देहरादून, उत्तराखंड: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), (Nabard Women Day) उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष, श्रीमती ऋतु खण्डूडी भूषण उपस्थित रहीं। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना और उनके योगदान को सम्मानित करना था। महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में नाबार्ड (Nabard Women Day) का महत्वपूर्ण योगदान रहीं।
मुख्य अतिथि का प्रेरणादायक संबोधन
अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूडी भूषण ने महिलाओं के उत्थान में परिवार, समाज और सरकार की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने अपनी पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए कहा कि उनके परिवार में पहले से ही महिलाओं का प्रभाव रहा है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि जब महिलाएँ आत्मनिर्भर बनती हैं, तो पूरा समाज प्रगति की दिशा में बढ़ता है।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के आर्थिक विकास के बिना उनका समग्र विकास संभव नहीं है और इस दिशा में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने नाबार्ड को महिलाओं के विकास के लिए निरंतर कार्यरत रहने का आह्वान किया।
महिला सशक्तिकरण में नाबार्ड की भूमिका Nabard Women Day
नाबार्ड, जो ग्रामीण विकास और कृषि के क्षेत्र में कार्यरत एक प्रमुख संस्था है, महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएँ चला रहा है। इस अवसर पर नाबार्ड उत्तराखंड के मुख्य महाप्रबंधक श्री पंकज यादव ने बताया कि 1992 में स्वयं सहायता समूह (SHG) योजना की शुरुआत महिला विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम था। वर्तमान में लगभग 1.44 करोड़ स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे 18 करोड़ परिवार जुड़े हुए हैं।
उन्होंने बताया कि नाबार्ड विभिन्न योजनाओं जैसे कि वित्तीय समावेशन, प्रशिक्षण कार्यक्रम, क्षमता निर्माण योजनाएँ, महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम, और आदिवासी विकास परियोजनाओं के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
महिलाओं को सम्मानित करने का विशेष अवसर
कार्यक्रम के दौरान महिला सशक्तिकरण के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। इन महिलाओं ने न केवल अपने क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियाँ हासिल की हैं, बल्कि वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बनी हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने इन महिलाओं को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया। Nabard Women Day
इसके अतिरिक्त, नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और उत्पादक संगठनों के उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया। इस प्रदर्शनी में उत्तराखंड के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाओं ने अपने हस्तनिर्मित उत्पाद, जैविक खाद्य पदार्थ, हस्तशिल्प और अन्य स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित किया।
महिला सशक्तिकरण के लिए नाबार्ड की प्रमुख योजनाएँ
नाबार्ड द्वारा संचालित कुछ प्रमुख योजनाएँ इस प्रकार हैं:
1. स्वयं सहायता समूह (SHG) बैंक लिंकेज कार्यक्रम
यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में सहायक रही है। महिलाओं को बैंक ऋण देकर उनके उद्यम स्थापित करने में मदद की जाती है।
2. महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम (WEDP)
इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाते हैं, जिससे वे अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें।
3. संयुक्त देयता समूह (JLG) योजना
यह योजना उन महिलाओं के लिए बनाई गई है जो समूह में मिलकर उद्यम स्थापित करना चाहती हैं। इसमें ऋण उपलब्ध कराने की विशेष सुविधा दी जाती है।
4. ग्रामीण महिला विकास कार्यक्रम (RWDP)
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित करना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।
5. वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम
नाबार्ड द्वारा महिलाओं को वित्तीय शिक्षा दी जाती है, जिससे वे बैंकिंग, निवेश और ऋण योजनाओं के बारे में जागरूक हो सकें।
उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की स्थिति Nabard Women Day
उत्तराखंड में महिलाओं की भूमिका सदैव महत्वपूर्ण रही है। यहाँ की महिलाएँ कृषि, उद्योग, शिक्षा, राजनीति और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से योगदान दे रही हैं। राज्य सरकार और नाबार्ड के सहयोग से विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
कुछ प्रमुख आँकड़े: Nabard Women Day
- उत्तराखंड में महिलाओं की साक्षरता दर 77.6% है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
- राज्य में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 5000 से अधिक स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
भविष्य की योजनाएँ और अपेक्षाएँ Nabard Women Day
कार्यक्रम के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने नाबार्ड से आग्रह किया कि वह महिलाओं के हित में नवाचार योजनाएँ लागू करे और उनकी व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार, डिजिटल लर्निंग, वित्तीय समावेशन, कृषि क्षेत्र में महिला भागीदारी और महिला स्टार्टअप्स को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
मुख्य महाप्रबंधक श्री पंकज यादव ने आश्वासन दिया कि नाबार्ड आने वाले वर्षों में महिला सशक्तिकरण की दिशा में नए कार्यक्रम लाएगा और महिलाओं के संपूर्ण विकास के लिए कटिबद्ध रहेगा।
Nabard Women Day
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का यह आयोजन न केवल महिलाओं को प्रोत्साहित करने का एक मंच बना, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में नाबार्ड और उत्तराखंड सरकार लगातार प्रयासरत हैं। महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएँ लागू की जा रही हैं, जिससे आने वाले समय में महिलाओं को और अधिक अवसर मिल सकें।
Solid Waste Management: नैनीताल में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर कार्यशाला; बेहतर समाधान की ओर एक कदम
इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि महिला सशक्तिकरण केवल एक उद्देश्य नहीं, बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें हर स्तर पर योगदान आवश्यक है। उत्तराखंड में नाबार्ड द्वारा किए जा रहे प्रयास निश्चित रूप से राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।