IQAC of Kumaon University Conferance कुमाऊं विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी ने ए क्यू ए आर मानदंड की समझ और कार्यान्वयन को बढ़ावा देना…
कुमाऊं विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी ने एक कार्यशाला आयोजित की जिसमें ए क्यू ए आर मानदंड की समझ और कार्यान्वयन को बढ़ावा दिया गया। आगामी नाक विजिट के दृष्टिगत इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ दीपक्षी जोशी ने किया और संयुक्त निदेशक प्रोफ़ेसर गीता तिवारी ने प्रथम सत्र की शुरुआत की। आई क्यू ए सी ने सभी विभागीय समन्वयकों को नैक पोर्टल में एक्यू ए आर के सभी मानदंड और मैट्रेसेस को विस्तार पूर्वक समझाया। द्वितीय सत्र में उनकी समस्याओं का समाधान किया गया।
कार्यक्रम में प्रोफेसर चंद्रकला रावत, प्रोफेसर एचसीएस बेस्ट, प्रोफेसर दिव्या उपाध्याय, डॉक्टर ऋषाभ कुमार, डॉ नंदन सिंह, डॉक्टर मनीष संगुरी, डॉक्टर निर्मित शाह, हर्ष चौहान सहित विभागों के संयोजक आदि उपस्थित रहे।
भूगोल विभाग में 15वें हिमालय और तिब्बत को नापने वाले पं. नैन सिंह रावत स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। पं. नैन सिंह रावत ने भौगोलिक सर्वेक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया। भूगोल विभाग के अध्यक्ष पो. आर. जोशी ने उनका स्वागत किया। भूगोल विद प्रोफेसर जे. एन. पाण्डे ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भारतीय संस्कृति पर व्याख्यान दिया। प्रो पाण्डे ने कहा कि भारत की सभ्यता ने इसे अलग और श्रेष्ठ बनाया है।
कार्यक्रम में डॉक्टर मोहन लाल, डॉक्टर गोकुल सत्याल, डॉक्टर मसूम रेज़ा, डॉक्टर रेखा, लक्ष्मण सहित शोधार्थी और विद्यार्थी भी उपस्थित थे। कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल, के डी०एस०बी०परिसर, संस्कृतविभाग में “स्वर्ण जयन्ती कुमाऊं विश्वविद्यालय के उपलक्ष्य में एक “व्याख्यान” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संरक्षक के रूप में प्रो नीता बोरा शर्मा, प्रो विनय कुमार विद्यालंकार, एस. एस. जे. विश्वविद्यालय परिसर, चम्पावत, प्रो पद्मसिं ह बिष्ट, डी० एस० बी० कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैंनीताल, रहे।
इस कार्यक्रम में संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो जया तिवारी, डॉ लज्जाभट्ट, डॉ नीता आर्या, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ सुषमा जोशी, श्री बी०एस०बिष्ट, श्री दिलीप, एवं शोधच्छात्र भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंगलाचरण के द्वारा हुई और मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया। व्याख्यान से पहले शोधार्थी अनीता ने अपना शोधकार्य मौखिक परीक्षा दी।
Kumaon University कुमाऊं विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी ने ए क्यू ए आर मानदंड की समझ और कार्यान्वयन को बढ़ावा देना, सर्वोत्तम प्रयोग और रणनीतियाँ” पर कार्यशाला आयोजित की । आगामी नाक विजिट के दृष्टिगत उक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया।
डॉ दीपक्षी जोशी ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा संयुक्त निदेशक प्रोफ़ेसर गीता तिवारी ने प्रथम सत्र की शुरुआत की।
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आई क्यू ए सी ने सभी विभागीय समन्वयकों को नैक पोर्टल में एक्यू ए आर के सभी मानदंड और मैट्रेसेस को विस्तार पूर्वक समझाया। द्वितीय सत्र में उनकी समस्याओं का समाधान किया गया।
कार्यक्रम में प्रोफेसर चंद्रकला रावत, प्रोफेसर एचसीएस बेस्ट, प्रोफेसर दिव्या उपाध्याय, डॉक्टर ऋषाेंद्र कुमार, डॉ नंदन सिंह, डॉक्टर मनीष संगुरी, डॉक्टर निर्मित शाह, हर्ष चौहान सहित विभागो के संयोजक आदि उपस्थित रहे।
भूगोल विभाग में 15 वे हिमालय और तिब्बत को नापने वाले पं0 नैन सिंह रावत स्मृति व्याख्यान
कुमाऊं विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में 15 वे हिमालय और तिब्बत को नापने वाले पं0 नैन सिंह रावत स्मृति व्याख्यान आयोजित किया गया ।
पं0 नैन सिंह रावत के भौगोलिक सर्वेक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लखनीय योगदान किया ।भूगोल विभागअध्यक्ष पो0 आर0सी0जोशी, नए सभी का स्वागत किया ।भूगोल विद प्रोफेसर जे0 एन0 पाण्डे गोरखपुर विश्वविद्यालय ने भारतीय संस्कृति पर व्याख्यान दिया ।प्रो पांडे ने कहा कि भारत की सभ्यता ने इसे अलग एवम श्रेष्ठ बनाया है ।उन्होंने शहर के नाम पर बाद तथा पुर लगाने के पीछे अंग्रेजो के सोच बताया ।प्रो पांडे ने कहा कि भारत पर आतताइओ नए हमले करे पर भारत जो विविधता का देश है वो कभी कमजोर नी हुआ।
एमबीपीजी कॉलेज के प्रो0 बी0आर0 पन्त, नए पंडित नैन सिंह के कार्य प्रस्तुत किया । निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर प्रो0 ललित तिवारी ने पं0 नैन सिंह रावत स्मृति पर प्रो जे एन पांडे को शॉल उड़ाकर सम्मानित किया। पं0 नैनसिंह रावत का जन्म 21 अक्टूवर 1830 को जोहार घाटी के मिलम गाॅव में हुआ था।
नैन सिंह रावत ने 19 वी शताब्दी में तिब्बत को पैदाल नापा था। उन्होने हिमालय की लंबी लंबी पैदल यात्राएं कर दुनिया के सामने तिव्वत का नक्शा तैयार किया था। नैन सिंह रावत ने ब्रह्मपुत्र नदी के साथ लगभग 800 किलोमीटर पैदल या़त्रा की और स्वांग पो और ब्रह्मपुत्र एक ही नदी है। ल्हासा की समुद्रतल से ऊचाई एवं अक्षांश देशान्तर क्या है। सबसे पहले दुनिया को बताया।
पैदल सर्वे करने वाले नैन सिंह को अंग्रेजो ने उस दौर में बड़े माने जाने वाले काम्पेनियन इंडियन अवार्ड से सम्मानित किया था। रायल ज्योग्राफीकल सोसाइटी द्वारा दिए जाने वाले सम्मान विक्टोरिया स्वर्ण पदक पाने वाले वह पहले भारतीय थे। कार्यक्रम में डॉक्टर मोहन लाल ,डॉक्टर गोकुल सत्याल एमबीपीजी कॉलेज ,डॉक्टर मसूम रेज़ा , डॉक्टर रेखा विसनोई, लक्ष्मण सहित शोधार्थी एवम विद्यार्थी उपस्थित रहे ।
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कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल , के डी०एस०बी०परिसर , संस्कृतविभाग में “ स्वर्ण जयन्ती कुमाऊं विश्वविद्यालय के उपलक्ष्य में एक “व्याख्यान” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संरक्षक के रूप प्रो० नीता बोरा शर्मा परिसर निदेशिका कुमांऊ विश्वविद्यालय, नैनीताल, मुख्यवक्ता के रुप में प्रो० विनय कुमार विद्यालंकार, संस्कृत विभागाध्यक्ष एस० एस० जे० विश्वविद्यालय परिसर,चम्पावत एवं सभाध्यक्ष के रूप में प्रो० पद्मसिंह बिष्ट संकायाध्यक्ष कला, डी० एस० बी० कुमाऊं विश्वविद्यालय,नैंनीताल रहे।
इस कार्यक्रम में संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो० जया तिवारी विभागाध्यक्ष संस्कृत , डॉ ० लज्जाभट्ट ,सह प्राध्यापक, डॉ ० नीता आर्या, सहायक प्राध्यापक, डॉ ० प्रदीप कुमार सहायक प्राध्यापक, डॉ ० सुषमा जोशी सहायक प्राध्यापक, श्री बी०एस०बिष्ट, श्री दिलीप, शोधच्छात्र अर्थशास्त्र, शोधच्छात्र संस्कृत , किरण,सूर्य प्रकाश, ममता, वंशी,ज्योति , सुषमा, संजना,रेनू आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आरम्भ वैदिक मंगलाचरण के द्वारा एवं मुख्यातिथियों के द्वार दीपप्रज्वलन से किया गया। व्याख्यान से पूर्व शोधाच्छात्रा अनीता के द्वारा अपना शोधकार्य मौखिक परीक्षा दी ।