1. ऑपरेशन “स्पाइडर वेब” (Spider Web): रूस के हवाई अड्डों पर यूक्रेनी ड्रोन हमला
1 जून 2025 को, यूक्रेन ने “ऑपरेशन स्पाइडर वेब” के तहत रूस के पांच प्रमुख हवाई अड्डों पर एक समन्वित ड्रोन हमला किया। इस हमले में 117 ड्रोन का उपयोग किया गया, जिससे रूस के 40 से अधिक सैन्य विमान नष्ट हो गए। यह हमला रूस के लिए एक महत्वपूर्ण झटका माना जा रहा है, जिससे उसकी लंबी दूरी की हवाई क्षमताओं पर असर पड़ा है। en.wikipedia.org
2. केर्च पुल पर यूक्रेनी हमला
3 जून 2025 को, यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने केर्च पुल पर एक अंडरवाटर विस्फोटक हमला किया, जो रूस को क्रीमिया से जोड़ता है। इस हमले में पुल के स्तंभों को नुकसान पहुंचा, हालांकि कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ। यह पुल रूस के लिए एक रणनीतिक आपूर्ति मार्ग है, और इस पर यह तीसरा हमला था। understandingwar.org+5thetimes.co.uk+5theguardian.com+5
3. इस्तांबुल में शांति वार्ता: कोई ठोस परिणाम नहीं
2 जून 2025 को इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता हुई, जो लगभग एक घंटे चली। रूस ने यूक्रेन से पूर्वी क्षेत्रों को छोड़ने, सेना को सीमित करने और तटस्थता अपनाने की मांग की, जिसे यूक्रेन ने अस्वीकार कर दिया। हालांकि, दोनों पक्षों ने लगभग 1,000 युद्धबंदियों के आदान-प्रदान पर सहमति व्यक्त की। aljazeera.com
4. सुमी शहर पर रूसी मिसाइल हमला
3 जून 2025 को, रूस ने यूक्रेन के सुमी शहर पर मिसाइल हमला किया, जिसमें कम से कम चार लोग मारे गए और 25 घायल हुए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इस हमले की निंदा की और इसे नागरिकों पर जानबूझकर किया गया हमला बताया। apnews.com
5. रूसी-नियंत्रित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित
यूक्रेनी ड्रोन हमलों और गोलाबारी के कारण, रूस-नियंत्रित ज़ापोरिज़िया और खेरसॉन क्षेत्रों में लगभग 700,000 लोग बिजली आपूर्ति से वंचित हो गए। इन हमलों ने महत्वपूर्ण विद्युत अवसंरचना को निशाना बनाया, जिससे व्यापक क्षेत्र में बिजली कटौती हुई। reuters.com
Spider Web
जून 2025 में यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष ने एक नया मोड़ लिया है, जहां यूक्रेन की आक्रामक रणनीति और रूस की कठोर मांगों के बीच शांति वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई है। मानवाधिकार हनन, नागरिक हताहत और बुनियादी ढांचे की तबाही इस संघर्ष की गंभीरता को दर्शाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है, ताकि इस संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके।