Professor Dr Hema: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा डॉ हेमा का असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयन: डीएसबी परिसर की संविदा प्राध्यापक की सफलता : ukjosh

Professor Dr Hema: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा डॉ हेमा का असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयन: डीएसबी परिसर की संविदा प्राध्यापक की सफलता


Professor Dr Hema: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) द्वारा हाल ही में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित होने वाली डॉ हेमा की सफलता ने डीएसबी परिसर के भौतिकी विभाग को गर्व महसूस कराया है। डॉ हेमा, जो डीएसबी परिसर के भौतिकी विभाग में एक संविदा प्राध्यापक के रूप में कार्यरत थीं, की यह सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि उनके मार्गदर्शन में काम करने वाले अन्य शिक्षक और विभागीय सहयोगियों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनी है।

डॉ हेमा की शैक्षिक यात्रा और शोध Professor Dr Hema

डॉ हेमा ने अपनी शैक्षिक यात्रा की शुरुआत उत्तराखंड के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों से की थी। इसके बाद, उन्होंने अपने शोध कार्य को प्रसिद्ध एम.बी.पी.जी. कॉलेज, हल्द्वानी में डॉ तारा भट्ट के निर्देशन में पूरा किया। उनके शोध कार्य की गुणवत्ता और गहराई ने उन्हें इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। डॉ हेमा के शोध कार्य ने न केवल भौतिकी के क्षेत्र में योगदान किया बल्कि शिक्षा जगत में उनके दृष्टिकोण और मेहनत को भी उजागर किया।

दो वर्षों की सेवा

डॉ हेमा ने डीएसबी परिसर के भौतिकी विभाग में दो वर्षों तक संविदा प्राध्यापक के रूप में सेवाएं दीं। उनके योगदान ने छात्रों के बीच विज्ञान के प्रति उत्साह और समझ को बढ़ाया। उनकी शिक्षण शैली और विद्यार्थियों के साथ संवाद ने उन्हें एक प्रिय और सम्मानित शिक्षक बना दिया। उनके द्वारा पढ़ाए गए विषयों में गहरी समझ और रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया गया।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा चयन

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) द्वारा डॉ हेमा का असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन उनके कठिन परिश्रम, शैक्षिक कर्तव्यों के प्रति निष्ठा और शोध कार्य की गुणवत्ता का परिणाम है। यह सफलता उनके लिए एक नई शुरुआत और शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को और भी बढ़ाने का अवसर साबित होगी।

विभाग और सहयोगियों की बधाई

डॉ हेमा की इस बड़ी सफलता पर डीएसबी परिसर के भौतिकी विभाग के सभी शिक्षक और सहयोगी सदस्य खुशी से भरे हुए हैं। विभाग के हेड प्रो. सूची बिष्ट, डॉ संजय पंत, डॉ बिमल पांडे, डॉ सीमा पांडे, डॉ रमेश चंद्रा, डॉ गिरीश, और डॉ निशा सहित कई अन्य विभागीय सदस्य डॉ हेमा की सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं।

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कूटा के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, महासचिव डॉ विजय कुमार, डॉ नीलू, डॉ दीपक कुमार, डॉ संतोष कुमार, डॉ पैनी जोशी, डॉ अनिल बिष्ट, डॉ उमंग, डॉ सीमा, डॉ नागेंद्र शर्मा, डॉ युगल जोशी, डॉ दीपिका पंत, और डॉ रितेश साह ने भी डॉ हेमा को बधाई और मुबारकबाद दी है। उनके सहकर्मियों और विद्यार्थियों ने उन्हें एक प्रेरणा स्रोत बताया और उनके आगामी करियर के लिए शुभकामनाएं दीं।

शिक्षा क्षेत्र में उनका योगदान

डॉ हेमा की सफलता इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। वे न केवल एक योग्य शिक्षिका हैं, बल्कि एक प्रेरक व्यक्तित्व भी हैं जो अपने छात्रों को ज्ञान के साथ-साथ जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को भी सिखाती हैं। उनके चयन से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा और शोध के क्षेत्र में समर्पण और लगन से सफलता प्राप्त की जा सकती है।

भविष्य में अवसर

डॉ हेमा का असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन केवल एक शैक्षिक उपलब्धि नहीं, बल्कि यह उनके लिए आने वाले कई और अवसरों का दरवाजा भी खोलता है। उनके आगामी करियर में नए आयाम होंगे, जहां वे अपनी कड़ी मेहनत और विशेषज्ञता के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में और भी अधिक योगदान दे सकेंगी।

इस सफलता के साथ-साथ, डॉ हेमा अन्य शिक्षकों और छात्रों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करती हैं कि निरंतर प्रयास और समर्पण से हर मंजिल हासिल की जा सकती है। उनका चयन न केवल उनके लिए बल्कि उनके सभी सहयोगियों और छात्रों के लिए भी गर्व का विषय है, क्योंकि यह सफलता पूरे विभाग की सफलता के रूप में देखी जा रही है।

Professor Dr Hema

डॉ हेमा (Professor Dr Hema) की असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयनित होने की खबर न केवल उनके परिवार और दोस्तों, बल्कि पूरे शैक्षिक समुदाय के लिए गर्व का कारण है। उनके इस सफलता की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रयासों को साकार रूप देने के लिए लगातार मेहनत कर रहा है। उनकी उपलब्धि यह साबित करती है कि कठिन परिश्रम और सही मार्गदर्शन के साथ, किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

डीएसबी परिसर के भौतिकी विभाग को गर्व है कि डॉ हेमा उनके साथ जुड़ी हुई हैं और यह उनकी सफलता के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। आने वाले समय में हम उम्मीद करते हैं कि डॉ हेमा अपने नए पद पर और भी ऊंचाइयों को छूएंगी और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी।


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