नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आज शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। दरअसल, केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। इस याचिका में उन्होंने दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। इससे पहले पीठ ने 17 मई को केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। याचिका में केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध और दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने इस मामले में न्याय की गुहार लगाई थी और कोर्ट से अनुरोध किया था कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि
मुख्यमंत्री केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद उन्हें एक निचली अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर 20 जून को जमानत दी थी। हालांकि, ईडी ने अगले ही दिन दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और दलील दी कि केजरीवाल को जमानत देने का निचली अदालत का आदेश एकतरफा और गलत था।
उच्च न्यायालय का दृष्टिकोण
दिल्ली हाईकोर्ट में ईडी ने केजरीवाल की जमानत को चुनौती दी और कहा कि केजरीवाल को जमानत देना गलत था और इससे जांच प्रभावित हो सकती है। ईडी का कहना था कि केजरीवाल के खिलाफ मामले में पर्याप्त सबूत हैं और उनकी रिहाई से गवाहों पर दबाव बन सकता है। इसके बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत मंजूर कर ली और मामले को तीन जजों की बड़ी पीठ के पास भेज दिया।
केजरीवाल की गिरफ्तारी और जांच की स्थिति Supreme Court
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में 26 जून को सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी उनके खिलाफ चल रहे कई मामलों का हिस्सा है जिसमें उन्हें आरोपी बनाया गया है। ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियों ने केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए आर्थिक लाभ प्राप्त किया और सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
केजरीवाल की गिरफ्तारी और उनकी जमानत को लेकर राजनीति भी गर्मा गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है और कहा है कि केजरीवाल को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह केंद्र सरकार के खिलाफ खड़े हैं। पार्टी के प्रवक्ताओं ने कहा कि केजरीवाल ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है और उनकी गिरफ्तारी इसी का नतीजा है।
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जनता की प्रतिक्रिया
केजरीवाल की गिरफ्तारी और उनकी जमानत को लेकर जनता में भी मिलाजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ लोग इसे राजनीतिक साजिश मानते हैं तो कुछ लोग इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा मानते हैं। कई लोग इस बात से सहमत हैं कि अगर केजरीवाल निर्दोष हैं तो उन्हें कानून के अनुसार न्याय मिलेगा।
आगे की प्रक्रिया
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को तीन जजों की बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। इस पीठ में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति भट और न्यायमूर्ति रस्तोगी शामिल हैं। ये पीठ केजरीवाल की याचिका पर विस्तृत सुनवाई करेगी और इस मामले में अंतिम निर्णय लेगी।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत ने उनके समर्थकों और पार्टी को बड़ी राहत दी है। हालांकि, मामले की अंतिम सुनवाई और निर्णय अभी बाकी है। यह देखना होगा कि तीन जजों की बड़ी पीठ केजरीवाल की याचिका पर क्या निर्णय लेती है। इस मामले का राजनीतिक और कानूनी प्रभाव भी महत्वपूर्ण होगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है।
इस समय, केजरीवाल के समर्थकों और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि न्याय की जीत होगी। वहीं, उनके विरोधियों ने भी न्यायपालिका के निर्णय का सम्मान करते हुए इस मामले पर अपनी नजर बनाए रखी है।