नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अंतर्गत स्किल कोर्स (Skill Course) के पाठ्यक्रम निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला एम.एम.टी.टी.सी. दी हार्मिटेज में प्रारंभ हुई, जिसका उद्घाटन उत्तराखंड के उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत सिंह ने ऑनलाइन माध्यम से किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे विद्यार्थी आत्मनिर्भर बन सकें।
कुमाऊं विश्वविद्यालय निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका Skill Course
कार्यशाला में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उत्तराखंड के संयोजक की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य रचनात्मक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम तैयार करना है, जिससे छात्र भविष्य में उद्यमी (Entrepreneur) बन सकें।
कार्यक्रम समन्वयक प्रो. संजय पंत ने जानकारी दी कि पाठ्यक्रम निर्माण का कार्य विषय-विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों को नए कौशल और नवाचार से जोड़ा जा सके।
तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
यह कार्यशाला तीन दिनों तक चलेगी, जिसमें अलग-अलग विषयों पर चर्चा होगी:
- पहला दिन: विज्ञान संकाय (बॉटनी, जूलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित आदि)
- दूसरा दिन: कला संकाय (Arts)
- तीसरा दिन: वाणिज्य एवं प्रबंधन (Commerce & Management)
विशेषज्ञों ने किया विचार-विमर्श
कार्यशाला के पहले दिन विज्ञान विषयों में स्किल कोर्स के महत्व पर चर्चा की गई। इस दौरान कुलसचिव डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल, डीन प्रो. चित्रा पांडे, विभागाध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, प्रो. जीत राम, प्रो. रजनीश पांडे, प्रो. गीता तिवारी, प्रो. रुबीना अमान, प्रो. जी.के. ढींगरा, डॉ. धनी आर्य, डॉ. प्रवीण बिष्ट, डॉ. आशीष तिवारी, प्रो. हरीश बिष्ट, डॉ. मनोज आर्य, डॉ. अनिल यादव, डॉ. एल.एस. लोधीयाल, डॉ. महेंद्र राणा, डॉ. रितेश साह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. निधि वर्मा, सुमित सहित अल्मोड़ा, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय सहित अन्य प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।
बदलाव की ओर बढ़ता उच्च शिक्षा का भविष्य Skill Course
कार्यशाला 26 मार्च 2025 तक जारी रहेगी, जिसमें विशेषज्ञ स्किल कोर्स के लिए नवाचारपूर्ण पाठ्यक्रम तैयार करेंगे। यह कार्यशाला उत्तराखंड के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिससे विद्यार्थी सिर्फ सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक और कौशल-आधारित शिक्षा भी प्राप्त कर सकेंगे। Skill Course
इस पहल से उत्तराखंड के छात्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता साबित करने के लिए पूरी तरह तैयार होंगे।
“शिक्षा में नवाचार, आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम!”