डीएसबी परिसर में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कार्यवाहक निदेशक, डीन स्टूडेंट वेलफेयर तथा विभागाध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने ध्वजारोहण किया और राष्ट्रगान गाया गया। इस कार्यक्रम में परिसर के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत वातावरण बना रहा।
संविधान की गौरवगाथा
ध्वजारोहण के पश्चात अपने संबोधन में प्रो. ललित तिवारी ने उपस्थित जनसमूह को भारत के संविधान और गणतंत्र दिवस के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, जिससे देश एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बना। उन्होंने यह भी कहा कि तिरंगा केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि हमारी आन, बान और शान का प्रतीक है, जो देश की एकता, अखंडता और विविधता को दर्शाता है।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमें उनके बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत को 2047 तक विकसित देशों की श्रेणी में लाने का सपना साकार करना हम सबका कर्तव्य है।
देशभक्ति की भावना के साथ आयोजित कार्यक्रम
गणतंत्र दिवस के इस शुभ अवसर पर परिसर में ‘वॉल ऑफ हीरोज’ पर दीप प्रज्वलित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। उपस्थित लोगों ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों के प्रति सम्मान प्रकट किया और उनके बलिदान को नमन किया।
कार्यक्रम के दौरान परिसर में देशभक्ति गीतों की गूंज रही और सभी उपस्थित लोगों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ राष्ट्रगान गाया। इसके बाद उपस्थित सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को मिष्ठान वितरण किया गया, जिससे माहौल और भी हर्षोल्लासमय हो गया।
गणतंत्र दिवस के आयोजन में सहभागिता
इस अवसर पर डीएसबी परिसर के अनेक प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और कर्मचारियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल थे:
- प्रो. आशीष तिवारी
- प्रो. एम. एस. मावरी
- प्रो. एस. एस. बरगली
- प्रो. सुषमा टम्टा
- प्रो. नीलू लोधियाल
- डॉ. रितेश
- प्रो. एल. एस. लोधीयाल
- प्रो. किरण बरगली
- डॉ. प्रियंका
- डॉ. आशा परचे
- डॉ. हर्ष चौहान
- डॉ. मोहित
- डॉ. नवीन पांडे
- डॉ. राशि
- डॉ. नगमा
- डॉ. श्रुति
- डॉ. उजमा
- डॉ. दिव्या पांगती
- डॉ. नंदन मेहरा
- नंदा बल्लभ पालीवाल
- नवल बिनवाल
- अमित
- डी. एस. बिष्ट
- कुंदन
- अजय
सभी ने मिलकर इस समारोह को सफल बनाने में अपना योगदान दिया और देश की सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
मैं शांति से लेट कर सो जाऊंगा, क्योंकि हे परमपिता परमात्मा तू ही मुझे आसरा देता है
गणतंत्र दिवस का महत्व और प्रेरणा
गणतंत्र दिवस हर भारतीय नागरिक के लिए गौरव और प्रेरणा का दिन है। इस दिन न केवल हम अपने संविधान की ताकत को पहचानते हैं, बल्कि अपने कर्तव्यों का स्मरण भी करते हैं।
प्रो. ललित तिवारी ने इस मौके पर कहा कि हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए और उनके सपनों के भारत को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि “युवा ही देश का भविष्य हैं, और हमें अपनी मेहनत और लगन से भारत को आगे बढ़ाने में योगदान देना चाहिए।”
उन्होंने यह भी बताया कि संविधान हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार देता है, इसलिए हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी निभाना चाहिए।
भविष्य के लिए संकल्प
गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर सभी ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि वे राष्ट्र की प्रगति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे और देश को हर क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर वक्ताओं ने भारत की उपलब्धियों का उल्लेख किया और भविष्य में भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा दी।
गणतंत्र दिवस का उत्साहपूर्ण आयोजन
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जहां सभी ने गर्व के साथ तिरंगे को सलामी दी और अपने देश की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। इस प्रकार डीएसबी परिसर में गणतंत्र दिवस का यह भव्य आयोजन अत्यंत हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ, जो सभी के लिए प्रेरणा और राष्ट्रप्रेम की भावना से भरपूर रहा।
इस प्रकार गणतंत्र दिवस ने एक बार फिर सभी को अपने कर्तव्यों का एहसास कराया और देश के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया।