देहरादून: उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में सभी विभागों को अवशेष धनराशि के प्रतिपूर्ति बिलों (NABARD Funding) को समयबद्ध रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए कुल 650 करोड़ रुपये का आरआईडीएफ (Rural Infrastructure Development Fund) मानक आवंटन तय किया गया है। इसके तहत विभिन्न विभागों को वित्तीय योजनाओं में तेजी लाने और लंबित परियोजनाओं के संवितरण, ऋण लक्ष्यों की प्रगति पर ठोस कार्ययोजना लागू करने के निर्देश दिए गए।
परियोजनाओं की निगरानी और पीएम गति शक्ति पोर्टल पर अपडेट अनिवार्य
अपर मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे स्वीकृत प्रस्तावों के अनुरूप शीघ्र डिस्बर्समेंट (वितरण) सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि परियोजनाओं की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए और पीएम गति शक्ति उत्तराखंड पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेट किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि विभागों को वितरित धनराशि और अदायगियों में आ रही समस्याओं का शीघ्र निस्तारण कर सभी कार्यों को तय समय सीमा में पूरा करना होगा।
ऑफ-सीजन फलों एवं सब्जियों के लिए कलेक्शन सेंटर और स्टोरेज सुविधा विकसित होगी
बैठक के दौरान चकराता और मोरी जैसे अधिक उत्पादन वाले क्षेत्रों में ऑफ-सीजन फलों एवं सब्जियों की आपूर्ति को बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुई। श्री आनंद बर्द्धन ने प्रारंभिक चरण में कलेक्शन सेंटर शुरू करने और भविष्य में मंडी, स्टोरेज सुविधा एवं रोपवे के विकास की संभावनाओं पर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। NABARD Funding
समयबद्ध कार्य प्रणाली से विकास को मिलेगा बढ़ावा NABARD Funding
नाबार्ड फंडिंग और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए राज्य सरकार की समयबद्ध कार्य प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। इससे न केवल कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय किसानों और उद्यमियों को भी व्यापक लाभ मिलेगा।