Prana Vayu Campaign: प्राण वायु अभियान: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल
Prana Vayu Campaign: प्रकृति हमारे जीवन का मूलभूत आधार है। इसमें पौधों का महत्व सर्वाधिक है, क्योंकि वे न केवल हमें प्राणवायु (ऑक्सीजन) प्रदान करते हैं, बल्कि पर्यावरण को संतुलित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी उद्देश्य को लेकर राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता प्रोफेसर शिव दत्त तिवारी द्वारा “प्राण वायु अभियान” चलाया गया। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है, बल्कि युवाओं को पौधरोपण और प्रकृति के प्रति जागरूक बनाने का भी आह्वान करता है।
अभियान की शुरुआत
डीएसबी परिसर के बॉटनी विभाग में आयोजित इस कार्यक्रम में बहुवर्षीय पौधों पर प्राण वायु से संबंधित स्लोगन लिखने की अनूठी पहल की गई। प्रो. शिव दत्त तिवारी ने अपने संबोधन में पौधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये जीवन के आधार हैं और पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने पांच प्रकार के पौधों – शैवाल (Algae), ब्रायोफाइट्स (Bryophytes), टरिडोफाइट (Pteridophytes), जिम्नास्पर्मस (Gymnosperms), और एंजियोस्पर्मस (Angiosperms) – की विशिष्ट भूमिकाओं का उल्लेख किया। प्रत्येक प्रकार के पौधे अपनी संरचना और कार्यक्षमता में अद्वितीय होते हैं, जो पर्यावरण को संतुलित रखने में सहायक हैं।
पौधों का महत्व Prana-Vayu-Campaign
प्रो. तिवारी के अनुसार, पौधे न केवल ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि भोजन, औषधि, आश्रय और जैव विविधता को संरक्षित करने का कार्य भी करते हैं। उन्होंने कहा, “पौधे ही जीवन के हर पहलू से जुड़े हुए हैं। वे जल चक्र को संतुलित करने, मृदा संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक होते हैं।”
खाद्य श्रृंखला और पर्यावरण संरक्षण
कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रो. लालित तिवारी ने पौधों की भूमिका पर बल देते हुए कहा, “यह खाद्य श्रृंखला ही हमारे प्राणों को संरक्षित रखती है। पौधों के बिना जीवन की कल्पना असंभव है।” उन्होंने युवाओं को अधिकाधिक पौधरोपण करने और उनके संरक्षण के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया।
प्राण वायु अभियान की गतिविधियां
अभियान के तहत रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और वाणिज्य विभाग में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस पहल में विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने पौधों की देखभाल और पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली। Prana Vayu Campaign
कार्यक्रम के प्रतिभागी और उनका योगदान
इस अभियान में विभागाध्यक्ष प्रो. एस.एस. बरगली, प्रो. सुषमा टम्टा, प्रो. नीलू लोधियाल, प्रो. अनिल बिष्ट, डॉ. नवीन पांडे, और अन्य शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी की। विद्यार्थियों – वसुंधरा, दिशा, विशाल, आनंद, पूजा, फिजा, कोमल, कसक चंद्रा और तनिष्का – ने भी पौधरोपण कर अभियान को सफल बनाया।
पौधों की विभिन्न श्रेणियों का परिचय
- शैवाल (Algae): ये सबसे सरल पौधे हैं, जो जल में पाए जाते हैं और प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं।
- ब्रायोफाइट्स (Bryophytes): ये छोटे, बिना संवहन तंत्र वाले पौधे हैं, जो मृदा की उर्वरता को बढ़ाते हैं।
- टरिडोफाइट (Pteridophytes): ये संवहन तंत्र वाले पौधे हैं, जो जल चक्र और मृदा संरक्षण में योगदान देते हैं।
- जिम्नास्पर्मस (Gymnosperms): ये बीज वाले पौधे हैं, जिनमें चीड़ और देवदार जैसे पौधे शामिल हैं, जो औषधीय और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
- एंजियोस्पर्मस (Angiosperms): ये फूल वाले पौधे हैं, जो पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हैं और खाद्य श्रृंखला में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
पर्यावरण संरक्षण में युवाओं की भूमिका Prana Vayu Campaign
प्रो. तिवारी ने अपने संबोधन में युवाओं को इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “यदि आज का युवा पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी उठाए, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और संतुलित पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सकता है।”
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अभियान की व्यापकता और भविष्य की योजनाएं
प्राण वायु अभियान का उद्देश्य न केवल पौधरोपण तक सीमित है, बल्कि इसके माध्यम से जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना है। भविष्य में इस अभियान को अन्य शैक्षणिक संस्थानों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी विस्तार दिया जाएगा।
Prana Vayu Campaign
प्राण वायु अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह हमें सिखाता है कि पौधे न केवल हमारे जीवन का आधार हैं, बल्कि वे हमें स्वस्थ और संतुलित पर्यावरण प्रदान करने में मदद करते हैं। हमें इस अभियान से प्रेरणा लेकर अधिकाधिक पौधरोपण करना चाहिए और उनकी देखभाल का संकल्प लेना चाहिए।
“पेड़ लगाएं, पर्यावरण बचाएं, और भविष्य को उज्ज्वल बनाएं।”