Sahajade Ne Bhedi Amethi: सहजादे ने भेदी अमेठी- राहुल गांधी की ऐतिहासिक जीत: रायबरेली से नई इबारत
राहुल गांधी की ऐतिहासिक जीत: रायबरेली से नई इबारत
राहुल गांधी की राजनीतिक यात्रा में रायबरेली संसदीय सीट पर दर्ज की गई ऐतिहासिक जीत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस जीत ने न केवल उनके राजनीतिक करियर को नया आयाम दिया है, बल्कि उनके परिवार की राजनीतिक विरासत को भी सुदृढ़ किया है। राहुल ने इस चुनाव में अपनी दादी इंदिरा गांधी, पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी के रिकॉर्ड (Sahajade Ne Bhedi Amethi) को तोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह लेख इस जीत के विभिन्न पहलुओं और इसके पीछे के कारणों पर विस्तार से चर्चा करेगा।
सोनिया गांधी की भावुक अपील और रायबरेली की जनता
रायबरेली की जनता के साथ गांधी परिवार का संबंध बहुत पुराना है। सोनिया गांधी ने 18 मई को आईटीआई मैदान में आयोजित एक सभा में रायबरेली की जनता से भावुक अपील की थी। उन्होंने कहा, “अपना बेटा सौंप रही हूं। जैसे मुझे अपनाया, वैसे ही राहुल को अपनाना। मैं रहूं या न रहूं, राहुल आपको कभी निराश नहीं करेंगे।” इस अपील का असर वोटरों पर साफ देखा गया और उन्होंने राहुल को ऐतिहासिक जनादेश दिया।
राहुल गांधी की जीत का ऐतिहासिक महत्व
राहुल गांधी ने रायबरेली संसदीय सीट से रिकॉर्ड 3.90 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज कराई है। इससे पहले, सोनिया गांधी ने 2006 के उपचुनाव में 4.17 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस जीत ने राहुल गांधी को उनकी दादी, पिता और मां के बीच सबसे अधिक वोट पाने वाला प्रत्याशी बना दिया है। इंदिरा गांधी ने 1967, 1971 और 1980 में रायबरेली सीट से चुनाव जीता था, जबकि राजीव गांधी ने 1981 से 1991 के बीच अमेठी से चार बार चुनाव जीता। सोनिया गांधी ने रायबरेली से 2006 के उपचुनाव सहित छह बार सांसद का चुनाव जीता है।
राहुल गांधी की राजनीतिक यात्रा
राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2004 में अमेठी से की थी। इसके बाद उन्होंने 2009 और 2014 में भी अमेठी से जीत दर्ज की। 2019 में अमेठी से हारने के बाद, उन्होंने केरल के वायनाड सीट से जीत हासिल की। 2024 में, उन्होंने रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से जीत दर्ज की, जिससे उनके नाम परिवार में सबसे अधिक 7,06,369 वोट वायनाड सीट से 2019 में पाने का रिकॉर्ड भी है।
राहुल गांधी की जीत का महत्व
रायबरेली की जीत का महत्व केवल राहुल गांधी के व्यक्तिगत रिकॉर्ड तक सीमित नहीं है। यह जीत भारतीय राजनीति में गांधी परिवार की निरंतरता और प्रभाव को भी दर्शाती है। राहुल गांधी की यह जीत उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। यह जीत यह भी दर्शाती है कि गांधी परिवार के प्रति जनता का विश्वास और समर्थन अभी भी मजबूत है।
रायबरेली की जनता की उम्मीदें और राहुल की जिम्मेदारियां
रायबरेली की जनता ने सोनिया गांधी की अपील पर राहुल गांधी को समर्थन दिया है। अब राहुल गांधी के सामने जिले की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की बड़ी जिम्मेदारी है। जिले की जनता को उनसे विकास, रोजगार और बेहतर जीवन स्तर की उम्मीदें हैं। राहुल गांधी को इन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कठोर मेहनत करनी होगी और जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
राहुल गांधी की चुनावी यात्रा की बात करें तो उन्होंने 2004 में अमेठी से अपना पहला चुनाव लड़ा और 290853 वोटों के अंतर से जीते। इसके बाद, 2009 में उन्होंने 370198 वोटों के अंतर से, 2014 में 107903 वोटों के अंतर से और 2019 में वायनाड से 329332 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। 2024 में उन्होंने रायबरेली से 390030 और वायनाड से 364422 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
सोनिया गांधी ने अब तक छह बार सांसद का चुनाव जीता है। उन्होंने 1999 में अमेठी से 300012 वोटों के अंतर से, 2004 में रायबरेली से 249725 वोटों के अंतर से, 2006 के उपचुनाव में 417888 वोटों के अंतर से, 2009 में 372165 वोटों के अंतर से, 2014 में 252713 वोटों के अंतर से और 2019 में 167178 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की जीत
राजीव गांधी ने 1981 से 1991 के बीच अमेठी से चार बार चुनाव जीता। उन्होंने 1981 में 237696 वोटों के अंतर से, 1984 में 314878 वोटों के अंतर से, 1989 में 202138 वोटों के अंतर से और 1991 में 112085 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। इंदिरा गांधी ने रायबरेली से 1967 में 110210 वोटों के अंतर से, 1971 में 111810 वोटों के अंतर से और 1980 में 173654 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
निष्कर्ष
राहुल गांधी की रायबरेली से ऐतिहासिक जीत ने भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ा है। यह जीत गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत को सुदृढ़ करने के साथ-साथ राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता को भी प्रमाणित करती है। अब राहुल गांधी के सामने रायबरेली की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने और उनके मंसूबों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी है। यह जीत उनके लिए एक नई शुरुआत है और भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। राहुल गांधी की यह जीत न केवल उनके राजनीतिक करियर के लिए बल्कि कांग्रेस पार्टी के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी।