तक आवेदन कर पाए हैं। प्रतीक्षा सूची में शामिल 143 प्रशिक्षुओं की अंतिम सेमेस्टर (प्रथम सेमेस्टर) की परीक्षा 1 जुलाई से 6 जुलाई तक संपन्न होनी है। निदेशक वंदना गर्ब्याल ने 20 जुलाई तक परिणाम घोषित होने की संभावना जताई है। लेकिन, भर्ती प्रक्रिया की तात्कालिकता और समयसीमा के कारण इन प्रशिक्षुओं के शामिल होने की संभावना कम होती दिख रही है।
अन्याय की संभावना
भर्ती प्रक्रिया में समयसीमा का पालन करना आवश्यक है, लेकिन एक महीने की देरी के कारण यदि ये प्रशिक्षु बाहर रह जाते हैं, तो यह उनके साथ अन्याय होगा। इन प्रशिक्षुओं के लिए भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के अवसर को सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। अगर थोड़ी सी लचीलापन दिखाई जाए, तो इन प्रशिक्षुओं को भी मौका मिल सकता है।
निदेशक वंदना गर्ब्याल का बयान
इस विषय पर निदेशक वंदना गर्ब्याल से बातचीत करने पर उन्होंने कहा, “हम पूरी कोशिश करेंगे कि परिणाम समय पर घोषित हो जाएं ताकि अधिक से अधिक प्रशिक्षु इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकें।” यह बयान प्रशिक्षुओं के लिए उम्मीद की किरण है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया की तात्कालिकता को देखते हुए, सरकार और संबंधित विभागों को इस मामले पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
प्रशिक्षुओं की अपील
प्रशिक्षुओं ने अपील की है कि सरकार और भर्ती विभाग उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए भर्ती प्रक्रिया को इस प्रकार समायोजित करें कि वे भी इसमें शामिल हो सकें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह उनके करियर के लिए एक बड़ा झटका होगा और उनकी मेहनत व्यर्थ हो जाएगी।
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डोईवाला महाविद्यालय के पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि का बयान
डोईवाला महाविद्यालय के पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि अंकित तिवारी ने कहा कि यह मुद्दा न केवल इन 143 प्रशिक्षुओं के भविष्य से जुड़ा है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में थोड़ी सी लचीलापन और समायोजन से अनेक योग्य उम्मीदवारों को उनके हक का अवसर मिल सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संबंधित अधिकारी और विभाग इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और प्रशिक्षुओं के साथ न्याय करेंगे।
समस्या का समाधान
इस समस्या का समाधान आसान नहीं है, लेकिन प्रशासनिक प्रक्रियाओं में थोड़ा सा लचीलापन दिखाकर इसे हल किया जा सकता है। अगर सरकार और संबंधित विभाग भर्ती प्रक्रिया को कुछ समय के लिए स्थगित कर दें या परिणाम आने तक प्रतीक्षा कर लें, तो इन प्रशिक्षुओं को भी शामिल होने का अवसर मिल सकता है।
राजकीय प्राथमिक सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में 143 प्रशिक्षुओं के साथ हो रहे संभावित अन्याय को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। इन प्रशिक्षुओं ने कड़ी मेहनत और प्रयास से इस मुकाम तक पहुंचे हैं, और उनके भविष्य को सुरक्षित करना सरकार और संबंधित विभागों की जिम्मेदारी है। उम्मीद है कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और योग्य उम्मीदवारों को उनका हक दिलाया जाएगा।