सम्मेलन के उद्देश्य
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के प्रवासी नागरिकों को राज्य के विकास में भागीदार बनाना है। सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को बढ़ावा देना, राज्य की संस्कृति और परंपराओं को विश्व मंच पर प्रस्तुत करना, तथा प्रवासी उत्तराखण्डियों के अनुभवों का लाभ लेना प्रमुख लक्ष्य हैं।
सम्मेलन में आयोजित होने वाले सत्र
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सम्मेलन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न सत्रों का आयोजन किया जाए। इन सत्रों में प्रवासी उत्तराखण्डियों को उनके अनुभव और विशेषज्ञता साझा करने का मौका मिलेगा। नीचे इन सत्रों का विवरण दिया गया है:
1. उद्योग विभाग: मैन्युफैक्चरिंग, पावर और स्टार्टअप्स
- राज्य में उद्योग और स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल माहौल पर चर्चा।
- रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश की संभावनाएं।
- पलायन को रोकने के लिए नए उद्यमों की स्थापना।
2. पर्यटन विभाग: हॉस्पिटैलिटी और वेलनेस
- राज्य में एस्ट्रो टूरिज्म और वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा।
- हेली सेवाओं और सततशील पर्यटन की संभावनाओं पर विचार।
- आयुष और वेलनेस को राज्य के पर्यटन का हिस्सा बनाना।
3. कौशल विकास विभाग: रोजगार और उच्च शिक्षा
- विदेशों में रोजगार के अवसरों की पहचान।
- राज्य में कौशल विकास के लिए नई योजनाओं की शुरुआत।
- स्टार्टअप ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने के उपाय।
4. कृषि और उद्यान विभाग: हॉर्टिकल्चर और ऐरोमैटिक पौधे
- कृषि क्षेत्र में नवाचार और निवेश के अवसर।
- पलायन पर रोक लगाने के लिए आजीविका के नए विकल्प।
- हर्बल मेडिसिन और ऐरोमैटिक पौधों की खेती को बढ़ावा।
सांस्कृतिक और स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन
मुख्य सचिव ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सम्मेलन के दौरान उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति, खानपान, और स्थानीय हस्तशिल्प को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया जाए। यह राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर होगा।
प्रदर्शन की प्रमुख विशेषताएं:
- स्थानीय व्यंजनों का स्वाद।
- हस्तशिल्प और उत्पादों की प्रदर्शनी।
- राज्य के पारंपरिक वाद्ययंत्रों और लोक नृत्यों का प्रदर्शन।
प्रवासी अतिथियों के लिए व्यवस्थाएं
सम्मेलन के दौरान विदेशों से आने वाले प्रवासी अतिथियों के स्वागत-सत्कार के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन
- स्वच्छता और पार्किंग व्यवस्था।
- प्रोटोकॉल और ट्रैफिक प्रबंधन।
- रहने और परिवहन की सुविधा।
- प्रवासी अतिथियों के लिए सम्पर्क अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
पंजीकरण और भागीदारी
बैठक में जानकारी दी गई कि अब तक 17 देशों से कुल 60 प्रवासियों ने सम्मेलन में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें से सर्वाधिक 19 प्रवासी यूएई से हैं। अन्य देशों में जापान, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कनाडा, चीन, यूनाइटेड किंगडम, इण्डोनेशिया, अमेरिका, वियतनाम, ओमान, जर्मनी, आयरलैंड, मलेशिया, नाइजीरिया, और थाईलैंड शामिल हैं।
सत्रों के प्रमुख विषय और चर्चा अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन
1. उद्यम और ऊर्जा सत्र
- रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश के माध्यम से प्रवासियों का सशक्तिकरण।
- उत्तराखण्ड में स्टार्टअप के लिए ईको सिस्टम का विकास।
- राज्य के विकास में प्रवासियों के योगदान पर चर्चा।
2. पर्यटन और वेलनेस सत्र
- हेली सेवाओं और पर्यावरणीय पर्यटन को प्रोत्साहित करना।
- राज्य में आयुष और वेलनेस को बढ़ावा देना।
- होटलों के सततशील और पर्यावरण-अनुकूल आदतों पर चर्चा।
3. उच्च शिक्षा और कौशल विकास सत्र
- विदेश में रोजगार के अवसरों की जानकारी।
- कौशल विकास के नए आयाम।
- देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत रोजगार के अवसर।
4. कृषि, उद्यान और ग्रामीण सत्र
- कृषि और उद्यान क्षेत्र में स्टार्टअप ईकोसिस्टम का विकास।
- आजीविका के नए अवसरों के माध्यम से पलायन पर रोक।
- प्रवासियों के लिए कृषि और उद्यान क्षेत्र में निवेश के अवसर।
सम्मेलन से अपेक्षित परिणाम
यह सम्मेलन उत्तराखण्ड के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। इसके माध्यम से:
- राज्य की अर्थव्यवस्था को नया आयाम मिलेगा।
- प्रवासियों के अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ राज्य को मिलेगा।
- राज्य में नए निवेश और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
- पलायन की समस्या को कम करने के लिए प्रभावी योजनाएं बनेंगी।
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन राज्य के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह सम्मेलन न केवल प्रवासियों को राज्य के साथ जोड़ने का मंच प्रदान करेगा, बल्कि उत्तराखण्ड को एक वैश्विक पहचान भी दिलाएगा।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी और अन्य विभागीय अधिकारियों की सक्रियता और समन्वय से यह आयोजन निश्चित रूप से सफल होगा। सम्मेलन के बाद राज्य में सतत विकास, रोजगार सृजन, और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में नए आयाम स्थापित होंगे। उत्तराखण्ड की जनता और सरकार को इस पहल से बड़ी उम्मीदें हैं, और यह सम्मेलन इन उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेगा।