National festivals भारतवर्ष में राष्ट्रीय पर्वों का महत्त्व अत्यधिक होता है, और इनमें से एक विशेष पर्व है “कारगिल विजय दिवस”
कारगिल विजय दिवस: वीरों के सम्मान में एक गर्वित आयोजन
प्रस्तावना
National festivals भारतवर्ष में राष्ट्रीय पर्वों का महत्त्व अत्यधिक होता है, और इनमें से एक विशेष पर्व है “कारगिल विजय दिवस”। यह दिन हमें भारतीय सेना के उन वीर जवानों के अदम्य साहस और बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त की थी। डीएसबी परिसर में आयोजित कारगिल विजय दिवस का कार्यक्रम भी इसी गौरवशाली इतिहास को सम्मानित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। इस आयोजन में शामिल सभी लोगों ने वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और देशभक्ति की भावना को प्रबल किया।
कार्यक्रम का आयोजन National festivals
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर डीएसबी परिसर के न्यू आर्ट्स विभाग में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विश्वविद्यालय के छात्रों और प्राध्यापकों ने भारी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने से हुई। मुख्य अतिथि प्रो. सुरेंद्र सिंह बर्गली, जो वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष हैं, ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की और हमें उनके बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए।
मुख्य अतिथि के विचार
प्रो. सुरेंद्र सिंह बर्गली ने अपने भाषण में कहा, “कारगिल युद्ध में हमारे वीर जवानों ने जिस बहादुरी और संकल्प का परिचय दिया, वह अकल्पनीय है। उनकी वीरता और त्याग ने हमें यह सिखाया है कि देश की रक्षा के लिए हमें किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहना चाहिए।” उन्होंने वीर जवानों को प्रणाम निवेदित करते हुए कहा कि वे हमारे सच्चे हीरो हैं और हमें उनके बलिदान को हमेशा स्मरण रखना चाहिए।
अतिथि प्रो. लता पांडे के विचार
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि, होम साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. लता पांडे ने भी अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा, “भारत वीरों की धरती है। हमारे वीर जवानों के त्याग और बलिदान के कारण ही हम आज स्वतंत्र हैं। हमें उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और उनकी याद में देश की सेवा के लिए समर्पित रहना चाहिए।” प्रो. पांडे ने वीर जवानों के प्रति अपने सम्मान और आदर को प्रकट किया और छात्रों को भी देशभक्ति की भावना से प्रेरित होने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम संचालन और अन्य गतिविधियाँ National festivals
कार्यक्रम का संचालन निदेशक प्रो. ललित तिवारी ने किया। उन्होंने कहा, “तिरंगा हमारी आन, बान और शान है। यह हमारी पहचान है और हमें इसे हमेशा ऊँचा रखना चाहिए।” उन्होंने मेजर राजेश अधिकारी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि देश उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा। वीरों के सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया, जिससे पूरे परिसर में एक गम्भीर और भावुक माहौल बन गया।
राष्ट्रगान और ‘भारत माता की जय’ तथा ‘वंदे मातरम’ की गूँज से डीएसबी परिसर देशभक्ति के रंग में रंग गया। छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर देश की मिट्टी को सलाम किया और अपने भीतर की देशभक्ति की भावना को और भी प्रबल किया।
प्रमुख प्रतिभागी और उनकी भूमिकाएँ National festivals
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अनेक प्रमुख व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। प्रो. अनिता पांडे, डॉ. गगन होती, डॉ. लज्जा भट्ट, डॉ. प्रियंका रूबाली, डॉ. सीमा चौहान, डॉ. सारिका वर्मा, डॉ. हरदेश कुमार, डीएस बिष्ट, मीनू साह, गायत्री, रितेश, विनोद, पाठक कुंदन, अजय कुमार, अभिषेक मेहरा, पंकज भट्ट आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके साथ ही बड़ी संख्या में छात्रों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और वीर जवानों के सम्मान में अपना योगदान दिया।
National festivals
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर डीएसबी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम ने सभी को वीर जवानों के अदम्य साहस और बलिदान की याद दिलाई। यह आयोजन न केवल देशभक्ति की भावना को प्रबल करने का अवसर बना बल्कि यह भी सिखाया कि हमें हमेशा अपने वीर जवानों के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए। इस प्रकार के आयोजनों से नई पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जागृत होती है और वे अपने देश की सेवा के लिए प्रेरित होते हैं। इस कार्यक्रम ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय सेना और हमारे वीर जवान हमारे सच्चे हीरो हैं और उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।