Stock Register Maintain हल्द्वानी में शराब की दुकानों पर छापेमारी: प्रशासनिक कार्रवाई या सिर्फ औपचारिकता?
Stock Register Maintain : हल्द्वानी, जो कि कुमाऊं के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है, यहां की शराब की दुकानों में व्याप्त अनियमितताएं और ओवररेटिंग लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही हैं। इस समस्या को लेकर क्षेत्र के लोगों में असंतोष और रोष बढ़ता जा रहा था। हालांकि, जिलाधिकारी नैनीताल के निर्देशानुसार सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी, एपी बाजपेई द्वारा हाल ही में की गई छापेमारी ने एक बार फिर इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है। इस छापेमारी में कई अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, जिसमें ओवररेटिंग, स्टॉक रजिस्टर का ठीक से मेंटेन न होना, और सीसीटीवी कैमरों की अनुपस्थिति प्रमुख हैं। हालांकि, यह सवाल उठता है कि क्या यह छापेमारी सिर्फ एक औपचारिकता है या प्रशासन की ओर से शराब कारोबारियों की मनमानी और गुंडागर्दी पर रोक लगाने का एक वास्तविक प्रयास?
हल्द्वानी में ओवररेटिंग और अनियमितताओं की समस्या Stock Register Maintain
हल्द्वानी में शराब की दुकानों में ओवररेटिंग और अन्य अनियमितताएं लंबे समय से चली आ रही हैं। चाहे नैनीताल रोड हो या बरेली रोड, हर जगह शराब के ठिकानों पर ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं। इस ओवररेटिंग के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत बहुत कम लोग करते हैं, क्योंकि शराब के शौकीनों को अक्सर गुंडागर्दी और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार ने इन शराब कारोबारियों को और भी साहसी बना दिया है।
हालांकि, सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी द्वारा की गई हालिया छापेमारी में इन अनियमितताओं का पर्दाफाश किया गया है। कालाढूंगी रोड पर तीन शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग पाई गई, जबकि इन दुकानों में स्टॉक रजिस्टर भी ठीक से मेंटेन नहीं किए गए थे। इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरों की अनुपस्थिति भी प्रशासनिक नियमों के उल्लंघन को दर्शाती है।
छापेमारी के बाद की कार्रवाई
छापेमारी के दौरान, कुसुमखेड़ा के लोहरियासाल में देशी शराब और कुसुमखेड़ा और ब्लॉक के समीप विदेशी शराब की दुकानों में ओवररेटिंग के चलते प्रत्येक दुकान के मालिक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा, स्टॉक रजिस्टर मेंटेन न करने के कारण भी कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को आख्या भेजी जाएगी।
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हालांकि, यह जुर्माना और कार्रवाई कितनी प्रभावी होगी, इस पर संदेह है। स्टॉक रजिस्टर का ठीक से मेंटेन न होना इस बात का संकेत हो सकता है कि ये शराब कारोबारी बड़े पैमाने पर कर चोरी कर रहे थे, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा था।
प्रशासनिक निष्क्रियता या भ्रष्टाचार?
हालांकि, सिटी मजिस्ट्रेट की छापेमारी एक सराहनीय कदम है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या यह कार्रवाई वास्तव में शराब कारोबारियों की मनमानी और गुंडागर्दी पर रोक लगा पाएगी? यह छापेमारी तब तक प्रभावी नहीं हो सकती जब तक कि आबकारी विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की भूमिका पर भी नजर न रखी जाए। Stock Register Maintain
आबकारी निरीक्षक धीरेंद्र सिंह बिष्ट, जो कि सिटी मजिस्ट्रेट के साथ छापेमारी के दौरान मौजूद थे, से यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि उनके रहते ये अनियमितताएं और ओवररेटिंग क्यों हो रही हैं? यह स्पष्ट है कि यदि आबकारी निरीक्षकों की जिम्मेदारी तय नहीं की गई और उनकी कार्यशैली पर सख्त नजर नहीं रखी गई, तो छापेमारी की कोई भी कार्रवाई महज एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी।
जनता की असहायता और प्रशासन की जिम्मेदारी Stock Register Maintain
शराब के शौकीन लोग, जो इन दुकानों पर ओवररेटिंग और दुर्व्यवहार का सामना करते हैं, अक्सर शिकायत दर्ज कराने में असमर्थ रहते हैं। इसका कारण यह है कि आबकारी विभाग के अधिकारी और स्थानीय पुलिस भी इन शराब कारोबारियों के साथ मिलीभगत में होते हैं। इस स्थिति में, सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा की गई छापेमारी एक उम्मीद की किरण के रूप में सामने आई है, लेकिन यह सिर्फ तभी सार्थक हो सकती है जब प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और आबकारी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए।
हल्द्वानी में शराब कारोबारियों की गुंडागर्दी पर रोक: क्या हो सकता है समाधान?
हल्द्वानी और अन्य जगहों पर शराब कारोबारियों की मनमानी और गुंडागर्दी पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को निम्नलिखित कदम उठाने की आवश्यकता है:
- आबकारी निरीक्षकों की जिम्मेदारी तय करना: आबकारी निरीक्षकों की भूमिका की गहन जांच होनी चाहिए और उनकी कार्यशैली पर सख्त निगरानी रखी जानी चाहिए। यदि उनके रहते अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
- सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता: सभी शराब की दुकानों में सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि किसी भी अनियमितता को आसानी से पकड़ा जा सके।
- स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सक्रियता: स्थानीय प्रशासन और पुलिस को शराब की दुकानों पर नियमित जांच करनी चाहिए और ओवररेटिंग व अन्य अनियमितताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
- जनता की सहभागिता: जनता को भी जागरूक होना चाहिए और किसी भी प्रकार की अनियमितता की जानकारी तुरंत प्रशासन को देनी चाहिए।
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हल्द्वानी में शराब की दुकानों पर सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा की गई छापेमारी एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह तभी सफल हो सकती है जब प्रशासन और आबकारी विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से लें और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएं। शराब कारोबारियों की मनमानी और गुंडागर्दी पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून और उनके अनुपालन की आवश्यकता है। यदि प्रशासन इस दिशा में प्रभावी कदम उठाता है, तो न केवल हल्द्वानी बल्कि पूरे जनपद में शराब की दुकानों पर होने वाले अनियमितताओं और ओवररेटिंग पर अंकुश लगाया जा सकता है।