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Ganga Snan : टनकपुर बूम स्नान घाट पर डूबने से श्रद्धालु की मौत: गंगा दशहरा पर मातम का साया


Ganga Snan : टनकपुर बूम स्नान घाट पर डूबने से श्रद्धालु की मौत: गंगा दशहरा पर मातम का साया

टनकपुर, उत्तराखंड में गंगा दशहरा के पर्व पर एक हृदयविदारक घटना घटी। गंगा स्नान (Ganga Snan) के दौरान उत्तर प्रदेश के पीलीभीत निवासी 27 वर्षीय हर्ष राठौर पुत्र राम अवतार की डूबने से मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना ने पूरे पर्व के माहौल को शोक में बदल दिया। रविवार शाम 5:00 बजे, जब हर्ष राठौर बूम स्नान घाट पर स्नान कर रहे थे, तभी वह डूब गए। बूम चौकी फोर्स और एसडीआरएफ की टीम लगातार उनके शव को खोजने में जुटी है, लेकिन दूसरे दिन भी उनके शव का पता नहीं चल पाया है।

गंगा दशहरा (Ganga Snan) का पर्व

गंगा दशहरा का पर्व पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन का महत्व अत्यधिक है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां गंगा शिवजी की जटाओं से धरती पर उतरी थीं, ताकि पृथ्वी वासियों के पापों का नाश हो सके। इस पर्व पर घरों के दरवाजों पर दशहरा द्वारा पत्र लगाए जाते हैं और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। टनकपुर में बहने वाली पावन शारदा नदी में भी हजारों भक्तों ने स्नान किया और मां शारदा की पूजा-अर्चना की।

शारदा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़

टनकपुर के शारदा घाट पर गंगा दशहरा के अवसर पर हजारों भक्तों ने स्नान किया और मां शारदा की धूप, अगरबत्ती से पूजा की। इस मौके पर भक्तों ने पुष्प चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं मांगी। शारदा बाबू ने मां शारदा को साड़ी भेंट करने का पर्व भी मनाया। यह परंपरा तब शुरू हुई जब एक श्रद्धालु ने मां शारदा से पुत्र प्राप्ति की मनोकामना की थी और उसकी इच्छा पूरी होने पर उसने मां शारदा को साड़ियां भेंट की थीं। तब से यह साड़ी भेंट कार्यक्रम हर साल मनाया जाता है।

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हर्ष राठौर की दुखद मृत्यु

गंगा दशहरा के पर्व पर, जहां श्रद्धालु भक्तिमय माहौल में डूबे थे, वहीं हर्ष राठौर की असामयिक मृत्यु ने सभी को स्तब्ध कर दिया। हर्ष राठौर का परिवार इस दुखद घटना से गहरे सदमे में है। बूम स्नान घाट पर स्नान करते वक्त हर्ष राठौर अचानक डूब गए। घटना के तुरंत बाद बूम चौकी फोर्स और एसडीआरएफ की टीम ने उनकी खोजबीन शुरू की, लेकिन दूसरे दिन भी उनके शव का कोई पता नहीं चल पाया।

सुरक्षा और सावधानियां

इस घटना ने गंगा दशहरा जैसे पर्वों पर सुरक्षा और सावधानियों की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। इस प्रकार के पवित्र स्नान स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते हैं, और सुरक्षा के इंतजामात अपर्याप्त होने पर दुर्घटनाएं घट सकती हैं। प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों को इस दिशा में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। स्नान घाटों पर पर्याप्त संख्या में लाइफगार्ड्स की तैनाती और श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होना चाहिए।

शोक और संवेदना

हर्ष राठौर की दुखद मृत्यु ने सभी श्रद्धालुओं के दिलों को झकझोर कर रख दिया है। इस दुखद घटना ने गंगा दशहरा के पर्व को शोक में बदल दिया। हर्ष के परिवार को इस कठिन समय में संवेदना और सहानुभूति की आवश्यकता है। समाज के सभी वर्गों को इस समय उनके साथ खड़ा होना चाहिए और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करनी चाहिए।

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धार्मिक और सामाजिक महत्व

गंगा दशहरा (Ganga Snan) का पर्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना करने से पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। टनकपुर में भी श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह के साथ इस पर्व को मनाया। शारदा घाट पर कलश यात्रा निकालकर साड़ी भेंट कार्यक्रम और गंगा आरती का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। गायकों ने सुंदर भक्ति गीत प्रस्तुत किए, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।

भविष्य की दिशा

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे और श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान के लिए प्रेरित करे। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं को भी चाहिए कि वे अपने सुरक्षा के प्रति सचेत रहें और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल सहायता प्राप्त करने के उपाय जानें।

टनकपुर में घटी इस दुखद घटना ने गंगा दशहरा (Ganga Snan) के पर्व को गहरे शोक में बदल दिया। हर्ष राठौर की असामयिक मृत्यु ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और सावधानियों का कितना महत्वपूर्ण स्थान है। हम आशा करते हैं कि हर्ष के परिवार को इस कठिन समय में सहनशक्ति मिले और प्रशासन भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए।


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