कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल ने हाल ही में इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल तथा विजिटिंग प्रोफेसर डायरेक्टोरेट के सहयोग से “सेल्स एंड मार्केटिंग स्ट्रेटेजी” (Sales and Marketing Strategy) विषय पर एक ऑनलाइन वर्कशॉप का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम युवा उद्यमियों, व्यवसायियों और शिक्षाविदों के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म साबित हुआ, जिसमें उन्होंने व्यवसाय और मार्केटिंग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
आयोजन की पृष्ठभूमि Sales and Marketing Strategy
इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यवसायिक ज्ञान को बढ़ावा देना और प्रतिभागियों को सेल्स और मार्केटिंग की हालिया रणनीतियों से अवगत कराना था। प्रो. आशीष तिवारी, निदेशक कुमाऊं विश्वविद्यालय इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल, ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया और सभी प्रतिभागियों का अभिनंदन किया।
विषय का परिचय
प्रो. ललित तिवारी, निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर सेल, ने विषय का परिचय देते हुए कार्यक्रम के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल विद्यार्थियों को बल्कि विशेषज्ञों को भी अपने ज्ञान को साझा करने और सीखने का अवसर मिलता है।
ई मार्केटिंग पर व्याख्यान
कार्यक्रम का पहला सेशन डॉ. विजय कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर वाणिज्य विभाग, डीएसबी परिसर नैनीताल द्वारा “ई मार्केटिंग” विषय पर विस्तृत व्याख्यान के साथ शुरू हुआ। उन्होंने ई मार्केटप्लेस के विभिन्न पहलुओं को समझाने के लिए प्राइवेट और गवर्नमेंट मार्केटप्लेस का उदाहरण दिया। डॉ. विजय कुमार ने बताया कि डिजिटल युग में ई मार्केटिंग की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है और कैसे यह व्यवसाय के विकास में सहायक है।
मार्केटिंग स्ट्रेटजी पर चर्चा
इसके बाद नगर के व्यवसायी अंचल पंत ने “मार्केटिंग स्ट्रेटजी” विषय पर चर्चा की। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि कैसे प्रभावी मार्केटिंग स्ट्रेटजी व्यवसाय को बेहतर बनाने में योगदान देती है। अंचल पंत ने डिजिटल मार्केटिंग के महत्व को बताते हुए कहा कि सही मार्केटिंग रणनीतियों का चयन करना व्यवसाय की सफलता के लिए आवश्यक है। उन्होंने विभिन्न टूल्स और तकनीकों के बारे में जानकारी साझा की, जिनके माध्यम से व्यवसायी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
उद्यमिता के अनुभव
एंटरप्रेन्योर अंकित कार्की ने अपने उद्यमी अनुभव को साझा करते हुए सेल्स और मार्केटिंग में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी कंपनी में विभिन्न मार्केटिंग स्ट्रेटिजीज को लागू किया और किस प्रकार से उन्होंने चुनौतियों का सामना किया। अंकित का अनुभव सुनकर प्रतिभागियों को प्रेरणा मिली और उन्होंने जाना कि उद्यमिता में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और सही रणनीतियों की आवश्यकता होती है।
प्रतिभागियों की सक्रियता
इस वर्कशॉप में करीब 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें प्राध्यापक, विद्यार्थी और व्यापारिक लोग शामिल थे। वैज्ञानिक पैनल के अन्य सदस्यों में प्रो. जया तिवारी, डॉ. रीना साह, डॉ. जोशी और डॉ. ऋचा गिंगवाल शामिल थे। सभी प्रतिभागियों ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया और सक्रिय रूप से प्रश्न पूछे तथा विचार-विमर्श में भाग लिया।
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Sales and Marketing Strategy
कुल मिलाकर, कुमाऊं विश्वविद्यालय में आयोजित यह ऑनलाइन वर्कशॉप सेल्स और मार्केटिंग स्ट्रेटजी पर ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रही। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों ने अपनी जानकारी और अनुभव को साझा करने का अवसर प्राप्त किया। इससे न केवल प्रतिभागियों की सोच में खुराक मिली, बल्कि उन्हें मार्केटिंग के क्षेत्र में नई दिशा भी मिली।
इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित होने चाहिए ताकि युवा उद्यमियों और विद्यार्थियों को व्यवसायिक दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण और ज्ञान मिल सके। कुमाऊं विश्वविद्यालय का यह प्रयास सराहनीय है और इसे भविष्य में और अधिक विस्तारित किया जाना चाहिए।
यह वर्कशॉप न केवल ज्ञान के आदान-प्रदान का माध्यम बनी, बल्कि नए विचारों और दृष्टिकोणों को भी सामने लाई, जिससे उपस्थित सभी व्यक्तियों को लाभ हुआ। हमें उम्मीद है कि आगामी वर्षों में इस प्रकार के और अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो विद्यार्थियों और व्यवसायियों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
आगे की योजना Sales and Marketing Strategy
फिर भी, यह स्पष्ट है कि डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया तेजी से बदल रही है। इसलिए, विश्वविद्यालय को इस ज्ञान को और अधिक विस्तारित करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। विकेन्द्रीकृत तकनीकें, सोशल मीडिया और ऑनलाइन मार्केटिंग की रणनीतियाँ न केवल व्यवसायिक क्षेत्र में बदलाव लाने वाली हैं, बल्कि वे कई नए अवसरों का निर्माण भी करेंगी।
इस प्रकार, कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह ऑनलाइन वर्कशॉप न केवल एक अद्भुत अनुभव साबित हुआ, बल्कि यह एक स्थायी परिवर्तन का संकेत भी है, जिसमें शिक्षा और उद्यमिता का सामंजस्य दिखाई दिया।