Mukhyamantri: उत्तराखंड के विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नौ आग्रह: मुख्यमंत्री धामी की रणनीति
Mukhyamantri: उत्तराखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नौ आग्रहों को राज्य की प्रगति का आधार बनाते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि राज्य सरकार इन सुझावों को नीतियों में शामिल कर प्रदेश के समग्र विकास को बढ़ावा देगी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में उत्तराखंड की भाषाई विविधता, पर्यावरण संरक्षण, पलायन और पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया था। आइए जानते हैं, इन आग्रहों पर राज्य सरकार की आगामी योजनाएं और कदम क्या होंगे।
1. स्थानीय बोली भाषा संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा Mukhyamantri
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी जैसी पारंपरिक बोलियों के संरक्षण पर विशेष जोर दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस पहल का उद्देश्य न केवल इन भाषाओं को संरक्षित करना है, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना भी है।
2. प्रवासी उत्तराखंडियों से संबंध मजबूत करने की योजना
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में प्रवासियों से अपने गांवों से जुड़े रहने की अपील की थी। इसके अनुसरण में, उत्तराखंड सरकार ने ‘प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन’ का आयोजन प्रारंभ किया है, जिससे प्रवासियों के राज्य से भावनात्मक और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा दिया जा सके। इस पहल से उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की नई राहें खुल सकती हैं।
3. होम स्टे में पारंपरिक तिबारी वाले घरों का संरक्षण
उत्तराखंड सरकार होम स्टे योजना के तहत पारंपरिक तिबारी वाले घरों को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहन दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन घरों को होम स्टे के रूप में पंजीकृत कर उन्हें पर्यटन का केंद्र बनाया जाएगा। इससे न केवल स्थानीय संस्कृति का संरक्षण होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
4. पर्यावरण संरक्षण: ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान
प्रधानमंत्री की अपील के बाद, उत्तराखंड सरकार ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को तेजी से बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत, हरेला पर्व के अवसर पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया। राज्य सरकार का उद्देश्य उत्तराखंड के हरे-भरे कवर को बढ़ाना है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जा सके।
5. प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण
उत्तराखंड की पारंपरिक जल धारा, नौलों और लघु सरिताओं को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा। प्रधानमंत्री की अपील के अनुसार, इन जल स्रोतों की शुद्धता बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि इन प्रयासों से न केवल जल की गुणवत्ता में सुधार हो, बल्कि जल संरक्षण के प्रति आमजन में जागरूकता भी बढ़े।
6. प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड: स्वच्छता अभियान को मिलेगी गति Mukhyamantri
प्रधानमंत्री ने पहाड़ी क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को लेकर चिंता जताई थी। उत्तराखंड सरकार पहले ही चार धाम यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठा चुकी है। क्यूआर कोड आधारित प्लास्टिक वापसी योजना के माध्यम से राज्य में प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं। इससे पर्यावरण संरक्षण में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
7. स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा: महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका
प्रधानमंत्री के सुझाव के अनुरूप, उत्तराखंड सरकार यात्रा मार्गों पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल स्थापित कर रही है। इससे स्थानीय कारीगरों और उत्पादकों को बाजार मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।
8. धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया है कि वे उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों की पवित्रता का सम्मान करें और यात्रा के दौरान ट्रैफिक नियमों का पालन करें। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार धामों के सौंदर्यीकरण और उनके ऐतिहासिक महत्व को बनाए रखने के लिए विशेष योजनाएं लागू करेगी। Mukhyamantri
9. पलायन रोकने के लिए विकास योजनाएं
उत्तराखंड से होने वाले पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं की रूपरेखा तैयार की है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के गांवों को जीवंत रखने और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कृषि, पर्यटन और स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री के नौ आग्रहों से नई दिशा की उम्मीद Mukhyamantri
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नौ आग्रह उत्तराखंड के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इन आग्रहों को अपने विकास एजेंडे का हिस्सा बनाने की ठानी है। यह पहल न केवल राज्य की आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रगति को गति देगी, बल्कि उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जन सहयोग से इन सभी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू कर, उत्तराखंड को एक समृद्ध, सुरक्षित और स्वावलंबी राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जा सकेगा।