उत्तराखंड में शिक्षा और पत्रकारिता क्षेत्र के सम्मानित व्यक्तित्वों के बीच एक दुखद घटना घटी है। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक जगदीश जोशी (Senior journalist Jagdish Joshi) की माताजी, पद्मा जोशी, जिनकी उम्र 90 वर्ष थी, का निधन हो गया है। उनके निधन पर कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) और उत्तराखंड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (यूटा) ने गहरा शोक व्यक्त किया है और श्रद्धांजलि अर्पित की है।
शिक्षक संघों की ओर से श्रद्धांजलि
कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) और उत्तराखंड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (यूटा) के पदाधिकारियों और सदस्यों ने इस दुखद समाचार को सुनकर शोक व्यक्त किया और जगदीश जोशी तथा उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
कूटा और यूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, महासचिव डॉ. विजय कुमार, डॉ. नीलू, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. अनिल बिष्ट, डॉ. उमंग, डॉ. सीमा, डॉ. नागेंद्र शर्मा, डॉ. युगल जोशी, डॉ. दीपिका पंत, और डॉ. रितेश साह ने पद्मा जोशी के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की है और उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
यह दुःखद घड़ी जगदीश जोशी और उनके परिवार के लिए एक असहनीय कष्ट का कारण है। इन शिक्षक संघों ने कहा कि इस दुखद समय में सभी का साथ और समर्थन उनके परिवार के लिए महत्वपूर्ण है।
कुमाऊं और उत्तराखंड के शिक्षा जगत में एक और कमी
पद्मा जोशी का निधन सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि कुमाऊं और उत्तराखंड के शिक्षा जगत के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। कुमाऊं विश्वविद्यालय और उत्तराखंड विश्वविद्यालय के शिक्षक संघों ने इस दुखद घटना के बाद शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं और कहा है कि उनके योगदान और योगदानकर्ता उनके परिवार और समाज में हमेशा याद किए जाएंगे।
वरिष्ठ पत्रकार जगदीश जोशी की माताजी का योगदान
जगदीश जोशी के परिवार में उनके माता-पिता का हमेशा एक अहम स्थान रहा है, और उनके जीवन में उनके माता-पिता के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। पद्मा जोशी ने अपने जीवन के अधिकांश वर्षों में अपने परिवार की देखभाल और उनके लिए हर संभव समर्थन दिया। उनके योगदान का प्रभाव न केवल उनके परिवार पर बल्कि उनके आस-पास के समुदाय पर भी पड़ा है।
वह एक बहुत ही सशक्त महिला थीं जिन्होंने परिवार के उत्थान के लिए कई संघर्ष किए। उनके जीवन के सिद्धांत और दृष्टिकोण ने उनके परिवार को सदैव प्रेरित किया। उनके निधन से एक गहरी शून्यता उत्पन्न हुई है, जो उनकी अनुपस्थिति को महसूस करेगी।
शिक्षा और समाज के प्रति योगदान
कुमाऊं और उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षक संघों का यह प्रयास है कि वे समाज की हर छोटी-बड़ी घटना पर प्रतिक्रिया दें, और किसी भी सदस्य के नुकसान के समय उसे सांत्वना और समर्थन प्रदान करें। शिक्षा जगत में यह क्षति अत्यंत गहरी है और हर सदस्य इसे व्यक्तिगत रूप से महसूस करता है।
कूटा और यूटा की भूमिका
कूटा और यूटा दोनों शिक्षक संघ समय-समय पर समाज की गतिविधियों में भाग लेते रहते हैं। वे न केवल शिक्षण कार्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक संबंधों में भी एक दूसरे का समर्थन करते हैं। इन शिक्षक संघों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने अपने विचारों और संवेदनाओं को साझा करते हुए पद्मा जोशी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
कूटा और यूटा दोनों ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि यह दुख की घड़ी परिवार और समाज के लिए चुनौतीपूर्ण है, और हर किसी को मिलकर इस कठिन समय का सामना करना होगा। शिक्षक संघों ने यह भी कहा कि ऐसे समय में हमें एक दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए, ताकि दुखी परिवार को आवश्यक मानसिक और भावनात्मक सहारा मिल सके।
Senior journalist Jagdish Joshi
पद्मा जोशी के निधन ने कुमाऊं और उत्तराखंड के शिक्षा जगत और समाज को एक गहरी शून्यता दी है। उनके परिवार और समाज के प्रति उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा। कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) और उत्तराखंड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (यूटा) ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए परिवार को अपनी गहरी संवेदनाएं दी हैं और इस कठिन समय में समर्थन देने का वचन दिया है।
यह घटना सभी के लिए एक याद दिलाने वाला अवसर है कि हमें अपने परिवार और समाज के योगदानों का सम्मान और सराहना करनी चाहिए, और उनके दुखद समय में उनके साथ खड़ा होना चाहिए।