ITR Filing & Tax Refund : ITR Filing करने के बाद नहीं किया ये काम तो अटक सकता है Tax Refund; जानिए Refund Status Check करने का Trik
आयकर रिटर्न (ITR Filing) फाइल करना एक महत्वपूर्ण कार्य है जो हर करदाता को समय पर पूरा करना होता है। आयकर विभाग ने इनकम टैक्स फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की है। जो लोग समय पर ITR फाइल नहीं करते, उन्हें जुर्माना देना पड़ता है। लेकिन जिन लोगों ने समय पर ITR फाइल कर दिया है, उनके लिए एक और महत्वपूर्ण कार्य बाकी रहता है – रिफंड का स्टेटस चेक करना। यदि आप ITR फाइल करने के बाद कुछ महत्वपूर्ण काम नहीं करते हैं, तो आपका रिफंड अटक सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि रिफंड अटकने की वजहें क्या हो सकती हैं और रिफंड का स्टेटस कैसे चेक करें।
ITR फाइल करने के बाद महत्वपूर्ण कदम ITR-Filing-&-Tax-Refund
- ITR वेरिफिकेशन: ITR फाइल करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण कदम है ITR वेरिफिकेशन करना। यदि आपने अपना ITR वेरिफाई नहीं किया है, तो आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा और आपका रिफंड अटक सकता है। ITR वेरिफिकेशन के कई तरीके हैं:
- आधार ओटीपी के माध्यम से
- नेट बैंकिंग के माध्यम से
- डीमेट अकाउंट के माध्यम से
- बैंक अकाउंट के माध्यम से ई-वेरिफाई करना
- फिजिकल वेरिफिकेशन (ITR-V को प्रिंट करके सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर, बेंगलुरु को भेजना)
- बैंक खाते का प्री-वैलिडेशन: आयकर विभाग आपके रिफंड को सीधे आपके बैंक खाते में जमा करता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपका बैंक खाता प्री-वैलिडेटेड हो और आधार से लिंक हो। आप अपने आयकर पोर्टल पर लॉगिन करके अपने बैंक खाते को प्री-वैलिडेट कर सकते हैं।
- सही जानकारी का उल्लेख: यह सुनिश्चित करें कि आपने अपने ITR में सही जानकारी दी है। किसी भी प्रकार की गलती या मिसमैच की स्थिति में आपका रिफंड अटक सकता है। विशेषकर, आपके पैन नंबर, बैंक खाता विवरण, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी सही होनी चाहिए।
रिफंड अटकने की वजहें
- ITR वेरिफिकेशन नहीं किया: जैसा कि पहले बताया गया है, ITR वेरिफिकेशन नहीं करने पर रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा और रिफंड अटक जाएगा।
- बैंक खाते का प्री-वैलिडेशन नहीं हुआ: यदि आपका बैंक खाता प्री-वैलिडेटेड नहीं है या आधार से लिंक नहीं है, तो आपका रिफंड प्रोसेस नहीं होगा।
- गलत बैंक खाता विवरण: अगर आपने अपने ITR में गलत बैंक खाता विवरण दिया है, तो आपका रिफंड गलत खाते में जा सकता है या फिर प्रोसेस नहीं होगा।
- डॉक्यूमेंटेशन में कमी: किसी भी जरूरी दस्तावेज की कमी या त्रुटि के कारण भी आपका रिफंड अटक सकता है। जैसे कि फॉर्म 16, फॉर्म 26AS, और अन्य जरूरी दस्तावेजों का मिलान न होना।
- पेंडिंग टैक्स ड्यूज: अगर आपके ऊपर कोई पेंडिंग टैक्स बकाया है, तो आयकर विभाग पहले उस बकाया राशि को समायोजित करेगा और शेष राशि का रिफंड करेगा।
रिफंड स्टेटस चेक करने का तरीका
- आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से:
- सबसे पहले आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें।
- अपने यूजर आईडी (PAN), पासवर्ड और कैप्चा कोड दर्ज करें।
- लॉगिन करने के बाद, ‘माय अकाउंट’ टैब में जाएं और ‘रिफंड स्टेटस’ विकल्प पर क्लिक करें।
- यहां आप अपने रिफंड का स्टेटस देख सकते हैं।
- TIN-NSDL वेबसाइट के माध्यम से:
- TIN-NSDL वेबसाइट पर जाएं।
- अपना पैन नंबर, असेसमेंट ईयर, और कैप्चा कोड दर्ज करें।
- ‘प्रोसीड’ बटन पर क्लिक करें।
- यहां आपको अपने रिफंड का स्टेटस दिखाई देगा।
- बैंक खाते के माध्यम से:
- यदि आपका बैंक खाता प्री-वैलिडेटेड और आधार से लिंक है, तो आप अपने बैंक के नेट बैंकिंग पोर्टल के माध्यम से भी रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं।
- नेट बैंकिंग में लॉगिन करें और ‘इन्कम टैक्स रिफंड’ या ‘आयकर रिफंड’ सेक्शन में जाकर स्टेटस चेक करें।
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आयकर रिटर्न फाइल करने के बाद रिफंड का इंतजार करना हर करदाता के लिए एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन यदि आपने कुछ महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए हैं, तो आपका रिफंड अटक सकता है। ITR वेरिफिकेशन, बैंक खाते का प्री-वैलिडेशन, और सही जानकारी का उल्लेख करना अनिवार्य है। यदि आपका रिफंड 4-5 हफ्ते के अंदर नहीं आता है, तो ऊपर बताए गए तरीकों से आप रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं। ITR-Filing-&-Tax-Refund
आयकर विभाग की प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि आपको अपने रिफंड में किसी प्रकार की देरी का सामना न करना पड़े। यह जानकारी न केवल आपको समय पर रिफंड प्राप्त करने में मदद करेगी, बल्कि आपको आयकर प्रक्रियाओं के प्रति अधिक जागरूक भी बनाएगी।