Printing-Advt-ukjosh

Investing Rules बुद्धिमान लोगों ने कैसे अपने नियम तोड़े और सफलता पाई


Investing Rules बुद्धिमान लोगों ने कैसे अपने नियम तोड़े और सफलता पाई

Investing Rules: सफलता की राह में अक्सर नियमों और सिद्धांतों का पालन करना अनिवार्य माना जाता है। लेकिन कई बार, दुनिया के सबसे सफल व्यक्तियों और कंपनियों ने अपनी सफलता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अपने ही बनाए हुए नियमों को तोड़ दिया। यह लेख उन कहानियों पर केंद्रित है जहाँ लोगों ने अपने स्थापित सिद्धांतों का उल्लंघन कर न केवल चुनौतियों का सामना किया, बल्कि अपनी सोच और कार्यशैली में लचीलापन लाकर नई ऊँचाइयों को छुआ।


फेसबुक: विशेषाधिकार से सार्वभौमिकता तक का सफर Break the Rules Investing Rules

2004 में, मार्क ज़करबर्ग ने फेसबुक की स्थापना एक विशेष क्लब के रूप में की थी। शुरुआत में इसे केवल हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों तक सीमित रखा गया। इस नेटवर्क का हिस्सा बनना मानो एक प्रतिष्ठा का प्रतीक था। धीरे-धीरे हार्वर्ड के बाहर के छात्रों में भी इस प्लेटफॉर्म को लेकर रुचि बढ़ी, और फिर इसे अन्य शीर्ष विश्वविद्यालयों के लिए खोला गया।

Break-the-Rules-Facebook-logo
Break the Rules

फेसबुक का प्रारंभिक विचार इसे एक सीमित समुदाय तक सीमित रखना था, लेकिन 2006 में ज़करबर्ग ने एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने फेसबुक को पूरी दुनिया के लिए खोल दिया, जिससे कोई भी 13 साल या उससे अधिक आयु का व्यक्ति इसका हिस्सा बन सकता था। इस बदलाव ने फेसबुक को एक अनूठी पहचान दी और इसे आज का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क बना दिया, जिसके 2024 तक 3 बिलियन से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं।

मार्क ज़करबर्ग का यह निर्णय उनके मूल सिद्धांतों के विरुद्ध था, लेकिन इसी बदलाव ने फेसबुक को उस मुकाम पर पहुँचाया जहाँ आज यह खड़ा है।


एप्पल: बंद सिस्टम से खुले ऐप्स तक

एप्पल अपनी उत्पादों की गुणवत्ता और अनूठी कार्यप्रणाली के लिए जाना जाता है। कंपनी हमेशा से एक बंद पारिस्थितिकी तंत्र (Closed Ecosystem) पर विश्वास करती आई है, जिसमें केवल वही सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर चलते हैं, जो एप्पल खुद बनाता है।

Apple-From-closed-system-to-open-apps
Apple From closed system to open apps

जब आईफोन लॉन्च हुआ था, तब स्टीव जॉब्स का इरादा था कि केवल एप्पल द्वारा बनाए गए ऐप्स ही फोन पर उपलब्ध होंगे। लेकिन उपयोगकर्ताओं और डेवलपर्स के बढ़ते दबाव के बाद, कंपनी ने अपना रुख बदला और 2008 में ऐप स्टोर की शुरुआत की। इससे तीसरे पक्ष के डेवलपर्स को ऐप्स बनाने और आईफोन पर उपयोग करने की अनुमति मिली।

आज, आईफोन की लोकप्रियता में तीसरे पक्ष के ऐप्स का बड़ा योगदान है। अगर एप्पल ने यह परिवर्तन नहीं किया होता, तो शायद आईफोन उस तरह से सफल नहीं हो पाता जैसा आज है।


गूगल: विज्ञापन से दूरी से लेकर विज्ञापन साम्राज्य तक

गूगल के संस्थापकों ने शुरू में विज्ञापनों के विचार का विरोध किया था। उनका मानना था कि विज्ञापन उपयोगकर्ताओं के अनुभव को खराब कर सकते हैं। लेकिन समय के साथ, गूगल ने महसूस किया कि अगर उसे एक स्थायी व्यापार मॉडल बनाना है, तो विज्ञापनों को स्वीकार करना जरूरी होगा।

आज, गूगल का अधिकांश राजस्व विज्ञापनों से आता है, और वह डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी बन चुकी है। गूगल के इस बदलाव ने उसे आर्थिक रूप से मजबूत बनाया, लेकिन यह निर्णय उसके शुरुआती सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत था।


निवेश की दुनिया में नियमों का उल्लंघन

जैक बोगल: निष्क्रिय निवेश के समर्थक

जैक बोगल ने निष्क्रिय निवेश (Passive Investing) की अवधारणा का प्रचार किया। उनका तर्क था कि अधिकांश फंड मैनेजर बाजार से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, इसलिए उन्होंने इंडेक्स फंड्स की शुरुआत की। ये फंड्स केवल बाजार सूचकांकों को फॉलो करते हैं और किसी फंड मैनेजर की जरूरत नहीं होती।

लेकिन दिलचस्प बात यह है कि बोगल के बेटे ने एक सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड चलाया, जिसने 14 वर्षों तक अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि बाद में इस फंड का प्रदर्शन कमजोर हो गया, लेकिन इस उदाहरण से यह साबित होता है कि कभी-कभी सक्रिय प्रबंधन भी सफल हो सकता है।

वॉरेन बफेट: तकनीकी निवेश में बदलाव

वॉरेन बफेट ने हमेशा तकनीकी कंपनियों में निवेश से दूरी बनाए रखी, यह कहते हुए कि वे उन्हें समझ नहीं पाते। लेकिन समय के साथ उन्होंने इस सोच को बदला और एप्पल में बड़ा निवेश किया। आज, एप्पल उनकी सबसे बड़ी होल्डिंग्स में से एक है।

Investing-Rules-Warren Buffett-A-shift-in-tech-investing
Warren Buffett: A shift in tech investing

बेंजामिन ग्राहम: मूल्य निवेश के सिद्धांत का त्याग

ग्राहम, जो वॉरेन बफेट के गुरु थे, हमेशा कम मूल्यांकित (Undervalued) शेयरों में निवेश करते थे। लेकिन उन्होंने एक बार अपने इस सिद्धांत का त्याग किया और GEICO में भारी निवेश किया, जो एक तेजी से बढ़ने वाली कंपनी थी। यह निवेश उनके जीवन का सबसे सफल निवेश साबित हुआ।


नियमों का उल्लंघन: कब और कैसे सही साबित होता है? Investing Rules

इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि कभी-कभी सफलता प्राप्त करने के लिए अपने नियमों को तोड़ना जरूरी हो जाता है। हालांकि, यह निर्णय हमेशा जोखिम भरा होता है। इसलिए, सफल लोग केवल उन परिस्थितियों में अपने नियम तोड़ते हैं, जहाँ उन्हें किसी विशेष अवसर में असाधारण संभावनाएँ दिखाई देती हैं।

नियमों का उल्लंघन करना एक संतुलन की माँग करता है। यह जरूरी है कि व्यक्ति यह समझे कि कब लचीला होना जरूरी है और कब अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना चाहिए।


Investing Rules

फेसबुक, एप्पल, गूगल और बड़े निवेशकों की कहानियाँ हमें यह सिखाती हैं कि कभी-कभी अपने नियमों को तोड़ना सही रणनीति साबित हो सकता है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि नियमों का उल्लंघन अपवाद होना चाहिए, न कि आदत। सफलता प्राप्त करने के लिए लचीलापन और दूरदृष्टि के साथ निर्णय लेना अनिवार्य है।

इन कहानियों से यह भी स्पष्ट होता है कि समय के साथ बदलाव अपनाना और स्थितियों के अनुसार अपने सिद्धांतों में संशोधन करना किसी भी व्यापार या निवेश रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। नियमों का पालन करना जरूरी है, लेकिन जरूरत पड़ने पर उन्हें बदलने की समझ भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

स्किल उत्तराखण्डः युवाओं को मिले साढ़े तीन लाख रुपए मासिक वेतन के ऑफर Anti Ragging Rally डीएसबी परिसर में एंटी ड्रग्स और एंटी रैगिंग रैली: सामाजिक जागरूकता की एक महत्वपूर्ण पहल छात्रों द्वारा बनाए गए मेहंदी के डिज़ाइनों में पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार के डिज़ाइन देखने को मिले Football Tournament 76वें एचएन पांडे इंडिपेंडेंस डे चिल्ड्रन फुटबॉल टूर्नामेंट का आगाज, सैनिक स्कूल ने शानदार प्रदर्शन करते हासिल जीत Gold Price सोने के दामों में 9 फीसदी की कमी; 1 अगस्त से देश में आ जाएगा सस्ता वाला सोना ‘मरद अभी बच्चा बा’ गाना खेसारी लाल यादव और आम्रपाली दुबे की जोड़ी का एक और सुपरहिट गाना Havey Rain उत्तरकाशी में भारी बारिश से तबाही: गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंद, राहत कार्य जारी Manu Bhaker: कैसे कर्मयोग की शिक्षाएं मनु भाकर की सफलता की कुंजी बनीं