Jobs Army उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों के लिए प्रवासी भारतीय जनशक्ति योजना: रोजगार का एक नया द्वार
Jobs Army: उत्तराखंड, जो देशभर में अपने बहादुर सैनिकों के लिए प्रसिद्ध है, अब अपने पूर्व सैनिकों को एक नया और महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करने जा रहा है। राज्य सरकार और उत्तराखंड पूर्व सैनिक कर्मचारी निगम (उपनल) ने मिलकर एक योजना तैयार की है, जिसके तहत हर साल करीब 1,000 पूर्व सैनिकों को विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। यह योजना प्रवासी भारतीय जनशक्ति योजना के अंतर्गत तैयार की गई है और इसका उद्देश्य विदेशों में उच्च मांग वाले क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों को नौकरियों के लिए भेजना है।
योजना की आवश्यकता और उद्देश्य Jobs Army
उत्तराखंड में एक बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक हैं, जो सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद नई नौकरियों की तलाश करते हैं। उनकी सेवा और अनुशासन के अनुभव को ध्यान में रखते हुए, प्रवासी भारतीय जनशक्ति योजना का उद्देश्य उन पूर्व सैनिकों को ऐसे रोजगार अवसर प्रदान करना है जो न केवल उन्हें आर्थिक सुरक्षा देंगे, बल्कि उनके पेशेवर कौशल का भी सही उपयोग करेंगे। विदेशों में बढ़ती सुरक्षा और प्रबंधन की मांग को देखते हुए, यह योजना उन क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों को नियुक्त करने का एक महत्वपूर्ण कदम है जहां उनकी सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता है। Jobs Army
उपनल की भूमिका
उत्तराखंड पूर्व सैनिक कर्मचारी निगम (उपनल) इस योजना के तहत मुख्य भूमिका निभा रहा है। उपनल के प्रबंध निदेशक, ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट (सेनि.), ने जानकारी दी कि हर साल औसतन 1,000 पूर्व सैनिकों को विदेशों में नौकरी के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इस योजना के माध्यम से, पूर्व सैनिकों को उस क्षेत्र में नौकरी के लिए भेजा जाएगा जहाँ उनकी सेवाओं की सबसे अधिक मांग है।
उपनल का मुख्य उद्देश्य केवल पूर्व सैनिकों को रोजगार देना नहीं है, बल्कि उन्हें उचित प्रशिक्षण और समर्थन प्रदान करना भी है ताकि वे विदेशों में आसानी से समायोजित हो सकें और वहां के कामकाजी माहौल के अनुरूप खुद को ढाल सकें।
उपनल मुख्यालय का निर्माण
वर्तमान में, उपनल को राजपुर रोड पर सरकार द्वारा साढ़े चार बीघा मुफ्त जमीन दी गई है, जहां 30 साल की लीज पर आठ मंजिला मुख्यालय का निर्माण किया जाएगा। यह नया मुख्यालय उपनल के कामकाज को और सुचारू बनाएगा और भविष्य में अधिक सैनिकों को रोजगार दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस मुख्यालय के निर्माण से उपनल की क्षमता बढ़ेगी, और यह विदेशी रोजगार के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में भी पूर्व सैनिकों को नौकरी दिलाने में सहायक साबित होगा।
रोजगार के अवसर और निविदाएं
उत्तराखंड से पूर्व सैनिकों को देश और विदेश में विभिन्न स्थानों पर भेजने के लिए उपनल ने निविदाएं जारी की हैं। वर्तमान में, मध्य प्रदेश, असम, ओडिशा, और चेन्नई जैसे राज्यों में करीब 1,000 निविदाएं जारी की गई हैं, जिनके तहत उत्तराखंड से सुरक्षा कर्मियों को भेजा जाएगा। ये निविदाएं न केवल उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों को रोजगार प्रदान करेंगी, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी उनकी सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देंगी।
विदेशों में नौकरी की संभावनाएँ
प्रवासी भारतीय जनशक्ति योजना के तहत, पूर्व सैनिकों को मुख्य रूप से सुरक्षा सेवाओं, प्रबंधन, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नियुक्त किया जाएगा। विदेशों में सुरक्षा सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है, और पूर्व सैनिकों का अनुभव और अनुशासन उन्हें इस क्षेत्र में एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है। इसके अलावा, विदेशों में काम करने से उन्हें न केवल आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा, बल्कि वे अपने कौशल और अनुभव को भी वैश्विक स्तर पर मान्यता दिला सकेंगे।
प्रशिक्षण और अनुकूलन Jobs Army
विदेशों में नौकरी के लिए जाने से पहले, पूर्व सैनिकों को उपनल द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में उन्हें विदेशों की संस्कृति, कानून, और कार्यशैली से परिचित कराया जाएगा, ताकि वे वहां के माहौल में आसानी से समायोजित हो सकें। इसके अलावा, उनके लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा के उपाय भी सुनिश्चित किए जाएंगे, ताकि वे विदेश में किसी भी चुनौती का सामना कर सकें। Jobs Army
विदेशों में नौकरी का अनुभव: लाभ और चुनौतियां
विदेशों में नौकरी करने से पूर्व सैनिकों को कई लाभ मिलेंगे। सबसे प्रमुख लाभ तो यह है कि उन्हें अपने परिवार के लिए एक स्थिर आय का स्रोत मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें अपने पेशेवर जीवन में नई चुनौतियों का सामना करने और अपने कौशल को और निखारने का मौका मिलेगा।
हालांकि, इसके साथ कुछ चुनौतियां भी हैं। विदेशों में काम करने का अनुभव भारतीय नौकरी के माहौल से बिल्कुल अलग हो सकता है। वहां के कानून, नियम, और संस्कृति भिन्न हो सकते हैं, और पूर्व सैनिकों को इन सभी का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। इसीलिए उपनल का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो उन्हें इन सभी चुनौतियों के लिए तैयार करेगा।
योजना की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रवासी भारतीय जनशक्ति योजना उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों के लिए एक अनूठी और महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के माध्यम से, वे न केवल रोजगार प्राप्त करेंगे, बल्कि उनकी सेवाओं और अनुभव को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलेगी। इसके अलावा, यह योजना पूर्व सैनिकों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में भी सहायक होगी।
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उत्तराखंड, जिसे ‘सैनिक भूमि’ भी कहा जाता है, के लिए यह योजना विशेष महत्व रखती है। राज्य के हजारों पूर्व सैनिक, जो देश की सेवा कर चुके हैं, अब इस योजना के माध्यम से अपनी सेवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रदान कर सकेंगे। यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि विदेशों से आने वाली आय से राज्य के आर्थिक विकास में वृद्धि होगी।
भविष्य की संभावनाएँ
प्रवासी भारतीय जनशक्ति योजना के तहत उपनल का यह कदम भविष्य में उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों के लिए और भी बड़े अवसर प्रदान कर सकता है। इस योजना की सफलता से अन्य राज्यों और संगठनों को भी प्रेरणा मिलेगी, और वे भी अपने पूर्व सैनिकों के लिए ऐसे ही कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं।
उपनल का नया मुख्यालय, जो राजपुर रोड पर बनने जा रहा है, इस योजना के विस्तार और सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके माध्यम से, उपनल अधिक सैनिकों को रोजगार दिलाने में सक्षम होगा और उन्हें बेहतर सुविधाएं और समर्थन प्रदान कर सकेगा।
निष्कर्ष
प्रवासी भारतीय जनशक्ति योजना उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों के लिए एक नई दिशा और अवसर का प्रतीक है। यह योजना न केवल उनके लिए रोजगार के नए दरवाजे खोल रही है, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर अपनी सेवाओं को प्रदान करने का मौका भी दे रही है। उपनल की इस पहल से पूर्व सैनिकों को न केवल विदेशों में नौकरी मिलेगी, बल्कि उनकी सेवाओं और अनुभव का सही मूल्यांकन भी किया जाएगा।
इस योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। यह राज्य के विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और देश के अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बनेगा।