परम तत्व में मुक्ति का रहस्य: नरक से बचिए, मोक्ष को अपनाइए; परम तत्व में मुक्ति का रहस्य; मनुष्यों के लिए ईश्वर का बुलावा— “उद्धार मुफ्त है, ले लो” Paramtatva Uddhaar
चेतन मनुष्यों के लिए ईश्वर का बुलावा — “उद्धार मुफ्त है, ले लो”
देहरादून। इस संसार में जब सत्य और असत्य के बीच की रेखाएं धुंधली हो जाती हैं, तब परमात्मा स्वयं जीवात्मा (Paramtatva Uddhaar) को चेताता है। “परमतत्व यानी सच्चाई में अपनी सफाई देना बंद कर दो।” ईश्वर यहोवा सब जानता है — हमारे मन के विचार, कर्मों का बोझ और भविष्य की दिशा। मनुष्य जो छुपाता है, वह ईश्वर के लिए प्रकट है।
हमें स्मरण कराता है कि मनुष्य योनी अन्य योनियों से श्रेष्ठ है। यह न केवल समझ और चेतना का स्रोत है, बल्कि यह एक मौका है — उद्धार का मौका।
नरक और अधोलोक: चेतावनी, न कि कल्पना
नरक कोई मिथक नहीं, बल्कि वह स्थान है जहाँ शैतान और उसके अनुयायियों की आत्माएं पापों की सजा पाती हैं। वहाँ की गंदगी, दुर्गंध और यातना किसी भी जीव के लिए अपमानजनक है। यह वह स्थान है जहाँ “धुनि-धुनि पछताने” की आवाजें गूंजती हैं — लेकिन तब बहुत देर हो चुकी होती है।
“मैं ही द्वार हूँ” — यीशु का प्रेमपूर्ण निमंत्रण Paramtatva Uddhaar
यीशु मसीह ने कहा:
“मैं ही द्वार हूँ। यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे, तो वह उद्धार पाएगा।”
इसका अर्थ है — मोक्ष का एकमात्र मार्ग, धर्म नहीं बल्कि सत्य, और वह सत्य स्वयं परमात्मा का स्वरूप है।
यह समय है लौटने का, स्वीकार करने का
आज जब अनुग्रह का युग चल रहा है — यह एक निःशुल्क अवसर है मुक्ति पाने का।
पापों की क्षमा, सत्य में जीवन, और उद्धार का अनुभव — यह सब फ्री में उपलब्ध है, लेकिन सिर्फ उनके लिए जो इसे विश्वास से स्वीकार करते हैं।
“मैं तेरे दिल के दरवाजे पर दस्तक दूँगा…” Paramtatva Uddhaar
अगर आज आप अपने भीतर यह आवाज़ सुनते हैं, तो दरवाज़ा खोलिए। परमात्मा प्रेम से भरा है और उसका उद्धार उस पानी की तरह है जो प्यासे को जीवन देता है।
मनुष्य जीवन एक अवसर है। चेतना की यह योनी व्यर्थ न जाए — नरक से बचिए, मोक्ष को अपनाइए।
आज ही अपने जीवन में सत्य और उद्धार के मार्ग को चुनिए।