Yoga Festival 2024 योग हमें अलगाव नहीं बल्कि जोड़ना सिखाता है पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर योग साधकों का एक अद्भुत समागम है : ukjosh

Yoga Festival 2024 योग हमें अलगाव नहीं बल्कि जोड़ना सिखाता है पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर योग साधकों का एक अद्भुत समागम है

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Yoga Festival 2024 पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर योग साधकों का एक अद्भुत समागम है

International Yoga Festival 2024 पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर योग साधकों का एक अद्भुत समागम है

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव-2024’ में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने गंगा आरती में भी शामिल होकर अपना समर्थन दिया। इस महोत्सव में 75 देशों के 1400 से अधिक योग साधक शामिल हैं।

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International Yoga Festival 2024 पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर योग साधकों का एक अद्भुत समागम है

राज्यपाल ने कहा कि पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर योग साधकों का एक अद्भुत समागम है। उन्होंने सभी को योग के ब्रांड एम्बेसडर बताया और कहा कि योग सिखाने से सभी एक कर्मयोगी बन जाते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि ऋषिकेश विश्व की योग राजधानी के रूप में जाना जाता है और सदियों से यहाँ आध्यात्मिक प्रकाश और कल्याण का प्रतीक रहा है। योग एक सूत्र है जो पूरे विश्व को एकत्रित करता है और मन, मस्तिष्क, और आत्मा को जोड़ता है। योग हमें शांति और आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग दिखाता है।

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राज्यपाल ने कहा कि योग हमें अलगाव नहीं बल्कि जोड़ना सिखाता है और यह विश्व शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वह निरंतर अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की महत्वता को भी उजागर किया।

राज्यपाल ने भारत के नेतृत्व में ’वसुधैव कुटुम्बकम’ की महान भावना का विस्तार किया और योग को एक महत्वपूर्ण साधन माना। उन्होंने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद मुनि के प्रयासों की सराहना की। वह सभी योग साधकों, शिक्षकों, और प्रेरकों का हार्दिक स्वागत करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती सहित विभिन्न देशों के योग साधकों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव-2024’ में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने गंगा आरती में भी शामिल होकर अपना समर्थन दिया। इस महोत्सव में 75 देशों के 1400 से अधिक योग साधक शामिल हैं।

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राज्यपाल ने कहा कि पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर योग साधकों का एक अद्भुत समागम है। उन्होंने सभी को योग के ब्रांड एम्बेसडर बताया और कहा कि योग सिखाने से सभी एक कर्मयोगी बन जाते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि ऋषिकेश विश्व की योग राजधानी के रूप में जाना जाता है और सदियों से यहाँ आध्यात्मिक प्रकाश और कल्याण का प्रतीक रहा है। योग एक सूत्र है जो पूरे विश्व को एकत्रित करता है और मन, मस्तिष्क, और आत्मा को जोड़ता है। योग हमें शांति और आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग दिखाता है।

राज्यपाल ने कहा कि योग हमें अलगाव नहीं बल्कि जोड़ना सिखाता है और यह विश्व शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वह निरंतर अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की महत्वता को भी उजागर किया।

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राज्यपाल ने भारत के नेतृत्व में ’वसुधैव कुटुम्बकम’ की महान भावना का विस्तार किया और योग को एक महत्वपूर्ण साधन माना। उन्होंने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद मुनि के प्रयासों की सराहना की। वह सभी योग साधकों, शिक्षकों, और प्रेरकों का हार्दिक स्वागत करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती सहित विभिन्न देशों के योग साधकों ने कार्यक्रम में भाग लिया।


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