Mahayajak | लोग महायाजक को धर्म से क्यों जोड़ते है जो बह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति को प्रकट करने व जगत का उद्धाकर्ता बना
इसाई उस महायाजक को धर्म से क्यों जोडता है? जबकि यशु बढ़ाई का बेटा था और बह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति को प्रकट करने वाला व जगत का उद्धाकर्ता और सिद्ध करने वाला बना
वह अपने जन्मदाता ब्रहमाण्ड के मालिक की स्तुति करता था और जब वे चमत्कार करते थे तो अपने पिता सर्वशक्तिमान का धन्यवाद करते थे। हे पिता मैं तो कुछ नही पर तेरी कृपा व सामर्थ्य से गूंगा बोलता है, लंगड़ा पर्वत पर चढ़ता है, अंधा देखता है और बीमार चंगा होता है दुष्टात्मा ग्रस्त व्यक्ति आराम पाता है कि पिता सचमुच तू सामर्थी व सर्वेशक्तिमान है Mahayajak
बुद्धि का दाता, पापियों को माफ करके गले लगाने वाला पिता तू खुदा है और जो तेरे वचन में बने रहते है मोक्ष यानि स्वर्ग के अधिकारी भी वे ही है
वह परमात्मा को अपना पिता मानता था और आज भी मसीह के नाम से बड़े बड़े कार्य होते है वह बह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति को जगत में प्रकट करने वाला मसीह के नाम से सबकी विनती प्रार्थना सुनता है क्योंकि मसीह ही ईश्वर को प्रकट करने वाला व जगत का उद्धाकर्ता बना
क्योंकि जो भी ईश्वर से, ईश्वर यानि सच्चाई का पैगाम लेकर आये उन्होंने पृथ्वी पर आकर अपनी सेवाएं कराई अपने नाम की प्रतिष्ठा की। उन्होंने पृथ्वी पर आकर पृथ्वी का सुख भोगा। उसने उसे अपना पैगाम देकर भेजा की जा मेरी प्रजा जो पृथ्वी में है उसको बता कि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूं और जब वे मुझे जानेगें तो वे मानेंगे भी तो उनका जीवन सुखमय होगा। वे अपने जन्मदाता सृजने वाले पिता को पहचान पायेगें Mahayajak
अफसोस ईश्वर का पैगाम लाने वालों ने पृथ्वी पर आकर पृथ्वी का भोग किया शादी की ब्याह किया राज किया और आज जब वे मृत्यु को प्राप्त हो गये तो उनके नाम से किसी का बाल भी नही लिता ना कोई फरियादा सुनता है ना कोई फरियादा पूरी होती है। न उनके नाम में बीमार ठीक होते है ना ही दुष्टात्मा ग्रस्त व्यक्ति आराम पाता है।
जबकि एक मात्र यशु ही है जो ईश्वर का पैगाम लेकर पृथ्वी पर आया और उसने जो कुछ भी किया अपने पिता के नाम से किया और अपने पिता को महिमा दी जो भी प्रार्थना विनती उसने की लोगों के लिए तो लोगों ने उसकी विनती प्रार्थना से आराम पाया। लोग चंगें हुए। बीमार ठीक हुए, उसने जो भी कार्य किये उस सर्वशक्तिमान ईश्वर के नाम से किये जिसने उसे भेजा था और उसने अपने पिता की प्रतिष्ठा पृथ्वी पर की। Mahayajak
हर एक कार्य में वह अपने पिता की सामर्थ्य को बताता रहा उस महायाजक ने पृथ्वी पर विचरण करते हुए बड़े-बड़े कार्य किये पर उसने कभी भी अपने नाम को आगे नही रखा उसने कहा कि मैं अपने नाम की नही पर पिता के नाम की प्रतिष्ठा चाहता हूं और मेरे साथ चलने वाले भी मेरी नही मेरे पिता की प्रतिष्ठा करें इसमंें सब सुख है।
और उस समय उस महायाजक ने पृथ्वी पर यह सच्चाई का जो हमारे लिए बोया उस सच्चाई के बीज से आज आज भी जो सर्वशक्तिमान ईश्वर का धन्यवाद करता है और मसीह पर विश्वास करता है तो ऐसा महसूस होता है कि विश्वास का कर्ता है और सिद्ध करने वाला पृथ्वी का जीवित ईश्वर जो हमारा जन्मदाता है हमारे काम करता है उस महायाजक नाम में सर्वशक्तिमान पिता हमारी जरूरत और आवश्यकता पूरी करता है Mahayajak
वह महायाजक एक जाति धर्म के लिए नही बल्कि पूरी पृथ्वी और आकाश के लिए आया हुआ था जो भी आज उस महायाजक पर यह विश्वास करता है कि वह महायाजक सर्वशक्तिमान ईश्वर का प्रिय पुत्र था तो वह आज भी अपने जीवन में उस सर्वशक्तिमान ईश्वर की शांति और उस महायाजक का प्रेम को महशूस करता है
धन्यवाद Mahayajak