Goa Cultural विरासत महोत्सव 2024: गोवा की जीवंत कला, संगीत और संस्कृति का उत्सव
देहरादून में विरासत महोत्सव की धमाकेदार शुरुआत
Goa Cultural: विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2024 ने देहरादून के डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रांगण में अपने दूसरे दिन का शानदार आगाज किया। इस सांस्कृतिक महोत्सव में न केवल कला और संगीत का प्रदर्शन हुआ, बल्कि छात्रों और जनसमूह ने भी विविध रचनात्मक और जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लिया। महोत्सव की शुरुआत स्कूल बच्चों द्वारा मिट्टी से बर्तन बनाने की वर्कशॉप के साथ हुई, जिसमें छात्रों ने पारंपरिक कुम्हार कला का अनुभव किया।
मिट्टी के बर्तनों की वर्कशॉप: कला और कौशल का अद्भुत मेल Goa Cultural
सुबह के कार्यक्रम में श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल और सेंट जूड्स स्कूल के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इन छात्रों ने दिल्ली के उत्तम नगर से आए 64 वर्षीय कुम्हार दुलीचंद से मिट्टी के बर्तन बनाने का हुनर सीखा। दुलीचंद ने बच्चों को गमले, दीये और अन्य सुंदर मिट्टी के बर्तन बनाना सिखाया। उनका कहना था कि यह कला उन्होंने अपने फूफा से 55 साल पहले सीखी थी और आज भी इसे जीवित रख रहे हैं।
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दुलीचंद ने बताया कि, हालांकि वे लंबे समय से दिल्ली में बर्तन बनाने का कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सरकारी सहायता नहीं मिली, जो उनके लिए एक निराशाजनक अनुभव रहा। बच्चों ने इस पारंपरिक कला में गहरी दिलचस्पी दिखाई और सीखने के बाद वे बेहद खुश और प्रेरित महसूस कर रहे थे।
आग से बचाव पर जागरूकता सत्र: सुरक्षा का संदेश
दोपहर के कार्यक्रम में ओएनजीसी की अग्निशमन टीम ने आग से बचाव के तरीकों पर जागरूकता सत्र आयोजित किया। इस सत्र में टीम ने आग लगने की स्थिति में घबराने के बजाय संयम बनाए रखने और बचाव के उपायों को अपनाने पर जोर दिया। टीम के सदस्यों ने अग्निशमन उपकरणों के सही उपयोग के बारे में भी प्रशिक्षण दिया।
सांस्कृतिक संध्या: गोवा की कला और संगीत की जादुई प्रस्तुति
महोत्सव के दूसरे दिन की शाम सांस्कृतिक संध्या के नाम रही, जहां गोवा की संस्कृति का जादू बिखरा। मुख्य अतिथि सुनैना प्रकाश अग्रवाल और न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। गोवा के पारंपरिक कला और संगीत की जीवंत प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। Goa Cultural
श्री गुरु कलामंडल का लोकनृत्य प्रदर्शन
गोवा के पोंडा से आए श्री गुरु कलामंडल के 12 कलाकारों ने महेश गावड़ी के नेतृत्व में अपनी पहली प्रस्तुति दी। इस मंडली ने संगीत और नृत्य के माध्यम से गोवा की लोक परंपराओं का बेहतरीन प्रदर्शन किया। कलाकारों ने तालबद्ध नृत्य और संगीत के जरिए गोवा की सांस्कृतिक गहराइयों को दर्शाया, जिसमें विराज, करण, और प्रसाद जैसे कलाकार प्रमुख भूमिका में रहे।
एल्विश गौस म्यूजिक एन्सेम्बल का संगीतमय जादू
अंतरराष्ट्रीय गायक और बहुभाषी कलाकार एल्विश गौस के नेतृत्व में “एल्विश गौस म्यूजिक एन्सेम्बल” ने अपने संगीतमय प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बैंड ने विभिन्न भाषाओं और संगीत शैलियों का सम्मिश्रण कर एक आकर्षक माहौल बनाया, जिसने दर्शकों को सांगीतिक आनंद की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
केपेमचिम किरनम: गोवा की सांस्कृतिक टेपेस्ट्री
शाम की आखिरी प्रस्तुति 16 कलाकारों के समूह “केपेमचिम किरनम” द्वारा दी गई। एल्विश गौस के निर्देशन में इस समूह ने गोवा के पारंपरिक नृत्य और संगीत की झलक प्रस्तुत की। उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को गोवा की जीवंत और रंगीन संस्कृति से परिचित कराया। लयबद्ध तालों और मनमोहक नृत्य चालों ने दर्शकों के दिलों को छू लिया और एक उत्सवपूर्ण वातावरण बनाया।
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निष्कर्ष: विरासत महोत्सव में गोवा का जादू Goa Cultural
विरासत महोत्सव के दूसरे दिन का आयोजन कला, संस्कृति और जागरूकता का अनूठा संगम रहा। जहां एक ओर छात्रों ने पारंपरिक कुम्हार कला से नई सीख ली, वहीं दूसरी ओर गोवा के कलाकारों ने अपने संगीत और नृत्य से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस महोत्सव ने गोवा की जीवंत परंपराओं और विरासत को देहरादून के लोगों के सामने पेश कर एक यादगार अनुभव बनाया।
विरासत महोत्सव 2024 का यह आयोजन न केवल कला और संस्कृति के प्रदर्शन का मंच बना, बल्कि समाज में रचनात्मकता और सुरक्षा के महत्व पर भी जोर दिया। यह आयोजन आने वाले दिनों में भी कई अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और कार्यशालाओं के माध्यम से लोगों को जोड़ता रहेगा।