New Year 2024 Table Calendar for You नये साल की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
इस नये साल (New Year 2024) में भगवान आपको नई ऊंचाईयां दे, आपका जीवन खुशी से महके और आपको ईश्वर ने पृथ्वी पर भेजा है तो आप अपने पिता परमेश्वर को पहचान कर उनकी महिमा करें ताकि जिस मनुष्य को ईश्वर ने पृथ्वी पर भेजा है और पृथ्वी पर उसके लिए अन्न, जल, मकान, जीवनसाथी, बच्चे यानि एक संयुक्त परिवार और एक पृथ्वी एक प्लेट फार्म के रूप में दी उन सभी की उपस्थिति आपको हो और अपने भेजने वाले को आप धन्यवाद कर सके।
पिता परमेश्वर जो ब्रह्माण्ड का मालिक है उनकी महिमा और आगे से आगे बड़ती रहे।
धन्यवाद।
राधा रतूड़ी ने व्यय वित्त समिति New Year 2024
- मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों को सभी प्रोजेक्ट्स के निर्माण के दौरान इंटिग्रेटेड प्लान के साथ कार्य करने के दिये निर्देश
- हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से राज्य में नए निर्माणों से भी अधिक वर्तमान अस्पतालों, स्वास्थ्य सुविधाओं एवं सेवाओं को मजबूत करने एवं सुधारने की जरूरत
राज्य में परियोजनाओं के निर्माण के संदर्भ में संसाधनों के अपव्यय को समाप्त करने दृष्टिगत मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों को सभी प्रोजेक्ट्स के निर्माण के दौरान इंटिग्रेटेड प्लान के साथ कार्य करने की कड़ी हिदायत दी है। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि परियोजनाओं के विकास के दौरान मानव संसाधन, भवन, उपकरणों तथा प्रोजेक्ट्स के आउटकम पर एकीकृत समझ के साथ कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने गोपेश्वर एवं रूड़की के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बनने वाले 50 बैड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक की समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य विभाग को सख्त हिदायत दी है कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से राज्य में नए निर्माणों से भी अधिक वर्तमान अस्पतालों, स्वास्थ्य सुविधाओं एवं सेवाओं को मजबूत करने एवं सुधारने की जरूरत है।
मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में संसाधनों के अपव्यय को रोकते हुए वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं को तत्परता से सुधारने के निर्देश दिए हैं। श्रीमती राधा रतूड़ी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में वर्तमान स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संसाधनों के अधिकतम उपयोग की सख्त नसीहत स्वास्थ्य विभाग को दी है। इसके साथ ही उन्होंने सभी अस्पतालों में सोलर पैनल एवं रैन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य करने की बात कही।
शुक्रवार को सचिवालय में 5 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) की बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मानसखण्ड योजना के तहत नैनीताल में माँ नयना देवी मन्दिर के सौन्दर्यीकरण एवं सुधारीकरण की समीक्षा करते हुए यहाँ पर पार्किंग के विस्तारीकरण, मंदिर के निकट फ्रीजिंग जोन बनाने तथा योजनाबद्ध विकास कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
इस सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि 1101.62 लाख रूपये की लागत से संचालित होने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत 1 वर्ष के भीतर मंदिर परिसर के विकास एवं सौन्दर्यीकरण, यूटिलिटि शिफिटंग, मंदिर परिसर के समीप पार्किंग स्थल को स्टैक पार्किंग में बदलकर उच्चीकृत किया जाएगा। इसमें मंदिर परिसर के आस पास की दुकानों का रिसेटलमेंट तथा पैदल पथ का सौन्दर्यीकरण भी किया जाना है।
इसके साथ ही मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मानसखण्ड योजना के तहत चम्पावत में देवीधूरा बाराही देवी मंदिर के सौन्दर्यीकरण की समीक्षा करते हुए मन्दिर निर्माण, परिक्रमा मार्ग, प्रवेश द्वार, गहरवालखाम एवं आन्तरिक विद्युतीकरण के कार्य को निर्धारित समय सीमा पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि 18 माह में पूरा होने वाले इस प्रोजेक्ट की लागत 1253.28 लाख रूपये है।
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मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने 4042.90 लाख से संचालित होने वाले ऋषिकेश शहर के तहत मुनि की रेति, ढालवाला तथा तपोवन क्षेत्र के ड्रैनेज प्लान (जल निकासी) को जल्द पूरा करने निर्देश सिंचाई विभाग को दिए।
राज्य विधानसभा में व्यापक चर्चा उत्तराखण्ड में लागू समान नागरिक संहिता कानून-CM New Year 2024
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने वाली समिति द्वारा इसका ड्राफ्ट उन्हें सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि 740 पृष्ठों की चार वॉल्यूम में तैयार की गई इस विस्तृत ड्राफ्ट रिपोर्ट को 05 फरवरी से आयोजित हो रहे राज्य विधान सभा के सत्र में सभी दलों के सदस्यों के साथ व्यापक चर्चा एवं विचार विमर्श के बाद इसे अधिनियम के रूप में तैयार कर राज्य में लागू कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमने 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता से वादा किया था कि चुनाव के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया जायेगा। प्रदेश की देवतुल्य जनता ने इसके लिए पूर्ण बहुमत की सरकार राज्य में बनाकर अपना समर्थन प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने वादे के मुताबिक हमने सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई।
समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री प्रमोद कोहली, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव श्री शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल एवं समाजसेवी श्री मनु गौड़ को सम्मिलित किया गया। समिति द्वारा दो उप समितियों का गठन भी किया गया। जिसमें से एक उपसमिति का कार्य “संहिता“ का प्रारूप तैयार करने का था। दूसरी उप समिति का कार्य प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित करने के साथ ही संवाद स्थापित करना था।
समिति द्वारा देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में सभी वर्ग के लोगों से सुझाव प्राप्त किये गये। इस दौरान कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किये गये। New Year 2024
मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिये समाज के हर वर्ग से सुझाव आमंत्रित करने के लिये 08 सितम्बर 2022 को एक वेब पोर्टल लॉन्च करने के साथ ही राज्य के सभी नागरिकों से एसएमएस और वाट्सअप मैसेज द्वारा सुझाव आमंत्रित किये गये। समिति को विभिन्न माध्यमों से 2.33 लाख सुझाव प्राप्त हुए। जो कि प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों के बराबर है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग 02 लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने हेतु समिति की 72 बैठकें आहूत की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन और परीक्षण कर यथाशीघ्र उत्तराखंड राज्य के लिये समान नागरिक संहिता कानून का प्रारूप तैयार कर संबंधित विधेयक को आगामी विधान सभा के विशेष सत्र में रखेगी। इस कानून को लागू करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड गंगा यमुना का उद्गम स्थल के साथ भगवान श्री बद्रीनाथ, बाबा केदार, आदि कैलाश की पावन भूमि है। इस देवभूमि से तैयार होने वाला यह विधेयक प्रदेश हित के साथ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ तथा सबका साथ, सबका विकास के प्रधानमंत्री श्री मोदी के मूल मंत्र को साकार करने की दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि यह किसी के भी विरोध के लिये नही लाया गया है। हम प्रदेश की जनता से किये गये वादे के अनुरूप इस दिशा में आगे बढ़े है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अन्य राज्य भी इस दिशा में निश्चित रूप से आगे बढेंगे। भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में इसकी व्यवस्था भी स्पष्ट है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में नेपाल में आयोजित होने वाले फुटबॉल टूर्नामेंट में प्रतिभाग कर रही यूके मास्टर्स स्पोर्ट्स टीम ने शिष्टाचार भेंट की। नेपाल के पोखरा में आगामी 07 फरवरी, से 03 दिवसीय ‘‘60 प्लस इंटरनेशनल वेटरन फुटबॉल टूर्नामेंट’’ आयोजित हो रहा है। इस टूर्नामेंट में उत्तराखण्ड सहित कुल 06 टीमें प्रतिभाग करेगी। उत्तराखण्ड से मास्टर्स स्पोर्ट्स टीम इस टूर्नामेंट में प्रतिभाग कर रही है।
टीम को अपनी शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमें अपने मन और मस्तिष्क को युवा रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सोच-विचार और धारणा को इस प्रकार विकसित करना चाहिए जिससे कोई भी लक्ष्य बड़ा ना लगे। राज्यपाल ने सोसाइटी के अध्यक्ष विपिन बलूनी को अपनी संस्था में 5 लाख से अधिक वेटरर्न्स को जोड़ने का लक्ष्य भी दिया।
Budget key highligts Budget allocations ministry wise सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटा कम करना है
उन्होंने कहा कि मास्टर्स स्पोर्ट्स के सभी खिलाड़ी 60 वर्ष से अधिक उम्र के है जो फिट इण्डिया मूवमेंट को चरितार्थ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को खेलों और अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि वे सभी खिलाड़ियों से मिलकर बहुत प्रभावित हुए हैं।
उन्होने कहा कि इस उम्र में खेलों के प्रति ऐसा जज्बा हमारे युवाओं के प्रेरणा का कार्य करेगा। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से परिचय भी प्राप्त किया। इस अवसर पर मास्टर्स स्पोट्स सोसाइटी के अध्यक्ष विपिन बलूनी, कर्नल मनोज रावत, एल.एम भट्ट, मैनेजर आर पी पोखरियाल, कोच अशोक वाही सहित टीम के सदस्य उपस्थित रहे।
उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता के लिए गठित समिति ने ड्राफ्ट मुख्यमंत्री को सौंपा। New Year 2024
उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता के लिये सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में बनी समिति ने शुक्रवार को ड्राफ्ट मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 से पूर्व हमने उत्तराखण्ड राज्य की जनता से भारतीय जनता पार्टी के संकल्प के अनुरूप उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने वादे के मुताबिक हमने सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई।
समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री प्रमोद कोहली, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव श्री शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल एवं समाजसेवी श्री मनु गौड़ को सम्मिलित किया गया। समिति द्वारा दो उप समितियों का गठन भी किया गया। जिसमें से एक उपसमिति का कार्य “संहिता“ का प्रारूप तैयार करने का था। दूसरी उप समिति का कार्य प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित करने के साथ ही संवाद स्थापित करना था।
समिति द्वारा देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में सभी वर्ग के लोगों से सुझाव प्राप्त किये गये। इस दौरान कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किये गये और प्रवासी उत्तराखंडी भाई-बहनों के साथ 14 जून 2023 को नई दिल्ली में चर्चा के साथ ही संवाद कार्यक्रम पूर्ण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिये समाज के हर वर्ग से सुझाव आमंत्रित करने के लिये 08 सितम्बर 2022 को एक वेब पोर्टल लॉन्च करने के साथ ही राज्य के सभी नागरिकों से एसएमएस और वाट्सअप मैसेज द्वारा सुझाव आमंत्रित किये गये।
समिति को विभिन्न माध्यमों से दो लाख बत्तीस हजार नौ सौ इक्सठ (2,32,961) सुझाव प्राप्त हुए। जो कि प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों के बराबर है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग 02 लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने हेतु समिति की 72 बैठकें आहूत की गई।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा समिति से रिपोर्ट प्राप्त कर राज्य की जनता एवं राज्य सरकार की ओर से समिति के सभी विद्वान सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया और आशा की गई कि समिति के सदस्यों का यह योगदान राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिये एक मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन और परीक्षण कर यथाशीघ्र उत्तराखंड राज्य के लिये समान नागरिक संहिता कानून का प्रारूप तैयार कर संबंधित विधेयक को आगामी विधान सभा के विशेष सत्र में रखेगी। इस कानून को लागू करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव श्री पराग मधुकर धकाते, समान नागरिक संहिता के सदस्य सचिव श्री अजय मिश्रा एवं महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित थे
राज्य में गर्भवती महिलाओं की कठिनाइयों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए नवनियुक्त मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में अपनी पहली बैठक में राज्य में गर्भवती महिलाओं की चुनौतियों एवं समस्याओं की समीक्षा की
राज्य में किसी भी गर्भवती महिला की गर्भावस्था या प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु मेटरनल डेथ ऑडिट व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश
जनपदों में विशेष रूप से दुर्गम एवं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच (एण्टी नेटल चेक अप ) को अनिवार्यतः सुनिश्चित करवाने हेतु स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश
महिलाओं में हाई रिस्क प्रेगन्सी को चिहिन्त करके उनके स्वास्थ्य का नियमित फॉलोअप करने कार्ययोजना पर पूरी गंभीरता से कार्य करने के निर्देश
आशा एवं आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए एसओपी जल्द तैयार की जाएगी New Year 2024
- स्वास्थ्य सेवा 108 की पुरानी एवं खराब गाड़ियों को शीर्ष प्राथमिकता पर जल्द बदलने के कड़े निर्देश दिए
- गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले आहार की रैण्डम सैम्पलिंग करके इसको क्रॉस चौक करवाकर भोजन की पौष्टिकता की नियमित जांच
- गर्भवती महिलाओं हेतु राज्य में 109 डिलीवरी पॉइन्टस को उपकरणों तथा मानव संसाधनों की दृष्टि से मजबूत किया जाएगा
राज्य में गर्भवती महिलाओं की कठिनाइयों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए नवनियुक्त मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में अपनी पहली बैठक में राज्य में गर्भवती महिलाओं की चुनौतियों एवं समस्याओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को उनके जनपदों में होने वाली किसी भी गर्भवती महिला की गर्भावस्था या प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु के ऑडिट या मेटरनल डेथ ऑडिट व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
इस सम्बन्ध में श्रीमती रतूड़ी ने सभी जिलों जल्द से जल्द आंकडे़ स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाने तथा प्रत्येक मातृ मृत्यु प्रकरण का अलग-अलग (केस टू केस) अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपदों में विशेषरूप से दुर्गम एवं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच (एण्टी नेटल चेक अप ) को अनिवार्यतः सुनिश्चित करवाने हेतु स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने प्रत्येक जनपद में सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण हुआ है या नही तथा कितनी गर्भवती महिलाओं की नियमित प्रसवपूर्व जांच की जा रही है, का टै्रक रिकॉर्ड रखने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने इस सम्बन्ध में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को समुचित प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में आशा एवं आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए एसओपी भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में 82 प्रतिशत महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच की जा रही है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अत्यन्त जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं ( हाई रिस्क प्रेगन्सी) को चिहिन्त करके उनके स्वास्थ्य का नियमित फॉलोअप करने की कार्ययोजना पर पूरी गंभीरता से कार्य करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं। वर्तमान में उत्तराखण्ड में संस्थागत प्रसव 91 प्रतिशत हैं, जोकि 81 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत हो गया है। मुख्य सचिव ने संस्थागत डीलवरी को अधिक से अधिक बढ़ाने हेतु कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान डॉक्टर्स एवं गाइनाकॉलिस्टस की कमी को पूरा करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिक से अधिक नर्सिंग ऑफिसर्स को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभाग को स्वास्थ्य सेवा 108 की पुरानी एवं खराब गाड़ियों को शीर्ष प्राथमिकता पर जल्द बदलने के कड़े निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने सभी जनपदों से डोली पालकी की डिमाण्ड शीघ्र स्वास्थ्य विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही 78.60 लाख के बजट के साथ 262 डोली पालकियां जिलों को उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है। महिलाओं के स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से मुख्य सचिव ने जनपदों में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को पूरा करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश भी सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 796 एएनएम तथा 1376 नर्सिंग ऑफिसर्स की भर्ती की गई है। इसके साथ ही 36 विशेषज्ञ डॉक्टर्स को यू कोट वी पे के आधार पर तैनात किया गया है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले आहार की रैण्डम सैम्पलिंग करके इसको क्रॉस चौक करवाकर भोजन की पौष्टिकता की नियमित जांच के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के भोजन में स्थानीय अनाजों को प्रोत्साहित करने की हिदायत दी है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से उनके जिलों में कितनी गर्भवती महिलाओं द्वारा वन स्टॉप सेन्टर को बर्थ वेटिंग हॉम के रूप में उपयोग किया जा रहा है, की जानकारी जल्द उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में हाई रिस्क प्रेगनेंसी के केसों के सम्बन्ध में वन स्टॉप सेन्टर हेतु 76 लाख रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
मुख्य सचिव ने 104 कॉल सेन्टर व्यवस्था जिसके तहत एएनएम द्वारा गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य संबंधी फॉलों अप किया जाता हैं, को और अधिक मजबूत करने तथा इसके माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का टै्रक रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में एक सॉफटवेयर जल्द से जल्द लॉच करके सभी जनपदों में इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं की सहायता हेतु टेलीमेडिसिन को भी राज्य में अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं हेतु राज्य में 109 डिलीवरी पॉइन्टस को उपकरणों तथा मानव संसाधनों की दृष्टि से मजबूत किया जा रहा है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी सभी जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में हीमोग्लोबिन मीटर की डिमाण्ड जल्द से जल्द स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सिबिलिटी) फण्ड की सहायता से कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव ने प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से आयरन फॉलिक एसिड टेबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के भी निर्देश दिए हैं।
मातृ मृत्यु दर के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड की स्थिति 103 है। राज्य सरकार द्वारा 2030 तक उत्तराखण्ड के मातृ मृत्यु दर को 70 पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में भारत में मातृ मृत्यु दर 197 है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.टी पार्क देहरादून में लेखा परीक्षा विभाग, रजिस्ट्रार चिट्स फर्म्स एवं सोसायटी तथा अर्थ एवं संख्या के नव निर्मित एकीकृत भवन का लोकार्पण किया। इस भवन का निर्माण ब्रिटकुल द्वारा 29.76 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने तीनों विभागों को अपना भवन मिलने पर विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सबके प्रयासों से यह भवन जल्द बनकर तैयार हुआ। विभागों को अपना भवन मिलने से कार्यों के संचालन में आ रही कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण राज्य सरकार का मूल मंत्र है। तीन विभाग एक ही भवन पर संचालित होने से लोगों को आसानी होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि तीनों विभागों को अपना भवन मिलने से विभागों की कार्यक्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यहां पर आने वाले आगंतुकों की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से कार्य कर रही है। हर विभाग को लक्ष्य दिया गया कि राज्य और जनहित में कोई महत्वपूर्ण योजना और कार्यों पर कार्य करें, जो प्रदेश की जनता के लिए समर्पित हो।
उन्होंने कहा कि हर विभाग को अपने कार्य व्यवहार में नवाचार लाने होंगे। सभी अधिकारी और कर्मचारी जिस विभाग में भी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें अपने विभाग में अपना अहम योगदान देना होगा, जिससे उनके योगदान को हर कोई लंबे समय तक याद रख सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह सभी विभागों का दायित्व है कि उनके सभी कार्यालय स्वच्छ हों।
वित्त मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि तीनों विभागों को अपना भवन मिलने के बाद कार्य करने में सुगमता होगी। इससे विभागीय कार्मिकों में कार्यों के प्रति दक्षता बढ़ेगी। New Year 2024
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रयोजन से तीनों विभागों के लिए एकीकृत भवन बनाया गया है, उसका आम आदमी को पूरा लाभ मिलना जरूरी है।