Natural Aapda: मलवे में दबने से दो की मौत; उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त: प्राकृतिक आपदा के कहर की दर्दनाक कहानी : ukjosh

Natural Aapda: मलवे में दबने से दो की मौत; उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त: प्राकृतिक आपदा के कहर की दर्दनाक कहानी


Natural Aapda: मलवे में दबने से दो की मौत; उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त: प्राकृतिक आपदा के कहर की दर्दनाक कहानी

Natural Aapda: उत्तराखंड में हाल ही में हुई भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी राज्य में प्राकृतिक आपदा की यह घटना न केवल लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर रही है, बल्कि उनकी सुरक्षा और संपत्ति को भी गंभीर खतरे में डाल रही है। इस लेख में, हम उत्तराखंड में हुई इस विनाशकारी घटना की विस्तृत जानकारी देंगे और इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

कर्णप्रयाग में मलबे में दबने से दो की मौत

कर्णप्रयाग में गौचर के बीच गलनाऊ के पास पहाड़ी से मलबा गिरने की घटना में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों लोग हैदराबाद निवासी बताए जा रहे हैं। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा दिया है और प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया है। मलबे में दबने से हुई इन मौतों ने इस आपदा की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।

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संगम घाट जलमग्न, नदियाँ उफान पर

कर्णप्रयाग में संगम घाट पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है और नदियाँ उफान पर हैं। भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं और सामान्य जीवन पूरी तरह से ठप हो गया है।

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Natural Aapda: मलवे में दबने से दो की मौत; उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त: प्राकृतिक आपदा के कहर की दर्दनाक कहानी

भाबर क्षेत्र और पौड़ी हाईवे पर हालात

भाबर क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से पौड़ी हाईवे कई बार बाधित हो रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कों पर मलबा और पानी भर गया है, जिससे यातायात व्यवस्था ठप हो गई है। शनिवार को पौड़ी-श्रीनगर रोड पर कृषि विभाग के पास सड़क का पुश्ता टूटने से वहां खड़े चार से पांच दोपहिया वाहन मलबे में दब गए। इस घटना ने स्थानीय निवासियों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।

देहरादून एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स प्रभावित

खराब मौसम के कारण देहरादून एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स भी प्रभावित हुई हैं। दिल्ली से देहरादून आने वाली एलाइंस एयर की फ्लाइट को दिल्ली डायवर्ट कर दिया गया। इस फ्लाइट को सुबह 8:45 बजे एयरपोर्ट पर उतरना था, लेकिन खराब मौसम के कारण फ्लाइट को दिल्ली लौटना पड़ा। इससे पहले एक और फ्लाइट और बाद में कुछ अन्य फ्लाइट्स एयरपोर्ट पर उतरीं।

अलकनंदा नदी का बढ़ता जलस्तर

श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे घाट पूरी तरह से डूब गए हैं। चेतवानी स्तर से करीब एक मीटर नीचे अलकनंदा बह रही है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।

ऋषिकेश और लक्ष्मण झूला मार्ग की स्थिति

ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला कांडी मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। पानी प्याऊ घट्टू गाड से पीपल कोटी तक सड़क पर कई जगह मलबा आने से आवाजाही ठप हो गई है। इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है।

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स्कूल जाने वाले बच्चों की परेशानी

कर्णप्रयाग में भारी बारिश के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। छुट्टी की घोषणा देर से होने के कारण बच्चे आधे रास्ते तक स्कूल पहुंचे। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को कई किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ी, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं। प्रशासन को इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि बच्चों को इस प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शिवपुरी और बछेलीखाल के पास सुबह 4 बजे मलबा गिर गया। मुनिकीरेती पुलिस ने श्रीनगर जाने वाले वाहनों को वाया नरेंद्रनगर होकर आगे भेजा। इस प्रकार की घटनाओं से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं।

उत्तराखंड में हाल ही में हुई भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। मलबे में दबने से हुई मौतें, नदियों का बढ़ता जलस्तर, बाधित हाईवे, और प्रभावित फ्लाइट्स ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। प्रशासन और स्थानीय निवासियों को मिलकर इस आपदा से निपटने के लिए प्रयास करने होंगे। लोगों की सुरक्षा और उनकी संपत्ति की रक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड में हुई इस प्राकृतिक आपदा ने हमें यह याद दिलाया है कि हमें हमेशा आपदा प्रबंधन के लिए तैयार रहना चाहिए और समय पर आवश्यक कदम उठाने चाहिए।


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