देहरादून: “परमात्मा जानने योग्य है, और उसे सच्चे मार्गदर्शक के माध्यम से जाना जा सकता है। जब जीवन में ब्रह्मानुभूति होती है, तभी सच्ची भक्ति का आरंभ होता है।” यह विचार संत निरंकारी मंडल के जनरल सेक्रेटरी, आदरणीय श्री सुखदेव सिंह जी ने हरिद्वार बाईपास रोड स्थित निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को आयोजित भव्य सत्संग (Phoolon ka Guladasta) कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उन्होंने भगवद्गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिव्य दृष्टि प्रदान की, जिससे उन्होंने विराट स्वरूप का दर्शन किया, उसी प्रकार पूर्ण सतगुरु की कृपा से जीवात्मा को ईश्वर का साक्षात्कार होता है। यह ईश्वर नित्य, निराकार और सर्वव्यापक है, जिसे कोई शस्त्र काट नहीं सकता, अग्नि जला नहीं सकती, जल गला नहीं सकता और वायु उड़ा नहीं सकती। इस अखंड, अनंत और दायम रहने वाली सत्ता से जुड़ना ही सच्ची भक्ति और सत्संग का सार है।
सत्संग में श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री सुखदेव सिंह जी ने निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं राजपिता रमित जी का पावन संदेश भी श्रद्धालुओं तक पहुँचाया। इस दिव्य सत्संग में मसूरी ज़ोनल इंचार्ज श्री हरभजन सिंह जी एवं स्थानीय संयोजक श्री नरेश विरमानी जी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
बाल संगत के नन्हे बच्चों ने श्री सुखदेव सिंह जी का फूलों का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया, जबकि स्थानीय सेवादल के भाई-बहनों ने मनजीत सिंह जी के नेतृत्व में अपनी सेवाएँ दीं। कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालु भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो गए।