Supplementary Budget उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र: विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी और अनुपूरक बजट की प्रमुखता
उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र राज्य की विधायिका के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जिसमें सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर चर्चा होती है। 2024 का मानसून सत्र भी इससे अलग नहीं रहा, जिसमें दूसरे दिन महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए और विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी के साथ-साथ 5013.05 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) भी प्रस्तुत किया गया। इस सत्र में उठाए गए मुद्दों ने न केवल विधानसभा की कार्यवाही को प्रभावित किया, बल्कि राज्य के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर भी गहरा असर डाला।
अनुपूरक बजट की प्रस्तुति Supplementary Budget
सत्र के दूसरे दिन राज्य के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में 5013.05 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। यह बजट राज्य की आर्थिक स्थिति को स्थिर रखने और विभिन्न विकासात्मक योजनाओं के लिए आवश्यक धनराशि प्रदान करने के उद्देश्य से पेश किया गया। बजट के माध्यम से विभिन्न विभागों को आवंटित की गई धनराशि ने राज्य की प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया। Supplementary Budget
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विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी
इस सत्र का एक और महत्वपूर्ण पहलू विधायकों के वेतन और भत्तों में वृद्धि का विधेयक था, जिसे सदन में पेश किया गया और पारित भी किया गया। इस विधेयक के अनुसार, अब उत्तराखंड के विधायकों को वेतन और भत्तों के रूप में प्रतिमाह लगभग चार लाख रुपये प्राप्त होंगे, जो कि पहले के 2.90 लाख रुपये से काफी अधिक है। यह वृद्धि बढ़ती महंगाई और विधायकों की बढ़ती जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए की गई है। Supplementary Budget
इस विधेयक के तहत विधायकों के वेतन में वृद्धि के अलावा, उनके वैयक्तिक सहायक के वेतन में भी वृद्धि की गई है। अब विधायकों के वाहन चालकों का वेतन 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, रेलवे भत्ते का भी उपयोग न होने पर इसे नकद रूप में विधायकों को भुगतान किया जाएगा।
पेश किए गए विधेयक Supplementary Budget
सत्र के दूसरे दिन सदन में आठ विधेयक पेश किए गए, जिनमें से कुछ प्रमुख विधेयक निम्नलिखित हैं:
- उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) संशोधन विधेयक 2024: इस विधेयक का उद्देश्य नगर पालिकाओं के संचालन और प्रशासन में सुधार करना है।
- उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक 2024: यह विधेयक नगर निगमों की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया है।
- उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024: यह विधेयक सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की वसूली के लिए कानूनी प्रक्रिया को निर्धारित करता है।
- उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024: यह विधेयक विधानसभा की कार्यप्रणाली में आवश्यक सुधार लाने के लिए प्रस्तावित किया गया है।
- उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक: इस विधेयक का उद्देश्य भूमि व्यवस्था में सुधार करना और जमींदारी प्रथा को समाप्त करना है।
- उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक 2024: इस विधेयक के माध्यम से राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया है।
- उत्तराखंड कामगार और सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024: यह विधेयक कामगारों के अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए प्रावधान करता है।
- विनियोग विधेयक 2024: इस विधेयक के माध्यम से सरकार विभिन्न विभागों के लिए आवश्यक धनराशि का प्रावधान करती है।
विपक्ष का विरोध
सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने सत्र की अवधि को लेकर विरोध जताया। विपक्ष का आरोप था कि उत्तराखंड विधानसभा की अवधि देश की अन्य विधानसभाओं के मुकाबले सबसे कम है। विपक्ष ने एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उत्तराखंड विधानसभा का सत्र पिछले कुछ वर्षों में मात्र 12 दिन चला है, जो कि अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत कम है। विपक्ष का यह भी आरोप था कि सत्र की अवधि कम करने से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने का समय नहीं मिलता।
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नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार सत्र की अवधि बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का रवैया सदन की कार्यवाही को बाधित करने वाला है। विपक्ष का मानना था कि सत्र की अवधि बढ़ाकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जानी चाहिए।
सरकार का पक्ष
सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सत्र की अवधि को सदन में उठाए गए मुद्दों और बिजनेस के आधार पर तय किया जाता है। सरकार भी चाहती है कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो।
संसदीय कार्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने तदर्थ समिति की कई सिफारिशों को स्वीकार किया है और कुछ सिफारिशों को खारिज किया है। उन्होंने यह भी बताया कि विधायकों के वेतन भत्तों में वृद्धि से जुड़े मुद्दे पर भी सरकार ने उचित निर्णय लिया है। Supplementary Budget
Supplementary Budget
उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 2024 राज्य की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को समझने के लिए महत्वपूर्ण था। इस सत्र में पेश किए गए विधेयक और बजट राज्य की प्राथमिकताओं और विकास की दिशा को स्पष्ट करते हैं।
विधायकों के वेतन भत्तों में वृद्धि से राज्य के राजनीतिक वातावरण में हलचल मच गई है। विपक्ष ने सत्र की अवधि को लेकर जो मुद्दा उठाया, वह भी महत्वपूर्ण है और इससे भविष्य में विधानसभा की कार्यवाही पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
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आखिरकार, यह सत्र राज्य की विधानपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और राज्य के विकास के लिए नए मार्ग प्रशस्त किए गए। इस सत्र से यह भी स्पष्ट हो गया कि सरकार और विपक्ष के बीच संवाद और सहमति की आवश्यकता है ताकि राज्य की समस्याओं का समाधान बेहतर तरीके से किया जा सके।