शिक्षक संगठनों की बैठक: समस्याओं पर मंथन Higher Education
Higher Education: कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) और श्री देव सुमन शिक्षक संघ (सूता) के बीच ऋषिकेश के ललित मोहन शर्मा परिसर में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर गहन चर्चा की गई।
बैठक में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के उस निर्णय पर विचार किया गया जिसमें दस वर्ष की सेवा पूरी कर चुके संविदा प्राध्यापकों और कर्मचारियों को नियमित करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, शिक्षकों के वेतन को यूजीसी नियमों के अनुसार ₹57,700 करने, उनके स्वास्थ्य के लिए शीघ्र गोल्डन कार्ड जारी करने, और ग्रुप इंश्योरेंस की सीमा बढ़ाने के लिए शासनादेश लागू करने की मांग की गई।
प्रोफेसर्स को लेवल 15 देने की मांग Higher Education
बैठक में प्रोफेसर्स को केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तर्ज पर लेवल 15 का लाभ देने की भी मांग की गई। यह कदम प्रोफेसर्स के वेतन और सुविधाओं में समानता सुनिश्चित करेगा।
नए संगठन का गठन: यूटा का उदय Higher Education
बैठक में एक नए संगठन “उत्तराखंड विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ” (यूयूटीए/यूटा) का गठन करने का निर्णय लिया गया। यह संगठन राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के हितों की रक्षा करेगा और उच्च शिक्षा में सुधार के लिए प्रयास करेगा।
नवनियुक्त पदाधिकारी
यूटा के गठन के साथ ही इसके विभिन्न पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई:
- प्रदेश संयोजक: प्रोफेसर नवीन शर्मा (श्री देव सुमन विश्वविद्यालय)।
- प्रदेश अध्यक्ष: प्रोफेसर ललित तिवारी (कुमाऊं विश्वविद्यालय)।
- प्रदेश उपाध्यक्ष: प्रोफेसर कल्पना पंत (श्री देव सुमन विश्वविद्यालय) और डॉ. उमंग सैनी (कुमाऊं विश्वविद्यालय)।
- प्रदेश महासचिव: प्रोफेसर वी.एन. गुप्ता (ऋषिकेश) और डॉ. विजय कुमार (कुमाऊं विश्वविद्यालय)।
- प्रदेश संयुक्त सचिव: प्रोफेसर हेमंत परमार, प्रोफेसर अंजनी दुबे (ऋषिकेश), डॉ. संतोष कुमार, और डॉ. शिवांगी चैन्याल (नैनीताल)।
- कोषाध्यक्ष: डॉ. दीपक्षी जोशी (लॉ कॉलेज)।
अनुभवी नेतृत्व
प्रोफेसर ललित तिवारी, जो वर्तमान में कूटा के अध्यक्ष हैं, पहले भी कई अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। वह फूगता के कार्यकारी सदस्य, कूटा के महासचिव और संयुक्त सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वहीं, प्रोफेसर नवीन शर्मा, जो श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष हैं, को भी संगठन के नेतृत्व का अनुभव है।
उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार का लक्ष्य
यह संगठन न केवल शिक्षकों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का काम करेगा, बल्कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए अन्य विश्वविद्यालयों को भी अपने साथ जोड़ेगा। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि संगठन शिक्षकों के लिए समर्पित होकर कार्य करेगा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
Higher Education
कूटा और सूता की इस संयुक्त बैठक ने शिक्षकों की समस्याओं और उनके समाधान के लिए एक नई दिशा दी है। यूटा का गठन उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार और शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल से न केवल शिक्षकों को लाभ होगा, बल्कि शिक्षा प्रणाली में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे।