सीतापुर हत्याकांड: हर जुबान पर बस ये एक ही सवाल, ग्रामीणों के गले नहीं उतर रहा पुलिस का यह तर्क
सीतापुर के पल्हापुर गांव में हुए हत्याकांड के खुलासे के अगले दिन शुक्रवार को छह दिन बाद गांव में थोड़ी चहल-पहल देखने को मिली। लोग अपने घर के बाहर बैठे दिखाई दिए। वहीं, अनुराग के घर के आसपास सन्नाटा पसरा रहा। ग्रामीणों ने दबी जुबान कई बातें साझा कीं।
किसी ने आरोपी अजीत को फांसी देने की मांग की तो किसी ने अन्य लोगों के भी घटना में शामिल होने का अंदेशा जताया। ग्रामीणों का कहना है कि अजीत इतनी बड़ी साजिश आखिर अकेले कैसे अंजाम दे सकता है। पुलिस का यह तर्क ग्रामीणों के गले नहीं उतर रहा है।
बृहस्पतिवार को आईजी रेंज तरुण गाबा ने पल्हापुर गांव में छह लोगों की हत्या के मामले का खुलासा कर दिया था। अमर उजाला ने भाई अजीत पर ही इस हत्याकांड को अंजाम देने की बात सबसे पहले उजागर कर दी थी।
पुलिस ने आरोपी अजीत को जेल भेज दिया था। शुक्रवार को पल्हापुर गांव निवासी एक बुजुर्ग ने बताया कि उनके गांव में कभी भी ऐसा नहीं हुआ। हर कोई मेल-मिलाप से रहता है। ऐसे में दोषी को तो फांसी की सजा होनी चाहिए।
गिरने की आवाज तो आई पर नहीं किया गौर
अनुराग के घर से करीब 100 मीटर दूर सालिक का घर बना है। उन्होंने बताया कि हत्याकांड वाली रात वह घर के बाहर ही सोए हुए थे। अचानक उनको कुछ भारी चीज गिरने की आवाज तो आई लेकिन उनको आसपास ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया। इसलिए वह सो गए।
उन्होंने बताया कि घटना ऐसे समय पर हुई जब लोग सबसे गहरी नींद में होते हैं। इसलिए शायद अन्य लोगों को पता नहीं चल पाया। तालाब के पास रहने वाले एक युवक ने बताया कि पूरे घर में कांच की खिड़कियां लगीं हैं जो कि अक्सर बंद ही रहती थीं। इसलिए उसको न तो गोली की आवाज सुनाई दी और न ही बच्चों के चीखने की आवाज सुनाई दी।
रामपुर मथुरा के पल्हापुर हत्याकांड में एक और नया खुलासा हुआ है। हत्याकांड के मास्टरमाइंड अजीत को लेकर चौंकाने वाला राज खुला है। जांच में सामने आया है कि अजीत ने अपने ससुर से कर्ज लिया था। उसमें से अजित ने करीब एक महीने पहले कुछ रुपये ससुर को लौटा दिए थे।
सीतापुर हत्याकांड में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इससे पहले खुलासा हुआ था कि अजीत सिंह ने अपने भाई अनुराग और उसके परिवार को खत्म करने की साजिश काफी पहले ही रच ली थी। इसके लिए उसने महमूदाबाद स्थित एक मेडिकल स्टोर से 15 दिन पहले नींद की दवाएं खरीदी थीं।
अजीत ने ससुर से लिए था कर्ज
हत्या वाली रात अजीत ने नशीली दवाओं को घर के खाने में मिला दिया था लेकिन प्रियंका और उसके बच्चे लखनऊ स्थित घर से खाना खाकर आए थे। इसलिए उसका यह प्लान चौपट हो गया था। मां सावित्री भी खाना खा चुकी थी। सिर्फ अनुराग ने ही नींद की दवा मिली नशीली खिचड़ी खाई थी। अजीत चाहता था कि पूरे परिवार को नींद में ही मौत के घाट उतार दिया जाए।
वहीं, अब खुलासा हुआ है कि हत्याकांड के मास्टरमाइंड अजीत ने अपने ससुर अजय सिंह से महमूदाबाद स्थित अपना पर बनवाने के लिए पैसा उधार लिया था। यह पैसा उसने कोरोना काल में उधार लिया था। इस कर्जे को वह चुका नहीं पा रहा था। इस हत्याकांड से करीब एक माह पहले अजीत ने अपने ससुर को डेढ़ लाख रुपये लौटाए थे।
पत्नी विभा से उसकी इस वात को लेकर अनबन भी होती रहती थी। सूत्रों की मानें तो अनुराग और उसकी पत्नी प्रियंका अजीत की कोई मदद नहीं कर रहे थे। मां सावित्री का रुझान भी अनुराग की तरफ था। वहीं, पिता के केसीसी के 35 लाख के कर्ज को अजीत प्रापर्टी बेचकर अदा करना चाहता था। अनुराग व अन्य परिजन इसके खिलाफ थे।
गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात3 बजे रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पल्हापुर गांव में अजीत ने अपने भाई अनुराग, उसकी पत्नी प्रियंका व उसके तीन बच्चों के साथ मां सावित्री की नृशंस हत्या कर दी थी। बाद में पुलिस को फोन कर भाई अनुराग पर ही इस हत्याकांड को अंजाम देकर आत्महत्या कर लेने की सूचना दी थी।