Masroom: जंगली मशरूम खाने से बिगड़ी 8 लोगों की तबियत: सावधान रहें, सभी मशरूम नहीं होते खाने लायक
विकासनगर, देहरादून। उत्तराखंड के विकासनगर चकराता के ग्राम पंचायत कोथी गांव में जंगली मशरूम (Masroom) खाने से एक ही परिवार के आठ सदस्यों की तबीयत खराब हो गई। यह घटना मानसून के मौसम में जंगली मशरूम के सेवन से उत्पन्न खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करती है। पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून के दौरान जंगली मशरूम उगते हैं, और स्थानीय लोग अक्सर इन्हें सब्जी के रूप में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, सभी मशरूम खाने योग्य नहीं होते और कई बार यह इंसानी जिंदगी पर भारी पड़ सकता है।
घटना का विवरण
कोथी गांव में एक परिवार ने जंगल से जंगली मशरूम इकट्ठा किया और उसे सब्जी के रूप में पकाकर डिनर में खाया। मशरूम खाने के तुरंत बाद, परिवार के सभी आठ सदस्यों की तबीयत बिगड़ने लगी। उन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी, और उनकी हालत तेजी से खराब होती गई। रात के समय, गांव के लोगों ने सभी आठ सदस्यों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सहिया पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने तत्काल उनका इलाज शुरू किया, जिससे उनकी जान बच गई।
चिकित्सा उपचार और सावधानी
सीएचसी सहिया की सीनियर डॉक्टर ममता नेगी ने बताया कि मरीजों में छ: पुरुष और दो महिलाएं शामिल थीं, जिनमें से एक गर्भवती महिला और एक युवती थी। सभी आठ लोगों का 12 से 18 घंटे तक अस्पताल में इलाज किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि मशरूम के सेवन से उत्पन्न हुई विषाक्तता के कारण दो लोग बेहोशी की हालत में थे। इलाज के बाद, सभी की हालत में सुधार हुआ और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
डॉक्टर ममता नेगी ने यह भी कहा कि जंगली मशरूम खाने से पहले उसकी पहचान और विषाक्तता के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। बिना जानकारी के जंगली मशरूम का सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
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जंगली मशरूम और उनके खतरे
जंगली मशरूम की कई प्रजातियाँ होती हैं, जिनमें से कई अत्यधिक विषाक्त होती हैं। इन्हें पहचानना कठिन होता है क्योंकि विषाक्त और खाने योग्य मशरूम के बीच में दिखने में बहुत ही मामूली अंतर होता है। कई बार, लोग अपने अनुभव या लोक ज्ञान के आधार पर मशरूम को पहचानते हैं, जो हमेशा सही नहीं होता। विषाक्त मशरूम के सेवन से उत्पन्न होने वाले लक्षणों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द, और गंभीर मामलों में तंत्रिका तंत्र की समस्याएं और मृत्यु भी शामिल हो सकती हैं।
स्थानीय समाज पर प्रभाव
इस घटना ने स्थानीय समाज में एक संदेश दिया है कि जंगली मशरूम का सेवन बेहद सावधानी से किया जाना चाहिए। पहाड़ी क्षेत्रों में लोग पारंपरिक रूप से जंगली मशरूम का उपयोग करते हैं, लेकिन इस घटना ने दिखाया है कि यह आदत कितनी खतरनाक हो सकती है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे लोगों को जंगली मशरूम की पहचान और इसके खतरे के बारे में जागरूक करें।
सावधानी बरतने की आवश्यकता
जंगली मशरूम का सेवन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
- पहचान सुनिश्चित करें: यदि आप जंगली मशरूम इकट्ठा कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप खाने योग्य और विषाक्त मशरूम की पहचान में पूरी तरह सक्षम हैं। यदि कोई संदेह हो, तो मशरूम का सेवन न करें।
- विशेषज्ञ की सलाह लें: किसी भी नए प्रकार के मशरूम का सेवन करने से पहले किसी स्थानीय बोटनिस्ट या मशरूम विशेषज्ञ की सलाह लें।
- सावधानीपूर्वक तैयारी करें: मशरूम को पकाने से पहले अच्छी तरह से धोएं और उसे सही तरीके से पकाएं। कच्चे या अधपके मशरूम विषाक्त हो सकते हैं।
- आसानी से उपलब्ध मशरूम का उपयोग करें: बाजार में उपलब्ध मशरूम, जिन्हें व्यापक रूप से खाया जाता है, का उपयोग करें। ये अधिक सुरक्षित होते हैं।
- लक्षणों पर ध्यान दें: यदि मशरूम खाने के बाद किसी भी तरह की असामान्य स्थिति महसूस होती है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।
निष्कर्ष
कोथी गांव में जंगली मशरूम खाने से हुई इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि सभी मशरूम खाने योग्य नहीं होते। यह घटना एक चेतावनी के रूप में ली जानी चाहिए और लोगों को जंगली मशरूम के सेवन में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। जंगली मशरूम का सेवन करते समय सतर्क रहना और सही जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि हमारी और हमारे परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।