Srinagar Baikunth Chaturdashi Mela: बैकुंठ चतुर्दशी मेला: उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक : ukjosh

Srinagar Baikunth Chaturdashi Mela: बैकुंठ चतुर्दशी मेला: उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक


Srinagar Baikunth Chaturdashi Mela: बैकुंठ चतुर्दशी मेला: उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक

Srinagar Baikunth Chaturdashi Mela: भारत की विविधता में निहित परंपराओं और त्योहारों का महत्व अत्यधिक है, जो हमारे समाज और संस्कृति की जड़ों को सशक्त करते हैं। उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इसी कड़ी में “बैकुंठ चतुर्दशी मेला” एक महत्वपूर्ण आयोजन है जो हर साल श्रीनगर, गढ़वाल में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक भी है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मेले का उद्घाटन

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वर्ष श्रीनगर में आयोजित सात दिवसीय बैकुंठ चतुर्दशी मेला और विकास प्रदर्शनी-2024 का दीप प्रज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया। उद्घाटन से पूर्व उन्होंने कमलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भगवान शिव का जलाभिषेक करते हुए मंदिर में कमल पुष्प अर्पित किए, जो बैकुंठ चतुर्दशी के इस पावन पर्व का प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान है। Srinagar Baikunth Chaturdashi Mela

आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का संगम

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बैकुंठ चतुर्दशी मेला देवभूमि उत्तराखंड की आस्था और समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है। यह मेला हर वर्ष पतित पावनी मां अलकनंदा के तट पर स्थित पौराणिक श्रीनगर में आयोजित होता है, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है। मुख्यमंत्री ने मेले के आयोजक मंडल की सराहना करते हुए कहा कि वे इस धरोहर को संजोने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

विकास कार्यों पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री धामी ने अपने भाषण में क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में मेडिकल कॉलेज में 25 करोड़ रुपये की लागत से 50 से अधिक बेड के क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, 4.88 करोड़ रुपये की लागत से रोडवेज बस अड्डा और पार्किंग की सुविधा भी विकसित की गई है। इन परियोजनाओं से क्षेत्र के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और यातायात सुविधाएं मिलेंगी।

नई टाउनशिप की योजना

मुख्यमंत्री ने बिलकेदार और बेलकंडी क्षेत्र में एक नई टाउनशिप बसाने की योजना की भी घोषणा की। इस टाउनशिप से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को अपने क्षेत्र में ही नौकरी के साधन प्राप्त होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम में परिवर्तित कर यहां तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिससे श्रीनगर के निवासियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।

शैक्षिक क्षेत्र में नई पहल Srinagar Baikunth Chaturdashi Mela

इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के निर्देशन में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा तैयार की गई “गुलदार व मानव संघर्ष न्यूनीकरण” पर आधारित एक पुस्तिका का विमोचन किया गया। यह पुस्तिका कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी। इससे बच्चों को पर्यावरण और वन्यजीवन के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का योगदान

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार श्रीनगर के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यहां शिक्षा ग्रहण करने आए छात्रों को एक सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण वातावरण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैण में भू-कानून की पहली बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के सभी निवासियों से सुझाव लिए गए हैं। यह पहल राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए एक सकारात्मक कदम है। Srinagar Baikunth Chaturdashi Mela

श्रीनगर का ऐतिहासिक महत्व

श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड का एक प्राचीन शहर है जो अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। यह क्षेत्र अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। श्रीनगर में स्थित कमलेश्वर महादेव मंदिर को पौराणिक काल से ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर यहां हजारों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए एकत्रित होते हैं। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करता है।

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संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा

बैकुंठ चतुर्दशी मेला राज्य की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने का एक उत्तम माध्यम है। इस मेले के माध्यम से स्थानीय शिल्प, कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलता है। यह आयोजन क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करने में सहायक सिद्ध होता है, क्योंकि मेले के दौरान यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।

नवीन योजनाओं की दिशा में सरकार का प्रयास

उत्तराखंड सरकार राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से पहाड़ी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे श्रीनगर समेत अन्य क्षेत्रों में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के लिए भी मास्टर प्लान के तहत कार्य किया जा रहा है, जिससे इन स्थलों पर आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

Srinagar Baikunth Chaturdashi Mela

बैकुंठ चतुर्दशी मेला न केवल उत्तराखंड की धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण प्रयास है। यह मेला हमें हमारी प्राचीन परंपराओं की याद दिलाता है और राज्य के विकास में योगदान देने वाली सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से यह स्पष्ट है कि राज्य को एक नई दिशा में ले जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

इस तरह, बैकुंठ चतुर्दशी मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की गौरवशाली विरासत को संजोने का एक विशेष अवसर है।


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