डीएसबी परिसर में “भूप या भविष्य? द डिलेमा!” नाटक का शानदार मंचन, पलायन की पीड़ा को दिखाया मंच पर Plays based on migration
नैनीताल, उत्तराखंड। डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग द्वारा एक सशक्त सामाजिक विषय “पलायन” पर आधारित नाटक “भूप या भविष्य? द डिलेमा!” (Plays based on migration) का सफल मंचन ए.एन. सिंह सभागार में किया गया। इस स्वलिखित नाटक के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने पहाड़ों से हो रहे निरंतर पलायन और उससे जुड़ी भावनात्मक, सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं को बड़े प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी गणमान्य अतिथियों के स्वागत और पौधारोपण से हुई, जिसमें प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और संरक्षण का संदेश दिया गया। श्रिया द्वारा प्रस्तुत भव्य गणेश वंदना और फिर कुमाऊनी लोक संस्कृति पर आधारित नृत्य ने कार्यक्रम को जीवंतता प्रदान की।

नाटक “भूप या भविष्य?” में निश्चय रौतेला (भूप सिंह), नकुल बिष्ट (रमेश), काजल जलाल (आमा), कोमल नेगी (मधुली) सहित अन्य पात्रों ने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों को बांधे रखा। नाटक के निर्देशन की ज़िम्मेदारी डॉ. दीपिका पंत ने बखूबी निभाई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री मिथिलेश पांडे ने छात्रों की अभिनय प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह की प्रस्तुतियाँ समाज को जागरूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने पहुंचे: प्रो. नीति बोरा शर्मा, प्रो. संजय पंत, प्रो. एल.एम. जोशी, प्रो. चित्रा पांडे, प्रो. रजनीश पांडे, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. गीता तिवारी, प्रो. सीमा पांडे, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. रिचा पांडे, डॉ. मनोज बिष्ट, डॉ. हिरदेश कुमार आदि। कार्यक्रम में लगभग 300 विद्यार्थियों की सहभागिता रही।