Mera Khuda महान है | जिसका मरे वह क्या न करे- मेरा खुदा पक्षपाती व जातियों खुदा नहीं
कहां, कहां नही ढूंढ़ा मैंने तूझे, आकाश की ऊंचाईयों से लेकर समुद्र की गहरियों तक, तू मिला भी तो मेरे हृदय मिला, तेरा नाम धन्य है
अरे तू मन का खोजी है, और जब मैंने तु्रझे मन से पुकारा, मन से खोजा mera khuda
तू मेरी हृदय की गहरायों मिला मैं तुझे धन्यवाद करता हूं।
अरे सत्य सनातन मैं तेरे विश्वास कि तू है और तूने ही पृथ्वी, आकाश और मुझे, सब कुछ अपने द्वारा अपने लिए रचा है तूने इंसान अपनी खुशी के लिए बनाया है और जब मुझे यह ज्ञान हुआ तो मैंने तेरे विश्वास से ही तेरे विश्राम में प्रवेश कर पाया हूं – तू धन्य है।
विश्वास, खुदा का खुला द्वार है, परमात्मा का विश्वास ही मनुष्य का विश्राम का स्थान है
मेरा खुदा हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई जातियों का खुदा नही है मेरा खुदा इन जातियों में से विश्वास और मन के खोजे को छांटकर चुनता है जो कि जगत का उद्वार और मुक्ति- सत्य, मार्ग और जीवन देता है। स्वीकार करके तो देखो- जीवन झूठ, दुख बीमारी व शराब पीने, तंगी घटी में व एक दूसरे की बुराई करने में कभी भी न कटेगा। सत्य का का संग करोगे तो सत्य तुम्हें मृत्यु से छुड़ायेगा और मनुष्य सत, चित, आनंद को प्राप्त होगा।
मृत्यु व मृत्युजयं की सामर्थ को मैं जानू
गर शरीर में मैं पृथ्वी में हूं पर आत्मा में मैं तेरे साथ तेरे सम्मुख हूं
तू ही तो है वो जो मृत्यु में से जी उठा, तू ही तो है जिसने मृत्यु (संसार) पर विजयी पाई है, तू ही तो है जो आदि और अंत है। तू ही तो है जो आज भी जीवित है, और अंत तक रहेगा, धरती आकाश सहज है मिट जायेंगे पर तू और तेरे वचन नही टलेंगे।
परमात्मा में अब जा के विश्राम पाया
मैं सच के साथ हूं – जिसका मरे वह क्या ना करे, और मेरी परंपरा सनातन है
खुदा का नाम दृढ़कोट है साहब जी
जैसे- मैं हूं , मैं था , मैं ही रहूंगा।
आदि और अंत मैं हूं, जीवन और मृत्यु मैं हूं, मेगा ओमेगा मैं हूं,
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यहां तक की तू अपने नाम लेने से पहले भी मेरा नाम यानी अपने पिता का नाम लेता है
जैंसे मेरा नाम सुशील मोहन हैं (पहले क्या आया ‘मेरा नाम’)
I am Sushil Mohan (पहले क्या आया I am) इसको खुदा क्या बोलता हैं (I am) मैं हूं , मैं था , मैं ही रहूंगा।
मनुष्य गुरु नही हो सकता, गुरु की पोस्ट पिता (खुदा) ने सिर्फ अपने प्रिय बेटे को दी है mera khuda
खुदा का प्रिय बेटा आज भी जिंदा है
उसके प्रिय बेटे के नाम से खुदा की महिमा करो-
तो बीमार ठीक होते है, गूंगे वाणी पाते हैं, लंगड़े चलते हैं, तंगी दूर होती है, घरों में खुशियों आती है बरकतें आती है क्योंकि वह बहुगुणित परमात्मा है जो उसे श्रद्धा से दोगे वह उसी में तुम्हारे लिए बरकतें डालेगा। उसके भण्डार में बोओगे तो अच्छी फसल काटोगे।
दुष्ट आत्मा से पीड़ित मनुष्य- जैसे दैविक, भौतिक, तापिक महारोगों (रोग दोष) से आराम पाते हुए मुक्ति पाता हैं।
जिसे लोग देवता कहते है वह देवता नही है (ज्योर्तिमय स्वर्गदूत (देवगण) है यानि आध्यात्मिक दुष्टमात्मा हैं जिसे इंसान देवता मान कर पूजता है वही दुष्ट उनका दुश्मन है लोग उसे बड़े निष्ठा दिखते है वह क्या करता है देखो- वह दुष्ट उन्हें दुख यानी बीमारी, तंगी, कर्जा , लाचारी देने वाला दुष्ट है और ना चाहते हुए भी जबरदस्ती घर घर सेंध मरता फिरता है।
वह दुष्ट मनुष्य पर पक्रट होकर उसका गला पकड़ कहता है कि बली (बकरे की, भैंसे की, ऊंट की, मुर्गे की, कबूतर) इत्यादि की देता है या तेरे बेटे, बेटी या तेरे परिवार के सदस्या को खाऊं।
अब जिसका मरे वह क्या ना करे
कर्ज कपाल करके और अपने पेट और अपनों का पेट मारकर उस पापी, दुष्ट, शैतान को दो,
मगर ईश्वर कहता है- चोर चोरी करने, घात करने, और नाश करने आता है
मैं अपनी संतानों की रक्षा करने आता हूं उन्हें जीवन देने आता है।
मैं तेरा पिता हूं, मैं सर्वशक्तिमान हूं गर तू मुझ पर विश्वास करे और मुझे अपने जीवन में स्वीकार करें (आमंत्रित करे) मतलब पुकारे तो, इस दुष्ट से और सारे रोग दोष चाहे (दैविक, भौतिक या फिर तापिक) हर प्रकार की बीमारियों से निश्चय मैं (गारंटी देता हूं) मैं तुझे आजाद करूंगा, हर एक नकारात्मक और दुष्टता तुझे मैं छुड़ाउंगा, तुझे छू भी ना पाएंगी।
अगर तुम्हें मुझ पर विश्वास हो तो तुम पर्वत को विश्वास से होगे तो तुम्हारे कहने पर गूंगा तो क्या पर्वत भी चलने फिरने लगेगा। परम आत्मा यानी सत्य, मार्ग और जीवन यानी प्राण देने वाला, जीवन और मृत्यु, मेगा ओमेगा मैं ही तो हूं (प् ंउ)
परम आत्मा के साथ जीवन जीना सीखो परम आत्मा के साथ जीवन जीना ही परम आनंद हैं राजनीति व भेड़चाल चलना भक्ति नही है भक्ति और भाव का विषय है और भगवान भाव का भूखा है
अरे मन से पुकारो वह मन की सुनता है। वह मन का खोजी हैं जो उसे मन से ढूंढता हैं वह उसी को दर्शन देता है,
यहां परमात्मा की अनुभूति नही होती, यहां परमात्मा स्वयं टच करता है और स्वयं ही ब्लेस करता है, यहां परमात्मा प्रचार नही होता, यहां अपने शक्ति से खुद ही खुदावंत खुदा का प्रचार करता है।
यहां खुदावंत खुदा का प्रचार करता हैं
जो विश्वास से स्वीकार करता है खुदा खुद जीवन में काम करता हैं mera khuda
लोग अपने मुंह से गवाही देते हैं उस परम शक्ति की, मैंने विश्वास से परमात्मा को ग्रहण किया और परमात्मा ने मेरे जीवन में काम किया।
सचमुच परम आत्मा (परमात्मा) महान हैं
लोग, विश्वास से उस परम ज्योति में विश्राम पाते है
मनुष्य के बस की बात नही हैं
मनुष्य सिर्फ परमात्मा के नाम से दुकान और बेजनीस करते है
जिसको पेटभर भोजन मिल रहा हो उसे क्या पता की भूख क्या होती है
भक्ति करे कोई सुरमा (राजा)
जब युद्ध लगते थे और राजा डर जाता था
तो राजा का एक मात्र सहारा परमात्मा होता था वह किसी से मदद नही ले सकता है मगर उसके कंधों पर अपनी प्रजा का भार होता है उनकी सुरक्षा मां बहनों की रक्षा, मन सम्मान होता है, इसलिए बड़े व बुद्धिमान राजा धर्म का पालन करते थे, सत्य का पालन करते थे वे परमात्मा की स्तुति करते थे।
और परमात्मा उनका युद्ध लड़ता था- राजा विजयी होता था वह परमात्मा का धन्यवाद करता है कि खुदा तू न होता तो मेरे प्रजा कौन बचाता। मैंने युद्ध नही जीता परमात्मा तूने युद्ध जीता है और मेरी प्रजा की रक्षा हुई हैं तेरा धन्यवाद।
राजा एक मात्र सहारा ये ही परम आत्मा होती थी
और राजा की मदद ये ही परम आत्मा परम शक्ति करती थी और उसकी प्रजा की जब रक्षा होती थो सारी प्रजा राजा की वाह! वाही! करती थी। लिखा भी है कि-
भक्ति करे कोई सुरमा, सुरमा राजा होता है
वह मुक्तिदाता है और विश्वास करने वालों को, उसे मन से ठुंडने वालों के दुखों को दूर करने वाला, मुक्ति का मतलब फ्री वह खुशी खुशी मुक्ति को फ्री ही में देता हैं
भक्ति हमेशा सच की करो, झूठ की न ही
जो हमारा बाप है जिसने हमें पृथ्वी में जीवन दिया और हमारी हर एक जरूरत को पूरा भी वही करता है mera khuda
यहां पर लिखा गया है जिसने सिर दिया है वह पृथ्वी और आकाश का मालिक, मेरा शेयर स्वर्ग में महिमा सहित है मुझे दे चुका है।
जिसने सर दिया है वह मेरा शेयर भी देगा।
धन्यवाद।