MNREGA Scheme: वीकेएसए-2025 अभियान के अंतर्गत आईसीएआर-आईआईएसडब्ल्यूसी द्वारा खरीफ मौसम में चारा एवं घासभूमि प्रबंधन को बढ़ावा : ukjosh

MNREGA Scheme: वीकेएसए-2025 अभियान के अंतर्गत आईसीएआर-आईआईएसडब्ल्यूसी द्वारा खरीफ मौसम में चारा एवं घासभूमि प्रबंधन को बढ़ावा


देहरादून: विकसित कृषि संकल्प अभियान (VKSA-2025) के तहत आईसीएआर – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (ICAR-IISWC), देहरादून द्वारा खरीफ मौसम के दौरान वैज्ञानिक चारा उत्पादन, टिकाऊ उपयोग और सामुदायिक संसाधनों (जैसे जंगलों और ग्राम भूमि) के संरक्षण पर किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। MNREGA Scheme

अभियान के 14वें दिन, संस्थान के छह विशेषज्ञ दलों ने डॉ. अम्बरीश कुमार, डॉ. लेखचंद, डॉ. विभा सिंघल, डॉ. रमन जीत सिंह, डॉ. इंदु रावत और डॉ. अनुपम भार के नेतृत्व में देहरादून जनपद के 18 गांवों का दौरा किया। उन्होंने खरीफ फसलों और चारे से जुड़ी समस्याओं का मूल्यांकन किया और 820 से अधिक किसानों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार वैज्ञानिक सुझाव दिए।

Be careful: Nothing is truly free- सच्चा सुख उसी को मिलता है जो ईश्वर को उसका पहला हिस्सा देता है

प्रमुख सुझावों में शामिल थे: MNREGA Scheme

  • फील्ड की मेड़ों पर हाइब्रिड नेपियर घास की रोपाई – जिससे जलभराव, मृदा क्षरण और कटाव को रोका जा सके। यह घास मानसून के बाद 4-5 महीने तक हरे चारे के रूप में पशुओं को लाभ दे सकती है।
  • जंगल की सीमांत भूमि और गांव की बंजर भूमि पर घास और चारा प्रजातियों का रोपण – ताकि प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव कम हो और पशुपालन को सहयोग मिले।
  • फलदार वृक्षों (आम, अमरूद, आड़ू) और चारा देने वाले वृक्षों (भीमल, सुबाबुल) का सामुदायिक सहभागिता से रोपण – जिससे जंगली जानवरों की घुसपैठ कम हो और चारा संकट का समाधान मिले।
  • मनरेगा योजना (MNREGA Scheme) के तहत मिट्टी एवं जल संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए पंचायतों को जागरूक किया गया।
  • सिंचाई सुविधा वाले क्षेत्रों में बर्सीम और ज्वार जैसी चारा फसलों की खेती की सिफारिश की गई।

अन्य सुझावों में:

  • घूमंतू चराई को सीमित कर चरणबद्ध चराई और स्थायी चारे की व्यवस्था,
  • चारा जलाने जैसी हानिकारक प्रथाओं से बचने की सलाह,
  • साइलेज निर्माण, फसल अवशेष का उपयोग, यूरिया मोलासेस मिनरल ब्लॉक (UMMB) और चारा संग्रहण तकनीकों पर जानकारी,
  • सरकारी योजनाओं की सूचना हेतु मोबाइल नंबर पंजीकरण और e-NAM प्लेटफॉर्म का लाभ लेने के सुझाव शामिल रहे।

अभियान की प्रगति का दैनिक मूल्यांकन डॉ. एम. मुरुगानंदम और उनकी टीम द्वारा किया जा रहा है, जबकि संपूर्ण अभियान का समन्वय संस्थान के निदेशक डॉ. एम. मधु के नेतृत्व में डॉ. बांके बिहारी, श्री अनिल चौहान (सीटीओ), इंजीनियर अमित चौहान (एसीटीओ), श्री प्रवीण तोमर (एसटीओ) और श्रीमती मीनाक्षी पंत (प्रमुख वैज्ञानिक) द्वारा किया जा रहा है।

VKSA-2025 का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक ज्ञान से सशक्त बनाना, सतत और विविधीकृत कृषि को प्रोत्साहित करना तथा जलवायु-लचीले फसल प्रणाली को बढ़ावा देना है — ताकि भारत का कृषि भविष्य सुरक्षित और समृद्ध हो।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हारून की सूखी छड़ी में जीवन: एक चमत्कारी गवाही परमेश्वर से आशीष और सुरक्षा माँगना: यीशु मसीह में विश्वास करें और अनन्त जीवन का वरदान प्राप्त करें! वीर नारियों की समस्याओं के समाधान के लिए असम राइफल्स का नया कदम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के इस नए युग में, एका मोबिलिटी की पहल भारत को स्थायी परिवहन के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने के लिए तैयार है। Best Salons New Style Unisex Salon in Dehradun City, Dehradun बाल झड़ना और गंजापन; सेबोरिक उपचार होम्योपैथी से बिना साइड इफेक्ट्स, 100% परिणाम Technological Innovation: Launch of the “Eternal Guru” AI Chatbot Kasturi Winter Kauthig 2024: A Celebration of Uttarakhand’s Rich Culture and Heritage