सूरजपुर (जसपुर): भारत में क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन के लिए प्रयासरत इंडिया इम्पैक्ट प्रोजेक्ट (WHP) द्वारा एक विशेष टीबी जागरूकता अभियान (TB Awareness Campaign) चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य समुदाय स्तर पर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करना और इससे बचाव व उपचार की सही जानकारी प्रदान करना है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस संक्रामक बीमारी से मुक्त हो सकें।
स्वास्थ्य कर्मियों की विशेष भूमिका TB Awareness Campaign
इस पहल में आयुष्मान आरोग्य मंदिर, सन्यासीवाला की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) डॉ. सुजाता सिंह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वह स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों और स्वयंसेवकों के साथ मिलकर यह संदेश दे रही हैं कि टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है, बशर्ते इसका समय पर सही इलाज किया जाए और मरीज दवा का पूरा कोर्स पूरा करें।
टीबी चैंपियंस बने प्रेरणा स्रोत
इस अभियान के तहत WHP द्वारा “टीबी चैंपियन” की पहचान की गई है। ये वे लोग हैं, जिन्होंने स्वयं टीबी से जंग जीतकर अब अपने अनुभव साझा कर दूसरों को समय पर जांच कराने और पूरा इलाज लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में टीबी चैंपियन अर्चना रानी ने लोगों को टीबी से बचाव और इलाज से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी।
स्वास्थ्य विभाग और WHP की साझा मुहिम
कार्यक्रम में WHP के समुदाय समन्वयक अक्षय प्रताप और डॉ. सुजाता सिंह (CHO) ने टीबी जागरूकता पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी इस मुहिम में अपनी भूमिका निभाई।
इलाज अधूरा छोड़ना हो सकता है खतरनाक
डॉ. सुजाता सिंह ने बताया कि टीबी का इलाज बीच में छोड़ना बेहद खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे संक्रमण और गंभीर हो सकता है और मरीज के लिए घातक साबित हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए WHP और स्थानीय स्वास्थ्य संगठनों द्वारा यह संदेश दिया जा रहा है कि इलाज को अधूरा न छोड़ें और पूरा कोर्स करें।
समुदाय की भागीदारी से होगा टीबी मुक्त भारत का सपना पूरा
इस मौके पर टीबी चैंपियन अर्चना रानी, डॉ. सरिता सिंह, डॉ. नीरज चौहान, आशा वर्कर सुधा एवं बी.एस.बी. स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, एनएसएस (Jaspur) की छात्राएं भी उपस्थित रहीं।
Skill Course: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कुमाऊं विश्वविद्यालय में स्किल कोर्स कार्यशाला का आयोजन
सरकार और गैर-सरकारी संगठनों की यह संयुक्त पहल टीबी उन्मूलन की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकती है। WHP जैसे संगठनों का प्रयास समुदाय में जागरूकता बढ़ाकर इस बीमारी के उन्मूलन में तेजी ला सकता है।
“टीबी मुक्त भारत के संकल्प की ओर एक मजबूत कदम!”