Ek Ped Maan Ke Naam "एक पेड़ मां के नाम" थीम पर वृक्षारोपण; जिसमें फलदार और छायादार वृक्ष लगाए गए : ukjosh

Ek Ped Maan Ke Naam “एक पेड़ मां के नाम” थीम पर वृक्षारोपण; जिसमें फलदार और छायादार वृक्ष लगाए गए


Ek Ped Maan Ke Naam “एक पेड़ मां के नाम” थीम पर वृक्षारोपण; जिसमें फलदार और छायादार वृक्ष लगाए गए

राष्ट्रीय सेवा योजना डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल: हरेला महोत्सव के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम

हरेला महोत्सव उत्तराखंड की महत्वपूर्ण पर्व परंपराओं में से एक है, जो पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान विभिन्न प्रकार के वृक्षों का रोपण किया जाता है, जिससे पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाया जा सके। इस महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा 18 जुलाई 2024 को एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य “एक पेड़ मां के नाम” (Ek Ped Maan Ke Naam) थीम पर वृक्षारोपण करना था, जिसमें फलदार और छायादार वृक्ष लगाए गए।

कार्यक्रम की रूपरेखा

हरेला महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष उत्कर्ष बिष्ट, तनिषा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पंकज भट्ट और अन्य छात्र नेताओं ने महत्वपूर्ण सहयोग किया। इस आयोजन में परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, प्रो. सावत्री कैड़ा जंतवाल, डॉ. विजय कुमार, डॉ. ललित मोहन, कुंदन, और विशन समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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कार्यक्रम का महत्व Ek Ped Maan Ke Naam

वृक्षारोपण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और समाज में वृक्षारोपण के महत्व को समझाना था। “एक पेड़ मां के नाम” थीम के तहत, यह संदेश दिया गया कि वृक्ष हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं और इन्हें संरक्षित करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। वृक्ष न केवल हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि यह धरती को हरा-भरा बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा ने की। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में हरेला महोत्सव के महत्व पर प्रकाश डाला और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त किया। प्रो. शर्मा ने कहा कि यह महोत्सव हमें अपनी धरती को हरा-भरा बनाए रखने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने का अवसर प्रदान करता है।

छात्र संघ का योगदान

छात्र संघ अध्यक्ष उत्कर्ष बिष्ट और तनिषा ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छात्रों को वृक्षारोपण के महत्व के बारे में जागरूक किया और उन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पंकज भट्ट ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को विशेष बनाया और वृक्षारोपण में सक्रिय रूप से भाग लिया।

वृक्षारोपण की प्रक्रिया Ek Ped Maan Ke Naam

इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के फलदार और छायादार वृक्ष लगाए गए। वृक्षारोपण की प्रक्रिया को पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल और वैज्ञानिक तरीके से किया गया। प्रत्येक वृक्ष को उचित देखभाल और संरक्षण के साथ लगाया गया ताकि वह भविष्य में फल-फूल सके और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखे।

विशेष अतिथियों का संबोधन

कार्यक्रम में उपस्थित प्रो. सावत्री कैड़ा जंतवाल, डॉ. विजय कुमार, डॉ. ललित मोहन, कुंदन और विशन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने हरेला महोत्सव के महत्व और वृक्षारोपण की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रो. जंतवाल ने कहा कि वृक्षारोपण केवल एक सामाजिक कार्य नहीं है, बल्कि यह हमारी जिम्मेदारी है जिसे हमें पूरी निष्ठा से निभाना चाहिए।

वृक्षारोपण का प्रभाव

इस कार्यक्रम का प्रभाव व्यापक और सकारात्मक रहा। छात्रों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा और इसे निभाने का संकल्प लिया। “एक पेड़ मां के नाम” थीम ने छात्रों में वृक्षारोपण के प्रति एक भावनात्मक जुड़ाव उत्पन्न किया और उन्हें इस दिशा में अधिक प्रेरित किया।

सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूकता

हरेला महोत्सव के दौरान आयोजित इस कार्यक्रम ने समाज में पर्यावरणीय जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। वृक्षारोपण के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि पर्यावरण संरक्षण हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है और इसे निभाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।

भविष्य की योजनाएं

इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के बाद, राष्ट्रीय सेवा योजना डीएसबी परिसर ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प लिया है। वृक्षारोपण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के अन्य उपायों पर भी ध्यान दिया जाएगा, ताकि पर्यावरण को संरक्षित और संवर्धित किया जा सके। इसके अलावा, छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं और सेमिनारों का भी आयोजन किया जाएगा।

निष्कर्ष

Ek Ped Maan Ke Naam राष्ट्रीय सेवा योजना डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा हरेला महोत्सव के अवसर पर आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम एक सराहनीय पहल थी। “एक पेड़ मां के नाम” थीम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समाज में प्रसारित किया और छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद करते हैं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रहने चाहिए ताकि हमारी धरती हरी-भरी और स्वच्छ बनी रहे।


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