Shapath Grahan: शपथ ग्रहण 8 जून को; जनता की खुर्शी पर; जनता की सेवा करने का और लोगों दिलों में जगह बनाने का मिला एक और सुनहरा मौका…
8 जून का शपथ ग्रहण समारोह: जनता की सेवा का एक और अवसर
8 जून 2024 को, नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ (Shapath Grahan) लेंगे। इस ऐतिहासिक अवसर को भव्य बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है, जिनमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ शामिल हैं। इन नेताओं ने मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की भारी जीत
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 293 सीटें मिलीं, जिससे नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ। एनडीए के सभी घटक दलों ने मोदी के नेतृत्व का समर्थन किया और उनके नाम पर सहमति जताई। अब, मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में 8 जून को शपथ लेंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में विदेशी मेहमानों को आमंत्रित करने की परंपरा को बरकरार रखते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के शीर्ष नेताओं को आमंत्रित किया है। राजनयिक सूत्रों के अनुसार, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को भी निमंत्रण भेजा गया है। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भी समारोह में भाग लेने की पुष्टि की है।
2014 और 2019 के शपथ ग्रहण समारोह की यादें
2014 में, जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सात देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। 2019 में, बिम्सटेक देशों के नेताओं ने उनके शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था। इस बार, पड़ोसी देशों के नेताओं की उपस्थिति से समारोह की गरिमा और बढ़ेगी।
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वैश्विक नेताओं की बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत पर दुनिया भर के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर जेलेंस्की, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और नेपाली प्रधानमंत्री पुष्य कमल दहल ‘प्रचंड’ समेत कई नेताओं ने मोदी को बधाई दी है और उनके साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है।
नेतन्याहू का हिंदी में बधाई संदेश
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी को लगातार तीसरी जीत पर बधाई देते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदी में लिखा, “बधाई हो… मैं भारत के साथ दोस्ती और नई ऊंचाइयों पर जाने के लिए उत्सुक हूँ।” नेतन्याहू का यह संदेश भारतीय-इस्राइली संबंधों की गहराई और मजबूती को दर्शाता है। यह पहली बार नहीं है जब नेतन्याहू ने मोदी को बधाई दी हो; दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत और राजनैतिक संबंध हमेशा से प्रगाढ़ रहे हैं।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की जीत और मोदी का नेतृत्व
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 293 सीटें हासिल कीं, जिससे नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला। एनडीए के सभी घटक दलों ने मोदी के नेतृत्व का समर्थन किया और उन्हें अपना नेता चुना। 8 जून को मोदी का शपथ ग्रहण समारोह इस ऐतिहासिक जीत का प्रतीक होगा।
वैश्विक नेताओं की बधाई और समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार जीत पर दुनिया भर के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर जेलेंस्की, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और नेपाली प्रधानमंत्री पुष्य कमल दहल ‘प्रचंड’ ने मोदी को बधाई दी है और उनके साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति का संदेश
यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी मोदी को बधाई देते हुए कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता के साथ काम करना सौभाग्यशाली होगा।” जेलेंस्की का यह संदेश भारतीय लोकतंत्र की वैश्विक पहचान को दर्शाता है और भारत-यूक्रेन संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने का प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा भूटान, श्रीलंका, और मॉरीशस के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। यह कदम भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
2014 और 2019 के समारोहों की तुलना में भव्य आयोजन
2014 में, नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सात देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। 2019 में, बिम्सटेक देशों के नेताओं ने उनके शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था। इस बार, पड़ोसी देशों के नेताओं की उपस्थिति से समारोह की भव्यता और बढ़ेगी।
भारत-इटली संबंधों की नई दिशा
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए कहा कि वह भारत और इटली के बीच दोस्ती को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगी। यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
मालदीव, मॉरीशस और भूटान के साथ सहयोग की दिशा
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने सोशल मीडिया पर मोदी को बधाई दी और भारत-मॉरीशस संबंधों की सराहना की। मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइन्जू ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने की इच्छा जताई। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भी मोदी के साथ काम करने की उत्सुकता व्यक्त की।
अमेरिका की प्रशंसा और लोकतंत्र का सम्मान
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने भारत में सफल चुनावों की सराहना की और इसे लोकतंत्र की सबसे बड़ी कवायद बताया। उन्होंने भारतीय जनता के मतदान के प्रति उत्साह की प्रशंसा की और इसे लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण माना।
चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों का संकल्प
चीन ने भी प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन भारत के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए तैयार है और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री मोदी का आभार और संकल्प Shapath Grahan
दुनिया भर से मिली बधाई संदेशों से अभिभूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी वैश्विक नेताओं का धन्यवाद किया। मालदीव के राष्ट्रपति मुइन्जू से बातचीत में मोदी ने कहा कि मालदीव हमेशा भारत के लिए मूल्यवान भागीदार रहेगा। उन्होंने यूक्रेन, इटली, अमेरिका, मॉरीशस, नेपाल, श्रीलंका और अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भी धन्यवाद दिया।
निष्कर्ष
8 जून 2024 को होने वाला शपथ ग्रहण समारोह (Shapath Grahan) नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत का प्रतीक होगा। यह समारोह न केवल भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी बार जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे भारतीय जनता के बीच कितने लोकप्रिय हैं और उनके नेतृत्व में देश ने कितना प्रगति की है। अब, नई उम्मीदों और चुनौतियों के साथ, नरेंद्र मोदी एक बार फिर से भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं।