डीएसबी परिसर में आज प्रज्ञा प्रवाह कार्यक्रम के अंतर्गत माता सरस्वती का भव्य पूजन किया गया। इस अवसर पर दीप प्रज्वलन किया गया तथा सरस्वती की आराधना की गई। विद्वानों एवं शिक्षकों ने पूरे भक्तिभाव से माता सरस्वती का आह्वान किया और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की।
प्रज्ञा प्रवाह संगठन का परिचय
प्रज्ञा प्रवाह एक भारतीय संगठन है जो भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत की गहरी समझ और प्रशंसा को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है। यह संगठन भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि दर्शन, कला, साहित्य, अध्यात्म और सामाजिक विज्ञान से संबंधित कार्य करता है। इसका उद्देश्य विद्वानों, बुद्धिजीवियों और उत्साही लोगों को एक मंच प्रदान करना है, जहां वे इन विषयों पर चर्चा और शोध कर सकें।
सरस्वती पूजन का महत्व
सरस्वती पूजन भारतीय परंपरा में विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी सरस्वती की आराधना का महत्वपूर्ण अंग है। शिक्षा जगत से जुड़े लोग इस दिन विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा कर उनसे ज्ञान, विवेक और सृजनशीलता का आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं प्रतिभागी
सरस्वती पूजन समारोह में कई प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और विद्वानों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में शामिल थे:
- जिला संयोजक प्रो. एल.एम. जोशी
- प्रो. ललित तिवारी
- प्रो. आशीष तिवारी
- डॉ. विजय कुमार
- डॉ. हरिप्रिया पाठक
- डॉ. शिवांगी
- डॉ. दीपिका पंत
- डॉ. भूमिका
- डॉ. डी.एस. परिहार
- डॉ. हेम जोशी
सभी शिक्षकों और विद्वानों ने मां सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूरे भक्तिभाव से पूजा-अर्चना की।
कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियाँ
इस अवसर पर निम्नलिखित गतिविधियाँ आयोजित की गईं:
- दीप प्रज्वलन – कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जो ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है।
- सरस्वती वंदना – उपस्थित सभी लोगों ने सामूहिक रूप से सरस्वती वंदना का पाठ किया।
- भाषण एवं विचार-विमर्श – विद्वानों ने भारतीय संस्कृति, शिक्षा और बौद्धिक उन्नति पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
- सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ – विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
डीएसबी परिसर में प्रज्ञा प्रवाह कार्यक्रम के अंतर्गत सरस्वती पूजन संपन्न
डीएसबी परिसर में आयोजित सरस्वती पूजन कार्यक्रम ने शिक्षा और संस्कृति के महत्व को एक बार फिर उजागर किया। प्रज्ञा प्रवाह के माध्यम से भारतीय संस्कृति और बौद्धिक परंपरा को बढ़ावा देने का यह प्रयास सराहनीय है। इस तरह के कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों बल्कि समूचे समाज को प्रेरणा प्रदान करते हैं। मां सरस्वती की कृपा सभी पर बनी रहे और ज्ञान का प्रकाश चारों ओर फैले।