Sant Nirankari mission | प्रकृति संवाद के अंतर्गत संत निरंकारी मिशन ने निभायी अहम भूमिका
सतगुरु के आदेशानुसार निरंकारी मिशन की ओर से प्रकृति को दोहन से बचाने हेतु समय-समय पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। इसी संदर्भ में गैर राजनीतिक संगठन द्वारा आज दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में ‘प्रकृति संवाद’ कार्यक्रम का भव्य रूप में आयोजन किया गया जिसमें संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के सचिव आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा जी एवं मेम्बर इंचार्ज राकेश मुटरेजा जी सहित अनेक गणमान्य अतिथि, समाज सेवक, गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.), मंत्रीगण, प्रसिद्व पत्रकारों की उपस्थिति रही। Sant Nirankari mission
आदरणीय जोगिन्दर सुखीजा जी के नेतृत्व में निरंकारी मिशन द्वारा समाज कल्याण एवं प्राकृतिक संरक्षण हेतु चलाई गई अनेक परियोजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी को एक पी.पी.टी. के माध्यम से दर्शाया गया। इसके साथ ही संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने हेतु मिशन द्वारा चलाई जा रही अनेक अहम् परियोजनाओं जिनमें वननेस वन, अमृत प्रोजेक्ट, वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता अभियान, तलाशरी इत्यादि प्रमुख है जिसे देखकर सबका हृदय प्रसन्न हो उठा।
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन Sant Nirankari mission
इस कार्यक्रम में अनेक वक्ताओं ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के महत्व को समझने पर चर्चाएँ करी। जिसमें संत निरंकारी मिशन की ओर से आदरणीय राकेश मुटरेजा जी ने प्राकृतिक संरक्षण पर सवांद करते हुए बाबा हरदेव सिंह जी के संदेश को दोहराते हुए कहा कि प्रदूषण केवल बाहर का ही नहीं अंदर वाला भी हानिकारक है क्योंकि जब तक हमारा अंतर्मन स्वच्छ नहीं होता तब तक हम बाहरी वातावरण भी स्वच्छ नहीं रख सकते। Sant Nirankari mission
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उन्होनें उदाहरण सहित बताया कि यह जो पंच भूत है वह हम में ही समाहित है। हम ही प्रकृति है और यह सब मुझसे और मैं इनसे निर्मित हूँ। संत निरंकारी मिशन इसी विचारधारा को प्रवाहित कर रहा है।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी अक्सर अपने विचारों में प्रकृति को अत्यधिक सुंदर बनाने हेतु यही आहृवान करते है कि हमें जो यह प्रकृति इतने सुंदर रूप में मिली है इसे हमें और अधिक सुंदर रूप में छोड़कर जाना है।
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के लगभग 500 स्वयंसेवकों ने सतगुरु के आशीर्वाद से नीली टी-शर्ट में सुसज्जित होकर तनमयतापूर्वक अपनी सेवाओं को निभाते हुए, इस कार्यक्रम में सम्मिलित लगभग हजारों की संख्या में व्यक्तियों को भली प्रकार से नियंत्रित किया।
प्रकृति संरक्षण के अंतर्गत जल को संरक्षित करने हेतु एक बार पुनः दिनांक 25 फरवरी, 2024 को अमृत प्रोजेक्ट का आयोजन किया जायेगा इसके साथ ही समाज कल्याण हेतु दी जा रही निस्वार्थ सेवाएं भी निरंतर जारी रहेंगी। Sant Nirankari mission
निसंदेह इस प्रकृति संवाद एवं ऐसी अनेक परियोजनाओं का उद्देश्य हमारी धरा को स्वच्छ, सुंदर एवं निर्मल बनाना है जिसमें मिशन भी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आह्वान पर बहुमूल्य सहयोग देते हुए अपनी एक अहम् भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम के समापन सत्र पर जलपान का समुचित प्रबंध संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा ही किया गया।