Life Skills जीवन कौशल: अभिवृत्ति और प्रेरणा
Life Skills : जीवन कौशल वह महत्वपूर्ण गुण हैं जो किसी व्यक्ति को उसके जीवन में सफलता, संतुलन और समग्र विकास के लिए आवश्यक होते हैं। ये कौशल हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन को प्रभावित करते हैं और हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाते हैं। इस संदर्भ में कुमाऊं विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसका विषय “जीवन कौशल: अभिवृत्ति और प्रेरणा” था। इस व्याख्यान का नेतृत्व प्रोफेसर ज्योति जोशी (विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग) ने किया, और मुख्य वक्ता प्रोफेसर जे.पी. भट्ट (हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय) थे। इस व्याख्यान में प्रोफेसर पी.एस. बिष्ट, प्रोफेसर अर्चना श्रीवास्तव, डॉ. प्रियंका नीरज रुवाली, और डॉ. उर्वशी पाण्डेय सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही।
जीवन कौशल का महत्त्व
जीवन कौशल का महत्व आज के तेजी से बदलते हुए समाज में और भी बढ़ गया है। ये कौशल न केवल हमें आत्मनिर्भर बनाते हैं बल्कि हमें समाज में सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए आवश्यक सभी मानसिक और भावनात्मक संसाधनों से भी लैस करते हैं। प्रो. भट्ट ने अपने व्याख्यान की शुरुआत जीवन कौशल की व्यापक और गतिशील प्रकृति पर चर्चा से की। उन्होंने बताया कि जीवन कौशल में समस्या समाधान, निर्णय लेने, आत्म-जागरूकता, और समय प्रबंधन जैसे कई पहलू शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये कौशल हमें जीवन की चुनौतियों से निपटने और उन्हें अवसरों में बदलने में मदद करते हैं। Life Skills: Attitude and Motivation
प्रेरक उदाहरण Life Skills: Attitude and Motivation
जीवन कौशल को समझाने के लिए प्रो. भट्ट ने कुछ प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किए। उन्होंने अरुणिमा सिन्हा का उदाहरण दिया, जिन्होंने शारीरिक रूप से अक्षम होने के बावजूद माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। यह उदाहरण यह दर्शाता है कि दृढ़ संकल्प और आत्म-विश्वास के साथ कोई भी बाधा पार की जा सकती है। इसी प्रकार, उन्होंने विल्मा रूडोल्फ का उदाहरण दिया, जो बचपन से ही पोलियो से पीड़ित थीं, लेकिन उन्होंने अपनी शारीरिक सीमाओं को पार करते हुए ओलंपिक में विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। एक अन्य उदाहरण जे.के. राउलिंग का था, जिन्हें कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन अपने धैर्य और संकल्प के कारण उन्होंने हैरी पॉटर सीरीज़ के माध्यम से अपार सफलता हासिल की।
अभिवृत्ति और प्रेरणा
प्रो. भट्ट ने अभिवृत्ति और प्रेरणा की अवधारणाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अभिवृत्ति को व्यक्ति के सोचने और व्यवहार करने के तरीके के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि अभिवृत्ति किसी व्यक्ति के जीवन में उसके अनुभवों, विश्वासों और मूल्य प्रणालियों के आधार पर विकसित होती है। यह हमारे निर्णय लेने के तरीकों, हमारे संबंधों और हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने की क्षमता को भी प्रभावित करती है। Life Skills: Attitude and Motivation
प्रो. भट्ट ने प्रेरणा के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि प्रेरणा दो प्रकार की होती है: आंतरिक प्रेरणा और बाहरी प्रेरणा। आंतरिक प्रेरणा वह शक्ति है जो हमें अंदर से कार्य करने के लिए प्रेरित करती है, जबकि बाहरी प्रेरणा वह है जो हमें बाहरी पुरस्कारों या मान्यता के माध्यम से प्रेरित करती है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रेरणा को बनाए रखना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उसे प्राप्त करना। इसके लिए आत्मनिरीक्षण, सकारात्मक आत्म-चर्चा, और सार्थक लक्ष्य बनाना आवश्यक है। Life Skills: Attitude and Motivation
अभिवृत्ति और प्रेरणा के प्रभावी कारण
अभिवृत्ति और प्रेरणा को प्रभावित करने वाले कई प्रमुख कारण होते हैं। प्रो. भट्ट ने समाजीकरण, सामाजिक अधिगम, नैतिक मूल्य, आशावाद, लचीलापन, आत्मविश्वास, अनुकूलनशीलता, सकारात्मक आत्म-चर्चा, सार्थक लक्ष्य, कृतज्ञता, दीर्घकालिक प्रेरणा, और बर्नआउट पर काबू पाने जैसे कारकों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि सकारात्मक सोच और स्वस्थ सामाजिक संबंधों के माध्यम से अभिवृत्ति को सकारात्मक दिशा में बदला जा सकता है। इसी प्रकार, आत्म-प्रेरणा को बनाए रखने के लिए आत्म-संयम और आत्म-प्रेरणा के बीच संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
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अभिवृत्ति और प्रेरणा की अन्योन्याश्रयता
प्रो. ज्योति जोशी ने अभिवृत्ति और प्रेरणा की अन्योन्याश्रयता पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अभिवृत्ति और प्रेरणा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों का एक साथ होना जीवन में सफलता और संतुलन के लिए आवश्यक है। उन्होंने संतुलन, आत्मनिरीक्षण, और खुद को सकारात्मक प्रभावों से घेरने के महत्व पर जोर दिया। प्रो. जोशी ने बुद्ध के अंतःप्रज्ञा विचार के साथ अपने विचारों का समापन किया, जिसमें उन्होंने व्यक्तियों से अपना रास्ता खोजने और अपनी क्षमता को अधिकतम करने पर बल दिया। Life Skills: Attitude and Motivation
व्याख्यान का समापन
व्याख्यान का समापन प्रो. अर्चना श्रीवास्तव द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ हुआ। इस व्याख्यान में मंच संचालन का कार्य डॉ. प्रियंका नीरज रुवाली ने किया। इस विशिष्ट व्याख्यान में डॉ. सरोज पालीवाल, डॉ. अर्शी परवीन, डॉ. नवीन राम, डॉ. हरिश्चन्द्र मिश्र और समाजशास्त्र विभाग के सभी शोध और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।
Life Skills: Attitude and Motivation
जीवन कौशल, अभिवृत्ति और प्रेरणा जीवन में सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन तीनों के बीच का संबंध व्यक्ति के समग्र विकास और उसकी मानसिक स्थिति को संतुलित रखने में सहायक होता है। प्रो. भट्ट और प्रो. जोशी के व्याख्यान ने इन अवधारणाओं को स्पष्ट रूप से समझाया और इस बात पर जोर दिया कि एक सकारात्मक अभिवृत्ति और प्रबल प्रेरणा जीवन की कठिनाइयों को आसानी से पार करने में सक्षम बनाती है। यह व्याख्यान छात्रों और शिक्षाविदों के लिए एक प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक अनुभव रहा।